
जॉर्ज येओ ने केवल 10 सेकेंड में बता दिया कि डोनाल्ड ट्रंप ने पीएम मोदी को जन्मदिन की शुभकामनाएं क्यों भेजी थी। जॉर्ज ने 10 सेकेंड में बता दिया कि पीएम मोदी की असली ताकत क्या है। संयुक्त राज्य अमेरिका पर एक और प्रहार करते हुए सिंगापुर के पूर्व विदेश मंत्री जॉर्ज येओ ने कहा कि डोनाल्ड ट्रम्प भारत पर दबाव बनाने में विफल रहे और यही कारण है कि उन्होंने बाद में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जन्मदिन की शुभकामनाएं भेजीं।

✍️ अवतार सिंह बिष्ट | हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स, रुद्रपुर ( उत्तराखंड राज्य निर्माण आंदोलनकारी
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ज़ाग्रेब स्कूल ऑफ़ इकोनॉमिक्स एंड मैनेजमेंट में बोलते हुए, येओ ने कहा कि भारत सोचता था कि वह चीन के खिलाफ अमेरिका का इस्तेमाल कर सकता है, अमेरिका सोचता था कि वह चीन के खिलाफ भारत का इस्तेमाल कर सकता है। लेकिन जब यूक्रेन युद्ध हुआ, तो भारत रूस का साथ नहीं छोड़ने वाला था। भारत-पाकिस्तान के बीच हालिया युद्ध के बाद भारत को पता चला कि अमेरिका पाकिस्तान के खिलाफ भारत का समर्थन नहीं करने वाला है। दरअसल, ट्रंप ने पाकिस्तानी सेना प्रमुख को व्हाइट हाउस आमंत्रित किया था, जो ट्रंप को नोबेल पुरस्कार के लिए नामांकित करने पर सहमत हुए थे। ट्रंप प्रशासन ने बार-बार भारत पर रूसी तेल खरीदकर यूक्रेन युद्ध में मदद करने का आरोप लगाया है और इसे नई दिल्ली पर 25% अतिरिक्त टैरिफ लगाने का कारण बताया है।
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इसलिए भारत अडिग रहा। ट्रंप को एहसास हुआ कि आप भारत को धमका नहीं सकते, इसलिए उन्होंने उन्हें जन्मदिन की बधाई भेजी। मोदी ने जवाब दिया कि मेरे दोस्त, आपकी शुभकामनाओं के लिए धन्यवाद।” इसलिए अब हम एक बहुध्रुवीय दुनिया को नए सिरे से आकार लेते हुए देख रहे हैं। अगस्त की शुरुआत में, येओ ने चेतावनी दी थी कि ट्रंप के व्यापक टैरिफ दशकों से चले आ रहे मुक्त व्यापार से एक निर्णायक विराम का संकेत देते हैं और वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं में बड़े व्यवधान का जोखिम पैदा करते हैं। द रायसीना हिल्स की रिपोर्ट के अनुसार, फर्स्ट वॉयस से बात करते हुए, उन्होंने कहा कि ट्रंप एक पुरानी दुनिया में वापस जा रहे हैं जहाँ न तो कोई विश्व व्यापार संगठन था, न ही कोई सबसे ज़्यादा तरजीही देश, और व्यापार राजनीतिक लाभ उठाने का एक ज़रिया बन गया था।
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एक तरफ जॉर्ज येओ बता रहे हैं कि भारत कितना ताकतवर बन गया है और पीएम मोदी कितने ताकतवर बन गए हैं। वहीं दूसरी तरफ भारत के ही कुछ नेता विदेश में जाकर अजीबो गरीब बयान दे रहे हैं। आपको याद होगा कि कुछ दिन पहले कांग्रेस नेता राहुल गांधी कोलंबिया के दौरे पर थे। उन्होंने हमेशा की तरह कोलंबिया में भी कहा कि भारत का लोकतंत्र खतरे में है। इससे पहले भी राहुल गांधी कैब्रिज यूनिवर्सिटी, लंदन और कई जगहों पर यही बयान दे चुके हैं। कोलंबिया में राहुल गांधी ने एक और बयान दिया जब उनसे पूछा गया कि क्या भारत और चीन अगले 50 सालों में दुनिया में एक लीडर की भूमिका निभाने के लिए तैयार हैं। इसके जवाब में उन्होंने कहा कि चीन के बारे में मुझे जानकारी नहीं है। लेकिन मुझे नहीं लगता कि भारत दुनिया में लीडरशिप रोल निभाएगा। ये हमारा मॉडल ही नहीं है। हम इतने अहंकारी नहीं हैं कि ये मान लें कि हमें दुनिया का नेतृत्व करना चाहिए।


