उत्तराखंड रानीखेत से रिश्तों को शर्मसार करने वाली घटना सामने आई है. यहां एक व्यक्ति ने अपनी सौतेली बेटी को डांट दिया. इससे नाराज होकर सौतेली बेटी ने पिता पर रेप का आरोप लगाते हुए पुलिस में मुकदमा दर्ज करा दिया.

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इस केस में पिता दो साल तक जेल में रहा. मामले पर सुनवाई करते हुए गुरुवार यानी 11 जुलाई को न्यायाधीश श्रीकांत ने बेटी की कहानी को झूठा करार देते हुए पिता को निर्दोष बताया.

अधिवक्ता जमन सिंह बिष्ट ने बताया कि मामला जून 2023 का है. रानीखेत कोतवाली में एक 17 साल की किशोरी ने अपने सौतेले पिता पर आरोप लगाते हुए तहरीर दी थी. उसका कहना था कि मां ने दूसरी शादी कर ली थी, जिसके बाद से उनका सौतेला पिता साथ रहता था.

झगड़े के बाद पिता पर लगाया झूठा आरोप

आरोप था की पिता का उसकी दीदी के झगड़ा हो गया जिससे वह घर से चली गई. उसी बात का फायदा उठाकर पिता ने उसके साथ दुष्कर्म किया. उसका कहना था कि जब इसके बारे में सौतेले भाई से बताई तो पिता ने उसके साथ मार-पीट की और जान से मारने की धमकी दी.

इस सबके बाद पुलिस ने किशोरी के कथित बयान पर मामला दर्ज कर लिया. साथ ही सौतेले पिता पर कई मामले में मुकदमा दर्ज कर जेल भेज दिया. इन सबके बाद मामला कोर्ट पहुंचा. मामले पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने पिता पर लगाए गए सभी आरोपों को झूठा पाया, जिसके बाद कोर्ट ने पिता को बरी कर दिया. बेटी के द्वारा लगाये गये संगीन आरोप के चलते पिता एक साल 11 महीने से जेल में बंद रहा.

सगी मां ने आरोप को बताया गलत

किशोरी के बताये अनुसार जिस समय यह घटना हुई उस समय परिवार के सभी सदस्य घर में ही मौजूद थे. इसमें पीड़ित की मां, सौतेले पिता, सौतेली बहन, और दो सौतेले भाई शामिल है. इन सब ने पूछताछ व गवाही के दौरान उसके साथ किसी भी तरह के प्रताणना व दुष्कर्म की घटना से इनकार किया है.

लैब रिपोर्ट निगेटिव

मामले में पुलिस ने पीड़िता का मेडिकल भी कराया था, लेकिन रिपोर्ट निगेटिव आया. लैब की रिपोर्ट में शारीरिक संबंध बनाए जाने का कोई भी सबूत नहीं मिला. साथ ही सगी मां समेत परिवार के सदस्यों ने भा घटना से इनकार किया है.


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