रुद्रपुर, 28 जुलाई 2025विज्ञान ज्योति कार्यक्रम के अंतर्गत आज नवोदय विद्यालय, रुद्रपुर में अंगदान जागरूकता पर एक प्रेरणादायक गोष्ठी का आयोजन किया गया। इस अवसर पर पूर्व निदेशक चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण उत्तराखंड तथा वर्तमान में नोडल अधिकारी अंगदान जागरूकता अभियान के रूप में डा. उप्रेती मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित रहे।अवतार सिंह बिष्ट विशेष संवाददाता, हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स
डा. L.M उप्रेती ने अपने संबोधन में कहा कि भारत में पिछले पांच वर्षों में केवल 58,000 अंग प्रत्यारोपण किए गए हैं, जबकि प्रतिवर्ष लाखों लोग अंगों के अभाव में दम तोड़ देते हैं। उन्होंने कहा कि आम जनमानस में अंगदान को लेकर जागरूकता का अभाव है और यदि लोग इस विषय में सजग हो जाएं तो हजारों लोगों की जिंदगी बचाई जा सकती है।
उन्होंने जानकारी दी कि जीवित अवस्था में भी एक गुर्दा, लीवर का एक तिहाई भाग, आंत, त्वचा का हिस्सा, बोन मैरो आदि दान किए जा सकते हैं। वहीं, ब्रेन डेड व्यक्ति अपने दो गुर्दे, फेफड़ा, लिवर, हृदय, पैंक्रियाज, आंत, कॉर्निया जैसे अंगों को दान कर कम से कम आठ लोगों को जीवनदान दे सकता है। उन्होंने यह भी बताया कि मृत्यु के तुरंत बाद भी अंगदान संभव है।
डा. उप्रेती ने कहा कि दक्षिण भारत के राज्य अंगदान और प्रत्यारोपण के क्षेत्र में अग्रणी हैं, वहीं दिल्ली-एनसीआर, इंदौर, जयपुर, चंडीगढ़ जैसे शहरों में भी सराहनीय कार्य हो रहा है। उत्तराखंड में हालांकि रक्तदान के क्षेत्र में देशभर में सर्वोत्तम प्रदर्शन हुआ है, लेकिन अंगदान को लेकर अभी लंबा सफर तय करना बाकी है।
उन्होंने सुझाव दिया कि प्रत्येक मेडिकल कॉलेज में अंगदान यूनिट स्थापित की जाए और पाठ्यक्रम में अंगदान को शामिल किया जाए ताकि बचपन से ही बच्चों में यह संस्कार विकसित हो।
इस अवसर पर देवभूमि अंगदान केंद्र के श्री मनीष रावत, श्री सतेंद्र मिश्रा एवं श्री निर्मल राणा ने विद्यार्थियों को नेत्रदान की महत्ता समझाते हुए नेत्रदान संकल्प पत्र भरवाए।
विद्यालय की प्रधानाचार्या श्रीमती कंचन जोशी ने कहा कि यह विद्यालय में पहली बार अंगदान पर आयोजित की गई अत्यंत उपयोगी गोष्ठी है, जिसमें सभी को नई जानकारियाँ प्राप्त हुईं। उन्होंने डा. उप्रेती का स्मृति चिह्न और बुके भेंटकर स्वागत किया।
उप-प्रधानाचार्य श्री प्रमोद कुमार विद्यार्थी ने छात्रों से आह्वान किया कि वे अपने माता-पिता और परिवारजनों से अंगदान पर चर्चा करें और उन्हें जागरूक बनाएं।
गोष्ठी का संचालन श्री विनीत मिश्रा ने प्रभावशाली ढंग से किया।
इस अवसर पर विद्यालय के लगभग 450 छात्र-छात्राओं सहित श्रीमती पूजा सुयाल, श्री मोहन चंद्र सुयाल, श्रीमती संतोष ध्यानी, श्री मोहम्मद कैफ, श्रीमती सुबी उपचारिका एवं विद्यालय परिवार के अन्य सदस्य उपस्थित रहे।
यह आयोजन न केवल ज्ञानवर्धक रहा, बल्कि विद्यार्थियों को मानव सेवा के सबसे ऊंचे आदर्श अंगदान के प्रति प्रेरित भी कर गया।

