सत्तारूढ़ गठबंधन एनडीए (राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन) की तरफ से बुलाए गए ‘बिहार बंद’ का प्रदेशभर में असर देखा गया है। गुरुवार को पटना समेत कई शहरों में सुबह से ही एनडीए कार्यकर्ता सड़कों पर उतरे और विरोध प्रदर्शन किया।

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यह बंद कांग्रेस-राजद के मंच से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ दिए गए आपत्तिजनक बयान के विरोध में बुलाया गया है।

✍️ अवतार सिंह बिष्ट | हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स, रुद्रपुर ( उत्तराखंड राज्य निर्माण आंदोलनकारी

पटना के अनीसाबाद, डाकबंगला चौराहा और अन्य मुख्य सड़कों पर एनडीए कार्यकर्ताओं ने जुलूस निकाला। कार्यकर्ताओं ने राहुल गांधी व तेजस्वी यादव के खिलाफ नारेबाजी की। पोस्टर-बैनरों के माध्यम से विरोध दर्ज कराया गया। प्रदर्शनकारियों ने कहा, “हम सड़कों पर इसलिए बैठे हैं, क्योंकि दरभंगा में राहुल गांधी की रैली के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी की गई थी।”

समाचार एजेंसी आईएएनएस से बातचीत में भाजपा कार्यकर्ता ने कहा, “वोटर अधिकार यात्रा के दौरान राहुल गांधी के मंच से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ जिस तरह की अभद्र और गंदी टिप्पणी की गई, वह पूरी तरह अनुचित थी।” उन्होंने प्रदर्शन को लेकर कहा कि हम यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि कोई बाधा उत्पन्न न हो और किसी को कोई असुविधा न हो।

इसी तरह भागलपुर में गुरुवार सुबह बाजार बंद नजर आए। एनडीए कार्यकर्ता भागलपुर में ‘बिहार बंद’ के दौरान सड़कों पर उतरे। इस दौरान, भामाशाह और खलीफाबाग चौक पर आवाजाही प्रतिबंधित रही। एक महिला कार्यकर्ता ने कहा, “यह प्रधानमंत्री के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी के विरोध में प्रदर्शन है। महिलाएं और अन्य लोग बेहद आक्रोशित हैं।

मोतिहारी में महिला ने प्रदर्शन का नेतृत्व किया। पार्टी के झंडा थामे और नारेबाजी करते हुए सड़क पर मार्च निकाला गया। इस दौरान, मोतिहारी में बाजार बंद नजर आए। इसी तरह, सासारास में एनडीए कार्यकर्ताओं ने गुरुवार सुबह ही सड़कों को जाम कर दिया। इस दौरान, सासाराम पोस्ट ऑफिस चौक पर जाम लग गया था।

जदयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा ने कहा कि जिस तरह वोटर अधिकार यात्रा के दौरान दरभंगा में महागठबंधन के लोगों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपमानित करने का काम किया। उनके खिलाफ गाली-गलौच करने का काम किया गया। महागठबंधन के लोगों ने भारतीय परंपरा को कलंकित किया है। इसलिए एनडीए के घटक दलों के महिला मोर्चा ने फैसला लिया कि विपक्ष के नेताओं की टिप्पणी का सड़क पर उतरकर विरोध करेंगे।

उमेश कुशवाहा ने कहा कि हैरानी की बात है कि महागठबंधन वाले लोग माफी भी मांगने को तैयार नहीं है। उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा, “विपक्ष क्या अराजकता फैलाना चाहता है? उनके मन में क्या है? क्या विपक्ष के लोग जंगलराज को वापस लाना चाहते हैं।”

इसका वीडियो सोशल मीडिया पर भी वायरल हो गया है। वीडियो में भाजपा की महिला कार्यकर्ता शिक्षिका को पकड़ते हुए ले जाती हुईं दिख रही हैं। बंद समर्थकों का आरोप है कि शिक्षिका ने पीएम मोदी को गाली दी। वहीं, शिक्षिका का कहना है कि उन्हें स्कूल जाने से रोका जा रहा था।

पीएम मोदी को मां की गाली दिए जाने के विरोध में एनडीए ने गुरुवार को बिहार बंद बुलाया। जहानाबाद में भी भाजपा कार्यकर्ता सड़कों पर उतरे और दुकानें बंद कराकर प्रदर्शन कराया। इसी दौरान स्कूल के लिए घर से निकली दीप्ति रानी नाम की एक शिक्षिका अरवल मोड़ से गुजरीं। वहां प्रदर्शन कर रहे भाजपा कार्यकर्ताओं से उनकी बहस हो गई।

बताया जा रहा है कि प्रदर्शनकारियों ने शिक्षिका को गाड़ी से उतार दिया। फिर उसके साथ धक्कामुक्की भी की गई। भाजपा कार्यकर्ताओं ने टीचर पर विरोधी पार्टी का समर्थक होने का आरोप लगाया। हालांकि, दीप्ति रानी ने इससे इनकार किया है। उन्होंने कहा कि वह किसी भी पार्टी की समर्थक नहीं हैं। वह सुबह स्कूल के लिए आ रही थीं, तभी उन्हें रोक दिया गया। इसी दौरान यह वाकया हुआ। टीचर ने कहा कि पुलिस और प्रशासन के लोगों ने उन्हें वां से सुरक्षित निकाल दिया और वह स्कूल पहुंच गईं।


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