
रायपुर, देहरादून। रायपुर क्षेत्र के अपर बद्रीश कॉलोनी के पास स्थित नेशनल पार्क के साल के घने जंगल एक बार फिर माफियाओं के निशाने पर आ गए हैं। राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) के नेता और पर्यावरण प्रेमी सुंदर सिंह रावत “आज़ाद” ने आरोप लगाया है कि माफियाओं ने जंगल पर कब्जा करने की नीयत से खनन सामग्री जंगल में एकत्रित करनी शुरू कर दी है।


सुंदर सिंह रावत ने बताया कि जब उन्होंने इस संदर्भ में रायपुर क्षेत्र के फॉरेस्ट विभाग के अधिकारियों से संपर्क किया, तो अधिकारियों ने यह कहकर हाथ खड़े कर दिए कि यह खनन सामग्री विधायक के प्रतिनिधि की है और विधायक के कहने पर ही जंगल में डाली गई है।
संवाददाता,शैल ग्लोबल टाइम्स/ हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स /उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी, अवतार सिंह बिष्ट
रावत ने कहा, “एक सप्ताह से लगातार फॉरेस्ट विभाग के सक्षम अधिकारियों से जंगल बचाने की गुहार लगाई जा रही है, लेकिन विभाग के कानों पर जूं तक नहीं रेंग रही है। लगता है कि सबकुछ नेताओं के संरक्षण में ही हो रहा है।”
रावत ने आशंका जताई कि जैसे कुछ समय पहले खलांगा स्मारक की जमीन पर रातों-रात कब्जा किया गया था, वैसे ही अपर बद्रीश कॉलोनी के जंगल पर भी माफियाओं की नजर पड़ चुकी है। उन्होंने कहा कि नेताओं के संरक्षण में माफिया इस जंगल को कब्जाने की कोशिश कर रहे हैं, जो बेहद चिंताजनक है।
सुंदर सिंह रावत “आज़ाद” ने आम जनता और मीडिया से अपील की है कि वे इस जंगल को बचाने के लिए एकजुट होकर माफियाओं के खिलाफ आवाज उठाएं। उन्होंने कहा, “अगर अभी कदम नहीं उठाए गए, तो आने वाले समय में प्राकृतिक धरोहर को भारी नुकसान होगा और हरियाली का अस्तित्व खतरे में पड़ जाएगा।”

