
हालांकि दोनों देशों के बीच 2021 में संघर्षविराम हुआ था, लेकिन पाकिस्तान की ओर से आतंकवादी समूहों का समर्थन और भारत की ओर से सैन्य प्रतिक्रिया की संभावना तनाव को बढ़ाती है. अमेरिकी खुफिया एजेंसी का मानना है कि पाकिस्तान की ओर से किसी भी प्रकार की उत्तेजना भारत द्वारा सैन्य प्रतिक्रिया को जन्म दे सकती है, जिससे स्थिति और भी गंभीर हो सकती है.


संवाददाता,शैल ग्लोबल टाइम्स/ हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स /उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी, अवतार सिंह
चीन अमेरिका के लिए प्रमुख सैन्य और साइबर खतरा
अमेरिकी खुफिया एजेंसी की रिपोर्ट में चीन को अमेरिका के लिए सबसे बड़ा सैन्य और साइबर खतरा बताया गया है. रिपोर्ट के अनुसार, चीन के पास पारंपरिक हथियारों के साथ-साथ साइबर हमलों और अंतरिक्ष में अमेरिकी संपत्तियों को निशाना बनाने की क्षमता है. इसके अलावा, चीन 2030 तक कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) में अमेरिका को पीछे छोड़ने की योजना बना रहा है. रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि रूस, ईरान, उत्तर कोरिया और चीन संयुक्त रूप से अमेरिका के खिलाफ रणनीतिक अभियान चला रहे हैं.
भारत की रक्षा प्राथमिकताएं
अमेरिकी खुफिया एजेंसी की रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रक्षा प्राथमिकताएँ वैश्विक नेतृत्व, चीन का मुकाबला और भारत की सैन्य शक्ति को बढ़ाने पर केंद्रित हैं. रिपोर्ट के अनुसार, भारत चीन को अपना प्राथमिक विरोधी मानता है और पाकिस्तान को एक सहायक सुरक्षा समस्या के रूप में देखता है. हालांकि दोनों देशों के बीच सीमा पर तनाव कम हुआ है, लेकिन 2020 की गलवान घाटी की घटना के बाद से स्थिति में कोई विशेष सुधार नहीं हुआ है.
पाकिस्तान की सैन्य स्थिति
रिपोर्ट में पाकिस्तान की सैन्य स्थिति और चीन से सहयोग का भी उल्लेख किया गया है. पाकिस्तान अपने परमाणु शस्त्रागार का आधुनिकीकरण कर रहा है और चीन से आर्थिक और सैन्य सहायता प्राप्त कर रहा है. चीन के साथ पाकिस्तान के बढ़ते सैन्य संबंध भारत के लिए चिंता का विषय हैं, क्योंकि इससे क्षेत्रीय शक्ति संतुलन प्रभावित हो सकता है.
