उत्तराखंड में चीन सीमा पर अमरनाथ जैसी बर्फ से बनी शिवलिंग की आकृति मिली है। उत्तरकाशी के नेलांग घाटी क्षेत्र में पर्वतारोहण अभियान के दौरान स्टेट डिजास्टर रेस्पॉन्स फोर्स (एसडीआरएफ) के दल ने इसे खोजा है।

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शिवलिंग के पास नंदी जैसी आकृति भी है।

एसडीआरएफ ने इसकी रिपोर्ट राज्य सरकार को भेजी है। सरकार ने इसे लेकर गंभीरता दिखाई तो उत्तराखंड में भी अमरनाथ जैसी आध्यात्मिक यात्रा शुरू की जा सकती है। उत्तराखंड में ट्रैकिंग की नई संभावनाएं तलाशने के लिए अप्रैल में एसडीआरएफ का 20 सदस्यीय दल नेलांग घाटी की दुर्गम चोटियों को फतह करने निकला था। दल ने नेलांग में नीलापानी क्षेत्र में 6,054 मीटर की एक ऐसी अनाम चोटी को फतह किया, जहां अब तक कोई पर्वतारोहण दल नहीं पहुंचा। इस चोटी पर करीब 4300 मीटर की ऊंचाई पर बर्फ से बनी शिवलिंग की आकृति दिखाई दी।

अमरनाथ से अधिक ऊंचाई : अमरनाथ में शिवलिंग करीब 3,888 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। वहीं नीलापानी में जिस पर्वत पर यह आकृति मिली उसकी ऊंचाई 6,054 मीटर है। शिवलिंग की आकृति करीब 4,300 मीटर की ऊंचाई पर है।

साढ़े चार किलोमीटर लंबा है यह दुर्गम ट्रैक

गंगोत्री से दस किलोमीटर पहले लंकापुल के पास से नेलांग वैली के लिए सड़क मार्ग है। यहां तक पहुंचने के लिए स्थानीय प्रशासन की अनुमति लेनी जरूरी है। नेलांग से नीलापानी तक किसी वाहन से पहुंचने के बाद यह दुर्गम ट्रैक शुरू होता है। इस मार्ग की शुरुआत ही बर्फीले रास्ते के साथ होती है। करीब साढ़े चार किलोमीटर की बर्फ के बीच खड़ी ट्रैकिंग के बाद शिवलिंग जैसी आकृति वाले स्थान पर पहुंचा जा सकता है। बता दें कि लांग वैली में ही पार्वती कुंड भी स्थित है।

मुख्यमंत्री ने दिए निर्देश

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ट्रैकिंग और साहसिक खेलों के लिए नए स्थल विकसित करने का निर्देश राज्य की 25वीं वर्षगांठ पर दिया था। इसके बाद राज्य की उन चोटियों पर एसडीआरएफ की टीम जा रही है, जहां अभी तक मानवीय गतिविधियां नहीं हुई हैं।

अर्पण यदुवंशी, कमांडेंट, एसडीआरएफ, ”एसडीआरएफ ने नीलापानी 66 में अमरनाथ शिवलिंग और नंदी जैसी बर्फ की आकृति खोजी है। जिस पर्वत चोटी पर यह आकृति मिली, अब तक वहां ट्रैकिंग गतिविधियां नहीं हुई हैं।”


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