अल्मोड़ा: राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय की बदहाल स्थिति और जिलाधिकारी की असफलताओं पर संजय पाण्डे ने उठाए गंभीर सवाल

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अल्मोड़ा। जिले के जाने-माने सामाजिक कार्यकर्ता संजय पाण्डे ने पंडित हरगोविंद पंत जिला चिकित्सालय परिसर में स्थित राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय की दयनीय स्थिति पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने इस संबंध में मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव और राज्यपाल महोदय को शिकायती पत्र भेजते हुए स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार की मांग की है।

✍️ अवतार सिंह बिष्ट | हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स, रुद्रपुर ( उत्तराखंड राज्य निर्माण आंदोलनकारी

संजय पाण्डे ने कहा कि शहर के मध्य में स्थित होने के बावजूद यह आयुर्वेदिक चिकित्सालय लंबे समय से दवाओं और सुविधाओं की भारी कमी से जूझ रहा है। मरीजों को पर्ची तो मिलती है, लेकिन दवाएँ उपलब्ध नहीं होतीं, जिससे उन्हें मजबूरन निजी दुकानों से महंगी दवाएँ खरीदनी पड़ती हैं।

उन्होंने बताया कि पंचकर्म जैसी महत्वपूर्ण आयुर्वेदिक चिकित्सा सुविधा वर्षों से बंद है और केवल कागज़ों में ही मौजूद है। इस संबंध में जब उन्होंने जिला आयुर्वेदिक अधिकारी डॉ. मोहम्मद शाहिद से सवाल किया तो उन्होंने अस्पताल में अतिरिक्त कमरे की कमी” का तर्क दिया, जिसे पाण्डे ने हास्यास्पद बताते हुए अधिकारियों की जिम्मेदारी से बचने का प्रयास करार दिया।

पाण्डे ने जिलाधिकारी पर भी लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि “जनता की वास्तविक आवश्यकताओं को नज़रअंदाज़ किया जा रहा है और जनकल्याणकारी योजनाओं को पलीता लगाया जा रहा है।”

मुख्य मांगें

  1. अस्पताल में दवाओं की नियमित उपलब्धता सुनिश्चित हो।
  2. पंचकर्म और अन्य आयुर्वेदिक सेवाएँ तुरंत शुरू की जाएँ।
  3. शहर में उपयुक्त भवन की पहचान कर चिकित्सालय के लिए स्थायी समाधान निकाला जाए।
  4. लापरवाही के लिए जिम्मेदार अधिकारियों और जिलाधिकारी की उच्चस्तरीय जाँच कर कड़ी कार्रवाई की जाए।

संजय पाण्डे ने चेतावनी दी कि यदि मांगों पर कार्रवाई नहीं हुई तो वे RTI के माध्यम से तथ्यों को सार्वजनिक करेंगे और आवश्यकता पड़ने पर उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर करेंगे।

उन्होंने बताया कि इस मुद्दे को मुख्यमंत्री हेल्पलाइन (क्रम संख्या CHML0920258846185), ईमेल और व्हाट्सएप के माध्यम से भी दर्ज कराया गया है। पाण्डे ने कहा कि “जनहित के मामलों में कोई समझौता नहीं किया जाएगा। अल्मोड़ा के नागरिकों का स्वास्थ्य और कल्याण सर्वोपरि है, और इस चिकित्सालय पर तुरंत कार्रवाई होनी चाहिए।”


डॉ मोहम्मद शाहिद
जिला आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारी
अल्मोड़ा,जिला अल्मोड़ा के नगर आयुर्वेदिक चिकित्सालय में पंचकर्म यूनिट सुचारू रूप से संचालित है और जिले में सर्वाधिक रोगियों का उपचार लेकर लाभान्वित होते आ रहे हैं
पंचकर्म के अतिरिक्त निःशुल्क ECG एवं
नाड़ी तरंगिणी, द्वारा प्रकृति परीक्षण , NCD lab सुविधाएं, औषधियां दी जा रही है। और रोगी लाभान्वित हो रहे हैं

हरगोविंद सिंह जिला चिकित्सालय अल्मोड़ा में
वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी, चिकित्सा अधिकारी, प्राकृतिक चिकित्सा, योग अनुदेशक एवं ऑनलाइन कंसल्टेशन भी लगातार दी जा रही है। साथ ही तेली कंसल्टेश द्वारा भी विशेष सुविधाएं रोगियों को उपलब्ध करा कर लाभान्वित किया जा रहा है।

हां यह सत्य है कि सभी 3 चिकित्सक एक ही कक्ष में अपनी सुविधाएं प्रदान करते आ रहे हैं एक ही कक्ष में तीनों चिकित्सकों द्वारा रोगी उपचार एवं औषधि वितरण किया जा रहा है। कक्ष की कमी होने के कारण उनको अलग-अलग कक्ष में स्थापित करना और नहीं अलग से मेडिसिन डिस्पेंसिंग स्टोर संभव नहीं है। अलग से रूम देना आदरणीय सीएमओ के अधीन है उनसे अनुरोध किया भी है आने वाले समय में वह उपलब्ध कराएंगे तब उसका विस्तार करना संभव हो सकेगा

अल्मोड़ा के जिलाधिकारी महोदय, आयुर्वेद और आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति के उत्थान में सहयोग हेतु जिला अल्मोड़ा में 4 स्थानों पर चिकित्सालय स्थापित करने हेतु स्वीकृत करना आश्वस्त कर चुके है उक्त हेतु प्रस्ताव पत्र निदेशक आयुर्वेदिक एवं युनानी सेवायें उत्तराखंड को भी अनुमति हेतु प्रेषित किया जा चुका है।

वास्तव में वर्तमान समय में आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धतियां और सुविधाओं में अति उत्तम हो रहा है
वर्तमान में आयुर्वेद के 10 एक्सीलेंस ब्रांच विशेष चिकित्साको द्वारा सुविधा दी जाएगी।


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