रुद्रपुर की सड़कें सच्चाई की गवाह बनीं: होटल अंबर की रात और जीजा जी का पतन (एक नाबालिग के हक की लड़ाई, एक पत्नी की बहादुरी और पुलिस की निष्पक्ष कार्रवाई की कहानी)

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संपादकीय लेख रुद्रपुर की सड़कें सच्चाई की गवाह बनीं: होटल अंबर की रात और जीजा जी का पतन
(एक नाबालिग के हक की लड़ाई, एक पत्नी की बहादुरी और पुलिस की निष्पक्ष कार्रवाई की कहानी)


प्जब खबर ने झकझोरा शहर पत्रकारिता जब जनहित में झंडा उठाती है, तब कई बार वो न्याय की दिशा में पहला कदम बन जाती है। रुद्रपुर की एक छोटी सी गली और शहर के एक चर्चित होटल में घटी एक घटना ने पूरे समाज की अंतरात्मा को झकझोर दिया। यह सिर्फ किसी के पति-पत्नी या प्रेम-प्रसंग का मामला नहीं था, बल्कि एक नाबालिग लड़की के शोषण, परिवार के विश्वासघात और कानून की सख्ती का ऐसा मामला था, जिसने यह सिद्ध कर दिया कि यदि खबर सच्चाई के साथ उठे, तो कानून मजबूती से खड़ा होता है।

संवाददाता,शैल ग्लोबल टाइम्स/ हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स /उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी, अवतार सिंह बिष्ट रुद्रपुर, (उत्तराखंड)


अंदर की कहानी: जीजा जी का रंगीन मिजाज और साले की दुकान का इस्तेमाल ,रुद्रपुर की मटके वाली गली में एक कपड़े की दुकान चलती है। इस दुकान पर अक्सर एक व्यक्ति बैठा नजर आता था जो खुद को ‘जीजा जी’ कहता था। साले के धंधे को परदे की तरह इस्तेमाल कर, यह सज्जन दुकान को मिलने-जुलने का अड्डा बना चुके थे। मोहल्ले में इनकी रंगीन मिजाजी के चर्चे आम थे, पर किसी ने कल्पना नहीं की थी कि मामला एक दिन नाबालिग के साथ होटल में पकड़े जाने तक पहुंच जाएगा।

होटल अंबर का सच: एक रात जो शर्मिंदगी और चेतावनी दोनों बनी
कहते हैं काली करतूत ज्यादा देर छिप नहीं सकती। जीजा जी अपने रंगीले अंदाज़ में इस बार काशीपुर बाईपास रोड स्थित होटल अंबर में एक नाबालिग लड़की को लेकर जा पहुंचे। लेकिन भाग्य ने करवट ली। उनकी पत्नी को भनक लगी और वह मौके पर पहुंच गईं। न सिर्फ उन्होंने होटल में अपने पति को रंगे हाथ पकड़ा, बल्कि बाहर निकल कर उस लड़की को भी घर की बेटी समझकर बचाया।

पत्नी की बहादुरी: चप्पल से पिटाई और आत्मसम्मान की लड़ाई
वह दृश्य किसी फिल्मी कहानी से कम न था। पत्नी ने होटल में हंगामा किया, अपने पति को सार्वजनिक रूप से लताड़ा और चप्पलों से पिटाई कर दी। यह महज गुस्सा नहीं था, बल्कि एक संदेश था — कि अब महिलाएं चुप नहीं बैठेंगी। वह अपने आत्मसम्मान और अन्य महिलाओं की सुरक्षा के लिए उठ खड़ी होंगी।

पुलिस की सक्रियता: एफआईआर दर्ज, पॉक्सो एक्ट में कार्रवाई
पत्नी द्वारा दी गई तहरीर और नाबालिग लड़की के पिता की शिकायत के आधार पर रुद्रपुर पुलिस ने तुरंत एक्शन लिया। आरोपी के खिलाफ पॉक्सो एक्ट और अन्य धाराओं में एफआईआर दर्ज की गई। होटल के रिकॉर्ड खंगाले गए, सीसीटीवी फुटेज कब्जे में लिए गए, और पूरे नेटवर्क की जांच शुरू कर दी गई। यह बताता है कि यदि शिकायत ईमानदारी से हो और मीडिया सजग हो, तो पुलिस भी जनता के साथ खड़ी होती है।


