शिव अरोड़ा की बढ़ती संगठनात्मक हैसियत पर लगी मुहर, निवेश उत्सव में अमित शाह और सीएम धामी के सबसे करीब दिखे रुद्रपुर विधायक रिपोर्टर: अवतार सिंह बिष्ट, हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स, रुद्रपुर विशेष रिपोर्ट

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रुद्रपुर, उत्तराखंड निवेश उत्सव 2025 के ऐतिहासिक आयोजन के दौरान एक ओर जहां केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की मौजूदगी से कार्यक्रम की गरिमा शिखर पर थी, वहीं इस पूरे आयोजन में रुद्रपुर विधायक शिव अरोड़ा की उपस्थिति ने राजनीतिक गलियारों में चर्चाओं का नया विषय खड़ा कर दिया।

पूरे कार्यक्रम के दौरान शिव अरोड़ा केंद्रीय नेतृत्व के सबसे करीब बैठे नजर आए। न केवल मंच के पास उनकी उपस्थिति रही, बल्कि यह स्पष्ट था कि उन्हें एक विशेष महत्व दिया गया। जबकि अन्य विधायक व जनप्रतिनिधि प्रोटोकॉल के अनुसार दर्शन दीर्घा में बैठे रहे, शिव अरोड़ा की निकटता ने यह संदेश दिया कि रुद्रपुर विधानसभा में उनका राजनीतिक कद लगातार बढ़ता जा रहा है।


मुख्यमंत्री धामी ने दिए परोक्ष संकेत

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपने उद्बोधन में स्पष्ट शब्दों में कहा कि “संगठन में अनुशासन सर्वोपरि है, और जो समर्पण से कार्य कर रहा है, वह ही सम्मान का पात्र है।”

हालांकि उन्होंने किसी का नाम नहीं लिया, लेकिन मंच पर जिस आत्मीयता से उन्होंने शिव अरोड़ा से संवाद किया और उनकी उपस्थिति को सहज बनाए रखा, उससे यह संकेत मिलते हैं कि धामी की नजरों में अरोड़ा एक अनुशासित और कर्मठ विधायक के रूप में स्थापित हो चुके हैं।


संगठन में पकड़, विरोधियों को सख्त संदेश

धामी के बयान को उस संदर्भ में भी देखा जा रहा है जहां हाल के महीनों में कुछ स्थानीय भाजपाई नेता संगठन और सत्ता के बीच असंतुलन की स्थिति बना रहे थे। शिव अरोड़ा ने ऐसी किसी भी गतिविधि से खुद को दूर रखते हुए संगठन की मुख्यधारा के साथ समन्वय बनाए रखा। यही कारण है कि मुख्यमंत्री के मंच से मिला यह परोक्ष समर्थन विरोधियों के लिए भी स्पष्ट संकेत है — पार्टी में अनुशासनहीनता बर्दाश्त नहीं की जाएगी।


जनता से जुड़ाव और प्रशासनिक सक्रियता ने बनाया अलग मुकाम?शिव अरोड़ा को न केवल संगठन में पहचान मिली है, बल्कि उनका जनसंपर्क और समस्याओं के समाधान की तत्परता ने भी उन्हें जनता में लोकप्रिय बना दिया है। चाहे ट्रांजिट कैंप का सुरक्षा मामला हो या रुद्रपुर की ट्रैफिक और स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर प्रशासन पर दबाव बनाना — अरोड़ा हर मोर्चे पर सक्रिय नजर आते हैं।

उनकी यही कार्यशैली उन्हें अन्य विधायकों से अलग और ऊँचा स्थान दिला रही है। निवेश उत्सव जैसे उच्चस्तरीय आयोजन में उनकी विशेष उपस्थिति यह बताती है कि पार्टी नेतृत्व भी अब उन्हें केवल एक विधायक नहीं, बल्कि एक संभावनाशील संगठनकर्ता के रूप में देख रहा है।

2027 की तैयारी में मजबूत भूमिका?उत्तराखंड की सियासत में अब जब 2027 की ओर रणनीतिक दृष्टि से देखा जाने लगा है, तो शिव अरोड़ा जैसे युवाओं की भूमिका और बढ़ती दिख रही है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के सान्निध्य और केंद्रीय नेतृत्व की निकटता से यह तय माना जा रहा है कि अरोड़ा आने वाले समय में रुद्रपुर ही नहीं, बल्कि कुमाऊं क्षेत्र की राजनीति में भी निर्णायक चेहरे के रूप में उभर सकते हैं।

निवेश उत्सव का मंच सिर्फ निवेशकों का स्वागत मंच नहीं रहा, बल्कि यह भाजपा के अंदर शक्ति संतुलन और भविष्य की रणनीति का संदेशवाहक भी बन गया — जिसमें शिव अरोड़ा अब एक उल्लेखनीय चेहरा हैं।


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