आषाढ़ मास की पूर्णिमा तिथि बहुत शुभ है। वेदों के रचयिता महर्षि वेदव्यास जी का जन्म इसी दिन होने की वजह से इसे व्यास पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है। इस तिथि को गुरु पूर्णिमा भी कहते हैं क्योंकि यह दिन गुरु के प्रति सम्मान और कृतज्ञता व्यक्त करने का होता है।

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पंचांग के अनुसार इस साल गुरु पूर्णिमा 10 जुलाई को मनाई जाएगी। भगवान से भी ज्यादा महत्व गुरु का होता है। कबीर दास ने इस महिमा को बताने के लिए एक दोहा लिखा था- गुरु गोविंद दोऊ खड़े काके लागूं पाय, बलिहारी गुरु आपने, गोविंद दियो बताय।

इस दोहे का अर्थ है कि गुरु और गोविंद यानी भगवान दोनों एक ही स्थान पर मौजूद हैं। पहले किसके पैर छुएं या सम्मान दें। गुरुदेव आपका बहुत आभार है कि आपने बताया कि भगवान कौन हैं। इस तिथि पर यदि आप अपने गुरु का आदर करते हैं, सम्मान करते हैं, तो आपको भी सम्मान मिलने लगता है।

गुरु की कृपा होने से जीवन का अंधेरा मिटने लगता है। गुरु की कृपा से परमात्मा का ज्ञान होने लगता है। उनकी कृपा से ही ज्ञान मिलता है और बुद्धि भी चलने लगती है। इसलिए गुरु का पूजन इस दिन जरूर करना चाहिए।

गुरु के कमजोर होने से होती हैं ये परेशानी

यदि कुंडली में गुरु ग्रह कमजोर स्थिति में होता है, तो व्यक्ति के जीवन में कई प्रकार की समस्याएं आ सकती हैं। उसे धन और विद्या पाने में परेशानी होती है। पाचन तंत्र संबंधी रोग होते हैं और मान-सम्मान में कमी आ जाती है। दांपत्य जीवन में भी मधुरता नहीं रहती है।

इसके अलावा धन कमाने में कठिनाई, भाग्य का साथ न मिलना, व्यापार में रुकावटें, और नौकरी में तरक्की न मिलना जैसे लक्षण देखे जा सकते हैं। ऐसे में जरूरी है कि गुरु पूर्णिमा के दिन कुछ उपाय किए जाएं, जिससे इस तरह की परेशानियों से राहत मिले।

गुरु पूर्णिमा के दिन क्या करने चाहिए उपाय

  • इस दिन पीली चीजों जैसे चने की दाल, बेसन के लड्डू, पीले कपड़े, हल्दी का दान करना चाहिए।
  • पीतल के बर्तन, केला, केसर आदि का दान भी किसी गरीब व्यक्ति को करने से लाभ होता है।
  • धन की प्राप्ति और सुखों के लिए इस दिन भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा भी करनी चाहिए।

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