हिंदू धर्म में शिवरात्रि का खास महत्व है. इस दिन शिवलिंग पर जल चढ़ाने का विशेष महत्व माना जाता है. ऐसी मान्यता है कि जो भी सावन शिवरात्रि पर व्रत रखकर भगवान का विधि विधान पूजा करता है शिवलिंग का जलाभिषेक करता है तो उसके जीवन के सारे कष्ट दूर हो जाते हैं.

Spread the love

वहीं कावड़ जल चढ़ाने के लिए भी शिवरात्रि का दिन सबसे शुभ माना गया है. वहीं इस साल सावन शिवरात्रि के दिन भद्रावास योग है, तो आइए आपको बताते हैं कि इस साल सावन शिवरात्रि पर जलाभिषेक का शुभ मुहूर्त क्या रहेगा.

चार पहर की पूजा का टाइम

भगवान शिव को जल्दी प्रसन्न करने के लिए उनकी चार पहर पूजा की जाती है. जिसमें जलाभिषे रुद्राभिषेत तकने से भगवान शिव प्रसन्न होकर भक्तों की मनोकामना पूरी करते हैं. वहीं कावंड़िए पवित्र नदियों से लाया हुआ जल भगवान शिव को अर्पित करते हैं.

प्रथम पहर – शाम 7:17 से रात 9:53 तक

द्वितीय पहर- 9:53 से रात 12:28 तक

तृतीय पहर- 12:28 से रात 3:03 तक

चौथा पहर- रात 3:03 से सुबह 5:38

भद्रा साया

23 जुलाई को शिवरात्रि को सुबह 5 बजकर 37 मिनट से दोपहर 03 बजकर 31 मिनट तक भद्राकाल रहेगा. भद्रा के टाइम शुभ काम पूजा-पाठ करना शुभ नहीं माना जाता है. इसलिए भद्रा के टाइम में जलाभिषेक ना करें.

जलाभिषेक करने का टाइम

सावन शिवरात्रि पर पूरे दिन भद्रा साया रहेगा. इसलिए आप ब्रह्म मुहूर्त में ही जलाभिषेक पूजा कर लें. ब्रह्म मुहूर्त 23 जुलाई को सुबह 04:15 से 04:56 तक रहेगा.

शिवरात्रि का महत्व

सावन महीने में पड़ने वाली शिवरात्रि का दिन इसलिए भी खास माना जाता है, क्योंकि धार्मिक पौराणिक मान्यता है कि इस दिन शिव- पार्वती का पुनर्मिलन हुआ था. इस दिन पूजा-पाठ व्रत करना वैवाहिक जीवन के लिए भी बहुत अच्छा माना जाता है. बता दें कि शिवरात्रि पर चारों प्रहर पूजा का महत्व है, लेकिन इस साल सावन शिवरात्रि पर भद्रा का साया भी रहने वाला है.

कई बार रिश्ते तय होकर भी किसी न किसी कारणवश टूट जाते हैं या विलंब हो जाता है। ऐसे में सावन का महीना विशेष रूप से फलदायी माना जाता है, खासतौर पर सावन शिवरात्रि के दिन किए गए उपायों से विवाह संबंधी रुकावटों को दूर किया जा सकता है। सावन शिवरात्रि की तिथि को बहुत ही शुभ और शक्तिशाली माना गया है। आइए जानते हैं कि इस बार सावन शिवरात्रि कब पड़ रही है और कौन-से उपाय लाभकारी माने गए हैं।

सावन शिवरात्रि का महत्व
सावन शिवरात्रि का दिन शिवभक्तों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण होता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इसी दिन भगवान शिव और माता पार्वती का पवित्र विवाह संपन्न हुआ था। ऐसे में अगर कोई व्यक्ति इस दिन श्रद्धा और विधिविधान से भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करता है, तो उसकी विवाह से जुड़ी समस्याओं का समाधान संभव है।

सावन शिवरात्रि 2025 तिथि

  • सावन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि आरंभ: 23 जुलाई, प्रातः 04:39 मिनट पर
  • सावन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि समाप्त: 24 जुलाई, देर रात 02:28 मिनट पर
  • 23 जुलाई 2025 को सावन माह की शिवरात्रि का पर्व मनाया जाएगा।

विवाह संबंधित बाधाएं दूर करने के लिए करें ये उपाय
सावन शिवरात्रि के दिन भगवान शिव और माता पार्वती का विशेष रूप से पूजन करने से विवाह के योग प्रबल होते हैं। यदि किसी जातक को विवाह में लगातार रुकावटों का सामना करना पड़ रहा हो, तो उसे इस दिन भगवान शिव का षोडशोपचार विधि से पूजन करना चाहिए।

Sawan Somwar Vrat Udyapan: सावन सोमवार व्रत का उद्यापन कब और कैसे करें? जानिए सामग्री, महत्व और विधि

शिवलिंग पर दूध में हल्दी मिलाकर अभिषेक करें और माता पार्वती को सुहाग की वस्तुएं जैसे चूड़ी, सिंदूर, बिंदी आदि अर्पित करें। यह उपाय नियमित रूप से करने से जल्दी शुभ समाचार प्राप्त हो सकता है। माना जाता है कि इससे अगले शुभ मुहूर्त तक विवाह निश्चित हो जाता है।

✧ धार्मिक और अध्यात्मिक

Spread the love