
कहा ये भी जा रहा है कि इन परिवारों ने विदेश जाने के लिए निजी जेट का इस्तेमाल किया। पिछले कई दिनों से आसिम मुनीर नजर नहीं आ रहे हैं। ये वही पाकिस्तानी जनरल हैं जिनके हिंदू-मुस्लिम को लेकर भड़काऊ बयान के बाद ही पहलगाम हमला हो गया। अब आसिम मुनीर अचानक गायब हो गए हैं। आखिर वह कहां गए, सवाल उठ रहे हैं।


संवाददाता,शैल ग्लोबल टाइम्स/ हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स /उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी, अवतार सिंह बिष्ट रुद्रपुर, (उत्तराखंड)
क्या बंकर में भूमिगत हुए?
सोशल मीडिया पर मुनीर के लापता होने के कई दावे सामने आए हैं, जिनमें से कुछ का कहना है कि वह देश छोड़कर भाग गए हैं, कुछ का दावा है कि पाकिस्तान के सेनाध्यक्ष लापता हो गए हैं। खबरें ये भी आई हैं कि वह अपनी जान पर खतरे को देखते हुए रावलपिंडी में एक बंकर में भूमिगत हो गए हैं। इन रिपोर्ट्स ने पहले से ही फैली अफवाहों को और हवा दे दी है, जो हैशटैग #MunirOut के साथ एक्स पर ट्रेंड करती रहीं।
इन दिनों जनरल मुनीर को किसी तरह का बयान देते हुए या किसी अन्य जगहों पर नहीं देखा गया है। ऐसे में कयास लग रहे हैं कि जनरल मुनीर बेहद सावधानी से कदम रख रहे हैं। हाल में दिए गए उनके जहरीले भाषण के बाद आतंकी हमले का सीधा कनेक्शन जुड़ रहा है। तनाव के बीच आसिम मुनीर का नजर नहीं आना पाकिस्तान की कोई चाल या रणनीति भी माना जा सकता है। तो क्या इसमें पाकिस्तान की कोई चाल है कि वह भारत को उलझाकर अपनी तैयारियों को तेज कर रहा है। उसने अपनी एयरफोर्स को भी अलर्ट पर रखा है। पाकिस्तान की ओर से आ रहे बयान भ्रम पैदा करने वाले हैं। एक तरफ उसके मंत्री लगातार भड़काऊ बयान दे रहे हैं, दूसरी तरफ वह यूएन सहित बड़े देशों से मामले में दखल देने की भी मांग कर रहा है, ताकि भारत की जवाबी कार्रवाई से बच सके।
आसिम मुनीर के जहरीले बोल
बता दें कि प्रवासी पाकिस्तानी सम्मेलन को संबोधित करते हुए आसिम ने भारत और हिंदुओं के खिलाफ जहर उगला था। उन्होंने कहा था, ‘पाकिस्तान की आने वाली पीढ़ियों को यह बताना होगा कि हिंदू और मुसलमान अलग हैं। हम हिंदुओं से अलग है। दोनों का खान-पान, रहन-सहन, धार्मिक रीति-रिवाज सबकुछ अलग है। इसी वजह से द्वि-राष्ट्र सिद्धांत बना। हम दो मुल्क हैं।’ मुनीर ने कश्मीर का भी राग अलापा। उन्होंने कहा कि कश्मीर पाकिस्तान के गले की नस है। इससे एक बात साफ जाहिर होती है कि पाकिस्तान किसी बड़े हमले की फिराक में था।
भारत के सख्त फैसले
ये अटकलें तब लगाई जा रही हैं जब भारत ने पहलगाम के बैसरन मैदानों में हुए नृशंस आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान को लेकर सख्त फैसले लिए हैं। इस हमले में 26 लोगों की जान चली गई। शुरुआत में लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के सहयोगी द रेजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) ने जिम्मेदारी ली, लेकिन कुछ दिनों बाद उन्होंने यह कहते हुए इससे पल्ला झाड़ लिया कि ये उसका काम नहीं है और वह ‘हैकिंग’ का शिकार हुआ था।
रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ की सफाई
हमले के बाद पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने सफाई देते हुए कहा कि इस हमले से पाकिस्तान का कोई संबंध नहीं है। हम कहीं भी आतंकवाद का समर्थन नहीं करते। पाकिस्तान को दोष मत दीजिए। इस्लामी और अन्य प्रतिरोध घरेलू स्तर पर पनप रहे हैं। लेकिन इसके बाद एआईवाई को एक इंटरव्यू में ख्वाजा ने कबूला कि पाकिस्तान ने किस तरह एक दशक तक आतंकियों को भरपूर समर्थन दिया।
स्काई न्यूज पर हाल ही में दिए गए एक साक्षात्कार में आसिफ ने कहा, आप जानते हैं कि हम अमेरिका और ब्रिटेन सहित पश्चिम के लिए लगभग तीन दशकों से यह गंदा काम कर रहे हैं। उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि पाकिस्तान का इन आतंकवादी संगठनों को समर्थन, प्रशिक्षण और वित्तपोषण देने का लंबा इतिहास रहा है। इस बयान के बात ख्वाजा पूरी तरह घिर गए हैं। उनके इसी बयान को लेकर भारत ने यूएन में पाकिस्तान को घेरा और उसे दुष्ट देश करार दिया।