होटल संचालक की भूमिका पर सवाल,सवाल होटल अंबर की भूमिका पर भी उठते हैं। क्या होटल प्रशासन को नहीं पता था कि वह व्यक्ति एक नाबालिग को लेकर आ रहा है? क्या पुलिस सत्यापन और दस्तावेज जांच की कोई प्रक्रिया वहां मौजूद नहीं थी? ऐसी घटनाएं यह सोचने पर मजबूर करती हैं कि क्या होटल महज़ व्यवसायिक लाभ के लिए समाज की नैतिकता से समझौता कर रहे हैं?


काली ग्रोवर कौन? पृष्ठभूमि और चरित्र जीजा जी उर्फ काली ग्रोवर एक ऐसा नाम है जो अब रुद्रपुर की सड़कों पर बदनामी का पर्याय बन गया है। बताया जा रहा है कि उनका विवाह प्रेम विवाह था, लेकिन वह अपनी पत्नी के साथ घरेलू जीवन से ज्यादा बाहर की मित्रता और मौज-मस्ती में लिप्त थे। यह मामला व्यक्तिगत न होकर अब सामाजिक चिंता का विषय बन गया है।


नाबालिग लड़की का पक्ष: चुप्पी में सन्नाटा और न्याय की उम्मीद पीड़िता का पक्ष सबसे महत्वपूर्ण है। सूत्रों के अनुसार, लड़की को कोल्ड ड्रिंक में नशीला पदार्थ पिलाया गया और दोस्ती के बहाने होटल ले जाया गया। यह न सिर्फ आपराधिक है, बल्कि एक नाबालिग के मानसिक और शारीरिक अधिकारों का खुला हनन है। ऐसे मामलों में कानून को और भी संवेदनशील और कठोर होने की आवश्यकता है।

रुद्रपुर पुलिस की सराहनीय भूमिका
इस पूरे मामले में रुद्रपुर पुलिस की भूमिका अत्यंत सराहनीय रही है। उन्होंने न केवल एफआईआर दर्ज की, बल्कि पूरी निष्पक्षता से जांच शुरू की, मीडिया की खबर पर संज्ञान लिया और समाज में भरोसा कायम किया कि अपराधी चाहे जो भी हो, कानून की नजर में सभी बराबर हैं।

सवाल मीडिया से भी: क्या अब हर रिपोर्टिंग यूं असरदार होगी?
यह मामला पत्रकारिता की ताकत का भी उदाहरण है। अगर मीडिया सजग न होती, तो शायद यह मामला दबा दिया जाता, या इसे घरेलू विवाद का नाम देकर टाल दिया जाता। खबर प्रकाशित होते ही पुलिस हरकत में आई और पूरा तंत्र सक्रिय हुआ।

अंतिम शब्द: चेतावनी, सुधार और सशक्तिकरण की मिसाल
यह एक चेतावनी है हर उस व्यक्ति के लिए जो सोचता है कि उसकी गलती किसी के पर्दे के पीछे छिप जाएगी। यह सुधार की उम्मीद है उन पतियों के लिए जो रिश्तों की मर्यादा भूल चुके हैं। और यह सशक्तिकरण की मिसाल है हर उस महिला के लिए जो अन्याय के विरुद्ध खड़ी होती है, चाहे वह होटल के बाहर हो या समाज के बीच।

अब चुप नहीं रहेगी रुद्रपुर की बेटी
रुद्रपुर की यह घटना बताती है कि अब बेटियां चुप नहीं रहेंगी, अब पत्नियां सहन नहीं करेंगी, अब मीडिया झुकेगा नहीं और अब पुलिस बिकेगी नहीं। अब हर गली की आंख खुली है, हर होटल की दीवारें गवाह हैं और हर अपराधी की नींद उड़ी हुई है।



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