भारतीय सेना ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले का बदला लिया। सेना ने 9 आतंकी ठिकानों पर हवाई हमले किए। ऑपरेशन सिंदूर की रणनीति में सबसे अहम भूमिका निभाने वाले शख्स भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल (Ajit Doval) हैं।

Spread the love

इससे पहले भी जब-जब भारत ने कोई बड़ी कार्रवाई की है। उन्होंने अहम योगदान दिया है। आइए जानते हैं भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल के बारे में।

संवाददाता,शैल ग्लोबल टाइम्स/ हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स /उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी, अवतार सिंह बिष्ट रुद्रपुर, (उत्तराखंड)

Ajit Doval है Operation Sindoor के सूत्रधार

रिपोर्ट्स के मुताबिक 80 साल की उम्र में भी अजीत डोभाल (Ajit Doval) को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का दाहिना हाथ भी कहा जाता है। क्योंकि देश की सुरक्षा नीति और जवाबी अभियानों में उनका योगदान सबसे आगे रहता है। ऑपरेशन सिंदूर में भी उनकी अहम भूमिका रही है।

2016 में जम्मू-कश्मीर के उरी सेक्टर में भारतीय सेना के कैंप पर हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने सीमा पार सर्जिकल स्ट्राइक कर इतिहास रच दिया था। इस जवाबी कार्रवाई की रणनीति अजीत डोभाल (Ajit Doval) की देखरेख में तैयार की गई थी। उन्होंने सेना, खुफिया एजेंसियों और सरकार के बीच समन्वय स्थापित कर आतंकियों के लॉन्च पैड पर हमला किया था।

केरल कैडर के आईपीएस अधिकारी रहे हैं अजित

अजित डोभाल (Ajit Doval) की रणनीति सिर्फ जवाबी कार्रवाई तक सीमित नहीं थी बल्कि डोकलाम विवाद, पुलवामा हमले के बाद एयर स्ट्राइक, बाला कोट ऑपरेशन और हाल ही में ऑपरेशन सिंदूर जैसे मामलों में भी उन्होंने अहम भूमिका निभाई थी।

केरल कैडर के 1968 बैच के आईपीएस अधिकारी अजीत डोभाल प्रमुख सुरक्षा और खुफिया अभियानों में सबसे आगे रहे हैं। उन्होंने भारत की सुरक्षा रणनीतियों को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, खासकर चीन के साथ संबंधों को संभालने में।

अजीत डोभाल की प्रमुख उपलब्धियां

अजित डोभाल (Ajit Doval) को कीर्ति चक्र से भी सम्मानित किया जा चुका है। यह देश का दूसरा सबसे बड़ा शांतिकालीन वीरता पुरूस्कार है। उन्होंने छह साल तक पाकिस्तान में भारतीय उच्चायोग में काम किया। जहाँ उन्होंने अपने कूटनीतिक कौशल को निखारा।

उन्होंने 1988 में खालिस्तानी आतंकवादियों के खिलाफ ऑपरेशन ब्लैक थंडर का नेतृत्व किया और अपनी रणनीतिक सूझबूझ का प्रदर्शन करते हुए कई अन्य आतंकवाद विरोधी अभियानों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। 2004 से 2005 के बीच खुफिया ब्यूरो के निदेशक भी रहे थे।

मोदी के बेहद करीबी हैं डोभाल

अजित (Ajit Doval) ने आक्रामक रक्षा रणनीति तैयार की थी जिसके कारण 2016 में सर्जिकल स्ट्राइक और 2019 में बालाकोट हवाई हमला हुआ था। जो सुरक्षा चुनौतियों के प्रति उनके अनुभव और अच्छे दृष्टिकोण को दर्शाता है। इसके साथ ही पीएम मोदी का उन पर भरोसा और बढ़ा है।

मोदी ने दूसरी बार उन्हें कार्यकाल में जगह दी है। इस बार के कार्यकाल में डोभाल को कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया गया। जो अजित (Ajit Doval) के कद और राष्ट्रीय सुरक्षा में उनकी भूमिका के महत्व का प्रमाण है।

📰 ऑपरेशन सिंदूर

Spread the love