
रुद्रपुर की आदर्श कॉलोनी ने हाल ही में एक ऐसा संदेश दिया है जो पूरे उत्तराखंड ही नहीं, देशभर के नागरिक समाज के लिए प्रेरणा है। भीड़ नहीं, यह जागरूकता की क्रांति थी। विरोध नहीं, यह नशा मुक्त समाज की पुकार थी। और नेतृत्व भी कोई आम नहीं, बल्कि पूर्व विधायक राजकुमार ठुकराल और पार्षद हितेश शर्मा जैसे निष्ठावान जनप्रतिनिधियों का था, जिनके समर्पण और दृढ़ता ने इस मुहिम को एक ऐतिहासिक सफलता में बदल दिया।
⚔️ जनता की जिद बनी जन-आंदोलन
आदर्श कॉलोनी में अंग्रेजी शराब की दुकान को कॉलोनी के बीचों-बीच, चौराहे पर खोलने की प्रशासनिक मनमानी के खिलाफ लोगों का गुस्सा फूटा। बच्चे, महिलाएं, बुजुर्ग — सबने एक स्वर में कहा: “शराब की दुकान नहीं चाहिए!” यह कोई क्षणिक विरोध नहीं था। यह वह जनांदोलन था जो वर्षों से राजकुमार ठुकराल के नेतृत्व में रुद्रपुर की नशा मुक्त छवि के लिए लड़ा जा रहा है।
पूर्व विधायक ने न केवल धरने में पहुंचकर जनता की बात उठाई, बल्कि प्रशासन को स्पष्ट चेतावनी भी दी — “किसी भी कॉलोनी में शराब की दुकान या नशे का अड्डा नहीं खुलने देंगे।” यह बयान सिर्फ एक नेता की प्रतिक्रिया नहीं, बल्कि जनता की चेतना का प्रतिबिंब बन गया।
🛡️ पार्षद जितेश शर्मा: वार्ड के लिए वारियर्स की तरह!?आदर्श कॉलोनी के पार्षद हितेश शर्मा ने वह कर दिखाया जो आज बहुत कम जनप्रतिनिधि करते हैं — जनता के साथ खड़ा होना, नशे के खिलाफ संघर्ष कdरना। उन्होंने न केवल पूर्व विधायक का समर्थन प्राप्त किया, बल्कि हजारों की संख्या में स्थानीय लोगों को एकत्र कर यह साबित कर दिया कि यदि नेतृत्व ईमानदार हो, तो जनता पीछे नहीं हटती।
उनकी पहल से यह लड़ाई केवल एक दुकान के विरोध तक सीमित नहीं रही, बल्कि जनता बनाम नशा माफिया की लड़ाई बन गई — और इसमें जीत हुई जनता की।


🎉 तलवार भेंट, शॉल ओढ़ाकर सम्मान: यह एक योद्धा की जीत थी?जब अंततः शराब की दुकान को बंद करना पड़ा, तो आदर्श कॉलोनी में जश्न का माहौल था। सैकड़ों की संख्या में लोग पूर्व विधायक का स्वागत करने पहुंचे। उन्हें तलवार भेंट की गई, प्रतीक रूप में कि यह एक सामाजिक युद्ध का सेनापति है, जिसने अपनी जनता की आवाज को विजयी बनाया।
शॉल उड़ाकर, नारों से स्वागत कर, स्थानीय जनता ने एक सशक्त संदेश दिया — “हमारे नेता वो हैं जो हमारे साथ खड़े हों, हमारे बच्चों के भविष्य की रक्षा करें।”
🙏 आदर्श कॉलोनी वासियों को सलाम
यह आंदोलन न केवल एक जीत की कहानी है, बल्कि एक उदाहरण है कि सशक्त नेतृत्व, जन-जागरण और एकजुटता कैसे सामाजिक बुराइयों के विरुद्ध प्रभावशाली हो सकते हैं। आदर्श कॉलोनी के हर नागरिक को, विशेषकर महिलाओं, युवाओं और बच्चों को इस जीत के लिए सलाम। आपने सिद्ध कर दिया कि जब कॉलोनी का नाम “आदर्श” है, तो उसका चरित्र भी वैसा ही होगा।
आज के दौर में जब राजनीति अक्सर जन भावनाओं से कटती जा रही है, ऐसे समय में राजकुमार ठुकराल और जितेश शर्मा जैसे जनप्रतिनिधि जनसंवेदनशील नेतृत्व की नई परिभाषा गढ़ रहे हैं। यह केवल एक दुकान बंद होने की कहानी नहीं है — यह उस संघर्ष की विजय गाथा है जिसमें जनता की एकता और नेताओं की निष्ठा ने मिलकर “नशा मुक्त समाज” की दिशा में एक बड़ा कदम बढ़ाया।
आशा है कि यह आंदोलन रुद्रपुर ही नहीं, पूरे उत्तराखंड के लिए एक प्रेरक उदाहरण बनेगा।
इस दौरान शराब की दुकान को बंद कराये जाने और घास मण्डी का नया नाम गायत्री विहार किये जाने पर ठुकराल का स्वागत करने वालों में पार्षद जितेन्द्र शर्मा, पार्षद गौरव खुराना, राजीव चावला, प्रकाश चन्द्र शर्मा, मनोज आर्य, गौरव कुशवाहा, केहर सिंह, अमित, सुरेन्द्र कुमार, कमल चुघ, मोहन सिंह, परवीन कुमार, गिरीश चन्द्र तिवारी, राम सिंह यादव, विकास कुमार, आनंद श्रीवास्तव, नरेश सागर, करन गंगवार, राम चरण, गीता, लक्ष्मी, कमला, तनुजा, चन्द्रा देवी, बसंती पाण्डेय, बीरा देवी, दुर्गा देवी, विरमा देवी, गीता देवी, हेमवती, साक्षी, कुसुम, राजकुमारी, पार्वती देवी, कुसुम, प्रमिला आदि समेत तमाम लोग थे।
