शनि जयंती, ज्येष्ठ माह S की अमावस्या को प्रतिवर्ष मनाया जाने वाला हिंदू धर्म का एक पवित्र त्योहार है, जो न्याय और कर्म के देवता भगवान शनि के जन्म के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है.

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शनि जयंती भक्तों के लिए भगवान शनि की पूजा करने, दुर्भाग्य से सुरक्षा पाने और सच्ची भक्ति के माध्यम से सफलता को आमंत्रित करने का का खास दिन है.

संवाददाता,शैल ग्लोबल टाइम्स/ हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स /उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी, अवतार सिंह बिष्ट रुद्रपुर, (उत्तराखंड)

सनातन धर्म में, शनि जयंती का विशेष महत्व है.और इस बार कई शुभ संयोगों के इस दिन होने से ये और खास हो गयी है. ये त्योहार न्याय के देवता भगवान शनि को समर्पित है. इस शुभ अवसर पर, भक्त कर्मफल दाता भगवान शनि की पूजा करते और व्रत भी रखते हैं. ऐसे में कौन सा वो योग जो सिर्फ 7 मिनट के लिए ही इस दिन आयेगा चलिए जानते हैं….

कब है शनि जयंती?

हिंदू कैलेंडर के अनुसार शनि जयंती हर साल ज्येष्ठ माह की अमावस्या को मनाई जाती है. इस वर्ष शनि जयंती 27 मई 2025 को मनाई जाएगी. प्राचीन शास्त्रों के अनुसार, सूर्य देव के पुत्र भगवान शनि का जन्म इसी दिन हुआ था. इसलिए, हर साल ज्येष्ठ अमावस्या को शनि जयंती मनाई जाती है. इस शुभ दिन पर मंदिरों में भगवान शनि की विशेष पूजा की जाती है.

शनि जयंती पर शुभ मुहूर्त

वैदिक पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ माह की अमावस्या तिथि 26 मई को दोपहर 12:11 बजे शुरू होगी और 27 मई को सुबह 8:31 बजे समाप्त होगी.

सिर्फ 7 मिनट रहेगा ये खास योग

ज्येष्ठ अमावस्या यानि की शनि जयंती पर कई शुभ योग बन रहे हैं. सुकर्मा योग सुबह से रात 10:54 बजे तक रहेगा उसके बाद से धृति योग बनेगा तो वहीं सुबह 5:25 बजे से 5:32 बजे तक एक दुर्लभ सर्वार्थ सिद्धि योग भी रहेगा.ये योग सिर्फ 7 मिनट ही रहेगा.इस खास योग में पूजा से आप शनि को प्रसन्न कर सकते हैं इसके अलावा, शिववास योग भी सुबह 8:31 बजे तक रहेगा. मान्यता है कि इस शिववास योग के दौरान, भगवान शिव देवी पार्वती के साथ कैलाश पर्वत पर निवास करते है.

पंचांग विवरण

सूर्योदय 5:23 AM

सूर्यास्त 7:12 PM

चंद्रास्त 7:49 PM

ब्रह्म मुहूर्त 4:03 AM से 4:44 AM

विजय मुहूर्त 2:36 PM से 3:31 PM

गोधुली मुहूर्त 7:11 PM से 7:31 PM

निशिता मुहूर्त 11:58 PM से 12:39 AM

इस दिन कैसे प्राप्त करें शनि कृपा?

इस दिन आप कर्मफलदाता शनि को प्रसन्न करने के लिए व्रत, पूजा पाठ के साथ-साथ दान अवश्य करें. वहीं जिन जातकों की कुंडली में शनि दोष या उन पर शनि की साढ़ेसाती या ढैय्या चल रही है वो शनि के उपाय जरूर करें. ऐसे जातक इस दिन दान करें, शमी और पीपल के पेड़ की पूजा करें, छाया दान करने, तिल और तेल से शनि देव का अभिषेक करें.वहीं अपाहिजों और बुजुर्गों की सेवा अवश्य करें. माना जाता है कि शनिदेव की पूजा करने से व्यक्ति को अपनी इच्छा के अनुसार जीवन में सफलता मिलती है और सभी प्रकार के दुख और बाधाएं दूर होती हैं. मान्यता है कि भगवान शिव की पूजा और भक्ति करने से शनिदेव प्रसन्न होते हैं.


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