उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (यूकेएसएससी) की स्नातक स्तरीय परीक्षा में नकल के मकसद से प्रश्नपत्र लीक करने का मुख्य आरोपित खालिद फिल्मी अंदाज में प्रपंच रचने में जुटा था।

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चार परीक्षा केंद्रों से आवेदन के बाद उसने अपने घर के नजदीकी केंद्र को चुना, जिसके संबंध में उसे पूरी जानकारी थी।

✍️ अवतार सिंह बिष्ट | हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स, रुद्रपुर ( उत्तराखंड राज्य निर्माण आंदोलनकारी

खालिद ने तीन पर परीक्षा केंद्र की रेकी की और परीक्षा से ठीक एक दिन पहले वहां ईंट व झाड़ियों के बीच अखबार में लपेटकर फोन छुपा दिया। हालांकि, अगले दिन प्रश्न पत्र के फोटो खींचकर भेजने और जवाब प्राप्त करने के बावजूद खालिद पूरे प्रश्न पत्र में 100 में 40 ही प्रश्न कर सका। यदि उसकी यह काली करतूत किसी को पता भी नहीं चलती तो भी वह पास नहीं होता।

बुधवार शाम को प्रकरण की विवेचना कर रहीं एसपी ऋषिकेश जया बलोनी ने खालिद की गिरफ्तारी और पूछताछ के बाद पूरी कहानी सामने रखी। जांच में खुलासा हुआ कि खालिद ने बेहद चालाकी से परीक्षा केंद्र के भीतर मोबाइल छुपाकर ले जाने और व्हाट्सएप के जरिए उत्तर मंगवाने की साजिश रची थी, लेकिन उसकी योजना अधूरी रह गई।

खालिद ने टिहरी और हरिद्वार से चार आवेदन किए। हालांकि, उसे बहादुरपुर जट (हरिद्वार) स्थित आदर्श बाल सदन इंटर कालेज परीक्षा केंद्र मिल गया, जो उसके घर के पास ही है। परीक्षा से एक दिन पहले वह केंद्र में गया और देखा कि नई बिल्डिंग का निर्माण चल रहा है। इसी दौरान उसने वहां पीछे से घुसकर अपना फोन छुपा दिया। अगले दिन खालिद गर्मी के बावजूद परीक्षा देने विंडचिटर जैकेट पहनकर आया था।

खालिद ने केंद्र में प्रवेश के बाद से ही बार-बार बाथरूम जाने की मांग कर रहा था। उसने बताया कि एक दिन पहले मोबाइल छुपाने के बाद जब परीक्षा के दौरान वह बाथरूम गया तो उसने झड़ियों से मोबाइल निकाला और जैकेट के अंदर की जेब में रख दिया। इसके बाद जब पर्यवेक्षक अतिरिक्त ओएमआर शीट संभाल रहे थे, तभी उसने प्रश्न पत्र के तीन पेज का फोटो खींच लिया और दोबारा बाथरूम जाकर अपनी बहन को फोटो भेज दिए। हालांकि, जब खालिद के फोन पर प्रश्नों के जवाब प्राप्त हुए तो उसे बाथरूम नहीं जाने दिया गया।

डिलीट डाटा रिकवर करेगी एसआइटी

परीक्षा के बाद जब खालिद ने देखा कि उसके भेजे गए प्रश्नपत्र के फोटो इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित हो गए हैं, तो वह घबरा गया। वह बहन साबिया से एक मोबाइल लेकर दिल्ली भाग निकला।

रास्ते में उसने अपना सिम कार्ड तोड़ दिया, फोन रिसेट कर दिया और अपना आइफोन दून एक्सप्रेस के डस्टबिन में फेंक दिया। लखनऊ होते हुए खालिद दोबारा लौटा और कोर्ट में सरेंडर करने वाला था। तभी पुलिस ने दबोच लिया। अब पुलिस खालिद के ट्रेन में फेंके फोन की तलाश कर रही है।

हालांकि, आइफोन को खोजना पुलिस के लिए आसान होगा। वहीं, खालिद की बहन साबिया का वह फोन जिससे प्रश्न पत्र की फोटो सुमन को व्हाट्सएप की गई थी, पहले ही पुलिस बरामद कर चुकी है। हालांकि, खालिद ने फोन को फार्मेट कर दिया था। अब एसआइटी की ओर से मेटा से संपर्क कर व्हाट्सएप डाटा रिकवर कराने की तैयारी है।

तो एक अकेले खालिद ने मचा दी सिस्टम में खलबली

एसपी जया बलोनी ने बताया कि अब तक की विवेचना में किसी संगठित गिरोह की संलिप्तता सामने नहीं आई है। साथ ही खालिद ओएमआर शीट में प्रश्नों के उत्तर नहीं भर पाया। फिर भी पुलिस ने साफ किया है कि जांच जारी है और सभी पहलुओं को ध्यान में रखकर जांच की जाएगी।

फिलहाल की तस्वीर के अनुसार अकेले खालिद ने इस परीक्षा और पूरे सिस्टम को हिला दिया है। एसपी ने कहा कि किसी के पास कोई सबूत हों तो वह विवेचक को सौंप सकता है। जल्द ही एसआइटी की ओर से एक वेबसाइट व फोन नंबर जारी किया जाएगा।

सुमन बन सकती है गवाह, पर शक के दायरे में

खालिद की परिचित असिस्टेंट प्रोफेसर सुमन ने व्हाट्सएप पर भेजे सवालों के जवाब दिए। हालांकि, उसके बाद इस घटना में सुमन के बयान और जानकारी के आधार पर ही पुलिस कार्रवाई आगे बढ़ी।

सुमन खुद को बेकसूर बता रही है और प्रश्न पत्र हल कराने के पीछे खालिद की मंशा से अनभिज्ञ होने का दावा कर रही है, इसी आधार पर पुलिस उसे सरकारी गवाह भी बना सकती है, लेकिन सुमन के बयानों की भी सत्यता की जांच की जा रही है। सुमन को संदेह के घेरे में रखकर पुलिस ने अभी उसे हरी झंडी नहीं दी है।

अब टेक्निकल टीम पर टिकी आगे की जांच

इस पूरे प्रकरण में फिलहाल मुख्य सूत्रधार खालिद व उसकी बहन साबिया को गिरफ्तार किया जा चुका है। वहीं, प्रश्नों का जवाब देने वाली सुमन भी पुलिस के संपर्क में है। पूछताछ और पुलिस जांच के आधार पर कहानी सामने आई है। फिलहाल खालिद के आइफोन की तलाश जारी है।

अब इस पूरे प्रकरण में टेक्निकल पर निर्भरता बढ़ गई है। मोबाइल का डाटा रिकवर करने से लेकर आयोग से ओएमआर शीट प्राप्त कर उसकी जांच करना टेक्निकल टीम के हाथ में है। खालिद की ओएमआर शीट देखने के बाद यह स्पष्ट होगा कि सुमन की ओर से दिए गए जवाब आखिर खालिद ने शीट में भरे या नहीं।


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