उत्तराखंड में प्रश्नपत्र लीक की जांच के लिए SIT का गठनउत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (यूकेएसएसएससी) की स्नातक स्तरीय परीक्षा के प्रश्नपत्र के लीक होने के आरोपों के चलते राज्य सरकार ने एक विशेष अन्वेषण दल (एसआईटी) का गठन किया है।

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यह निर्णय उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश की निगरानी में लिया गया है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस मामले में सख्त चेतावनी दी है कि उनकी सरकार नकल करने वालों को बख्शने का इरादा नहीं रखती। अधिकारियों के अनुसार, यह पांच सदस्यीय एसआईटी देहरादून की पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) जया बलूनी की अध्यक्षता में गठित की गई है।

✍️ अवतार सिंह बिष्ट | हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स, रुद्रपुर ( उत्तराखंड राज्य निर्माण आंदोलनकारी

जांच की प्रक्रिया और रिपोर्ट

मुख्य सचिव आनंद बर्धन ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि एसआईटी की जांच पूरे प्रदेश में फैली होगी और यह एक महीने के भीतर अपनी रिपोर्ट पेश करेगी। उन्होंने कहा कि छात्रों के हितों की रक्षा करना राज्य सरकार की प्राथमिकता है।

बर्धन ने यह भी स्पष्ट किया कि एसआईटी उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश की निगरानी में काम करेगी और दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।

पुलिस की कार्रवाई और गिरफ्तारियां

पुलिस ने इस मामले में मुख्य आरोपी खालिद मलिक और उसकी बहन साबिया को हरिद्वार से गिरफ्तार किया है। खालिद ने परीक्षा केंद्र से प्रश्नपत्र की तस्वीरें खींचकर अपनी बहन को भेजी थीं, जिसने एक सहायक प्रोफेसर को प्रश्न भेजकर उत्तर प्राप्त किए।

इस बीच, मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि राज्य में एक संगठित प्रयास के तहत ‘नकल जिहाद’ चलाया जा रहा है और उन्होंने नकल माफियाओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया।

राजनीतिक प्रतिक्रियाएं और प्रदर्शन

इस मामले के सामने आने के बाद बेरोजगार युवाओं का प्रदर्शन जारी है, जो दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने इस प्रकरण की केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) से जांच की मांग की है।


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