छत्तीसगढ़ के बीजापुर में जारी नक्सल विरोधी अभियान में सुरक्षाबलों को बड़ी कामयाबी मिली है. इस ऑपरेशन के तहत 26 से ज्यादा नक्सलियों को मार गिराया गया है.

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भारी मात्रा में विस्फोटक, हथियार बनाने वाले अवैध कारखाने और उग्रवादियों का सामान जब्त किया गया है.

संवाददाता,शैल ग्लोबल टाइम्स/ हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स /उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी, अवतार सिंह बिष्ट रुद्रपुर, (उत्तराखंड)

पुलिस अधिकारियों ने बुधवार (7 मई) को जानकारी दी कि कर्रेगुट्टा पहाड़ियों और छत्तीसगढ़-तेलंगाना सीमा पर स्थित पहाड़ियों में 21 अप्रैल को ‘मिशन संकल्प’ नाम से अभियान शुरू किया गया था, जिसमें 24 हजार जवान शामिल हैं.

अधिकारी ने बताया कि ऑपरेशन के दौरान सीआरपीएफ की कोबरा और छत्तीसगढ़ पुलिस की डीआरजी और एसटीएफ इकाइयों के 12 से अधिक जवान अब तक घायल हो चुके हैं. इनमें कोबरा अधिकारी सहायक कमांडेंट सागर बोराडे और कोबरा की 206वीं बटालियन का एक अन्य कमांडो भी शामिल है.

सीआरपीएफ के महानिदेशक (डीजी) ने डाला डेरा

अधिकारियों ने बताया कि इस अभियान के महत्व का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि सीआरपीएफ के महानिदेशक (डीजी) जी पी सिंह 19 अप्रैल से लगातार राज्य में डेरा डाले हुए हैं और कभी रायपुर तो कभी जगदलपुर में जा रहे हैं. अब तक तीन बार कर्रेगुट्टा पहाड़ियों समेत अभियान क्षेत्र का दौरा कर चुके हैं.

उन्होंने बताया कि हर दिन सीआरपीएफ और राज्य पुलिस प्रमुख रायपुर स्थित पुलिस मुख्यालय में दो बार मिलते हैं, ताकि अभियान की समीक्षा की जा सके और यह सुनिश्चित किया जा सके कि भोजन, पानी और गोला-बारूद की आपूर्ति बनी रहे.

अधिकारी ने क्या कहा?

एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ”सीआरपीएफ और छत्तीसगढ़ पुलिस के बीच समन्वय बहुत अच्छा है और यही कारण है कि सुरक्षा बल पहाड़ी पर कब्जा करने और वहां मौजूद अंतिम माओवादी को पकड़ लेने तक क्षेत्र पर कब्जा बनाए रखने में सफल रहे.”

अधिकारियों ने बताया कि संयुक्त बलों ने अब तक लगभग 135 आईईडी बरामद कर इन्हें निष्क्रिय कर दिया है. उन्होंने कहा कि ”अंतिम अभियान” शुरू कर दिया गया है.

हेलीकॉप्टर की ली जा रही है मदद

अधिकारियों ने बताया कि पीएलजीए बटालियन नंबर एक के शीर्ष कमांडर हिडमा और साथ ही देवा जैसे नक्सलियों पर नजर रखने के लिए लगभग चार हेलीकॉप्टर, 20 बड़े और छोटे मानव रहित हवाई यानों (यूएवी) वाले दो ड्रोन स्क्वाड्रन, एनटीआरओ द्वारा उपलब्ध कराए गए उपग्रह चित्रों और मानचित्रों की मदद ली गई.

जानकारी के अनुसार हिडमा को हथियारबंद दस्ते के साथ कर्रेगुट्टा पहाड़ियों में बने एक बंकर के आसपास देखा गया था और इसी सूचना के आधार पर अभियान शुरू किया गया था.


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