आईजी कुमायूँ रिधिम अग्रवाल का औचक निरीक्षण: “जीवन दान नशा मुक्ति केन्द्र बैलजूड़ी” में मिली गंभीर खामियाँ, संचालक पर FIR के निर्देश,नशा मुक्ति केंद्रों पर सवाल:हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स” की खबर का राज्यव्यापी असर

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काशीपुर, 29 अप्रैल 2025 — उत्तराखंड के कुमायूँ परिक्षेत्र की पुलिस महानिरीक्षक (IG) श्रीमती रिधिम अग्रवाल ने थाना कुण्डा क्षेत्रान्तर्गत स्थित “जीवन दान नशा मुक्ति केन्द्र बैलजूड़ी” पर सोमवार देर शाम औचक निरीक्षण कर सनसनीखेज खामियों का खुलासा किया। निरीक्षण के दौरान केन्द्र को न केवल अव्यवस्थित पाया गया, बल्कि गंभीर मानवाधिकार हनन और चिकित्सा लापरवाही की भी पुष्टि हुई।

क्षमता से अधिक मरीज, बुनियादी सुविधाओं का अभाव

निरीक्षण में पाया गया कि केन्द्र में अधिकतम 12 मरीजों की क्षमता के बावजूद 20 मरीज भर्ती हैं। मरीजों को एक हॉल के फर्श पर बिस्तर बिछाकर रखा गया है, जहां वेंटिलेशन की कोई समुचित व्यवस्था नहीं है। शौचालय और रसोई की सफाई भी बेहद खराब पाई गई। मरीजों के लिए कोई नियमित रसोइया नियुक्त नहीं है; इलाजरत मरीज ही भोजन बना रहे हैं। भोजन की मांग पर मरीजों से दुर्व्यवहार की भी पुष्टि हुई।

चिकित्सा सेवाओं में घोर लापरवाही

सबसे चौंकाने वाली बात यह रही कि केन्द्र में कोई प्रशिक्षित चिकित्सक, काउंसलर या समाजसेवी कर्मी तैनात नहीं है। भर्ती प्रक्रिया केवल परिजनों की शिकायत के आधार पर की जाती है, न कि किसी विशेषज्ञ परीक्षण के बाद। इलाज के नाम पर केवल BP और शुगर की जांच हो रही थी। यहां तक कि एक चिकित्सक द्वारा किसी अन्य डॉक्टर के लेटरहेड पर इलाज किया जा रहा था। महीने में चिकित्सक केवल दो बार ही केन्द्र आया, जबकि सप्ताह में कम से कम एक बार आना अनिवार्य है। एक मरीज की तबीयत बिगड़ने पर पता चला कि डॉक्टर हल्द्वानी में हैं।

मानवाधिकार उल्लंघन और सुरक्षा चूक

कई मरीजों ने बताया कि उन्हें परिवारिक विवादों के चलते जबरन केन्द्र में भर्ती किया गया। उनकी कोई काउंसलिंग नहीं की गई और गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं जैसे लीवर, किडनी व फेफड़ों की बीमारियों का इलाज केन्द्र में उपलब्ध नहीं है। सुरक्षा की दृष्टि से केन्द्र में कोई सुरक्षा गार्ड तक नियुक्त नहीं है।

दस्तावेज जब्त, FIR के निर्देश

आईजी श्रीमती रिधिम अग्रवाल ने मौके पर पुलिस अधीक्षक काशीपुर, CMS श्री राजीव चौहान और थाना कुण्डा के प्रभारी निरीक्षक को बुलाकर DVR, मरीज रजिस्टर, रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट सहित अन्य अभिलेखों को कब्जे में लेने के निर्देश दिये। उन्होंने स्पष्ट आदेश दिया कि “नशा मुक्ति केन्द्र की इस स्थिति में संचालन सरकार द्वारा निर्धारित मानकों का घोर उल्लंघन है और इसके संचालक के विरुद्ध तत्काल अभियोग पंजीकृत किया जाये।”

15 दिन में सभी केन्द्रों की होगी जांच

आईजी ने जिले के सभी थाना और चौकी प्रभारियों को निर्देशित किया कि 15 दिनों के भीतर अपने-अपने क्षेत्रों में संचालित नशा मुक्ति केन्द्रों की जांच पूरी करें। लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। साथ ही पारिवारिक विवाद के आधार पर जबरन भर्ती किए गए मरीजों के मामलों की जांच कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के आदेश भी एसपी काशीपुर को दिए गए।


यह मामला उत्तराखंड में संचालित नशा मुक्ति केन्द्रों की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े करता है। क्या राज्य सरकार अब ऐसे केन्द्रों की व्यापक समीक्षा करेगी, या ये निरीक्षण भी महज एक औपचारिकता बनकर रह जाएगा?

नशा मुक्ति केंद्रों पर सवाल: “हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स” की खबर का राज्यव्यापी असर

रुद्रपुर।हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स” में प्रकाशित विशेष रिपोर्ट के बाद उत्तराखंड में संचालित नशा मुक्ति केंद्रों की कार्यप्रणाली पर बड़ा सवाल खड़ा हो गया है। रुद्रपुर से लेकर काशीपुर, हल्द्वानी से देहरादून तक कई केंद्रों में अवैध गतिविधियों, अमानवीय व्यवहार, और बिना प्रशिक्षित स्टाफ के इलाज जैसे गंभीर आरोप सामने आए हैं।

बैलजूड़ी (काशीपुर) के ‘जीवन दान नशा मुक्ति केंद्र’ पर छपी खबर के बाद IG कुमाऊं के औचक निरीक्षण में कई अनियमितताएं उजागर हुईं, जिससे यह स्पष्ट हो गया कि ये केंद्र सुधार की बजाय शोषण के अड्डे बन चुके हैं।

अब मांग उठ रही है कि रुद्रपुर सहित पूरे उत्तराखंड में संचालित सभी नशा मुक्ति केंद्रों की उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिए। यदि समय रहते कार्रवाई नहीं हुई, तो ये केंद्र मानसिक, शारीरिक और सामाजिक उत्पीड़न का बड़ा कारण बन सकते हैं।

“हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स” की ख़बर ने एक बार फिर जनहित में प्रशासन को कार्रवाई के लिए मजबूर किया है। राज्य सरकार को अब कठोर नीति बनाकर इन केंद्रों की पारदर्शी निगरानी सुनिश्चित करनी चाहिए।



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