बिजली का बिल कम करने का पाकिस्तानी फार्मूला: मौलवी बोले – ‘जमजम यकीन बनी’ कहो और बिल भूल जाओ!” लाहौर/रुद्रपुर (विशेष संवाददाता)।

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लाहौर/रुद्रपुर (विशेष संवाददाता)।
बिजली का बिल यहां एक चटपटी और व्यंग्यात्मक शैली में लिखी गई खबर प्रस्तुत है, जो आपके बताए गए विषय पर आधारित है:

बिजली का बिल कम करने का पाकिस्तानी फार्मूला: मौलवी बोले – ‘जमजम यकीन बनी’ कहो और बिल भूल जाओ!”

लाहौर/रुद्रपुर (विशेष संवाददाता)।
बिजली का बिल देखकर दिल बैठ जाता है? अब चिंता छोड़िए, क्योंकि पाकिस्तान के एक मौलवी साहब ने इसका अनोखा और “आसानी से उपलब्ध” समाधान खोज निकाला है। जनाब का कहना है कि अगर आप चाहते हैं कि आपके घर का बिजली का बिल कम आए, तो आपको बस दिन में एक बार पूरे यकीन से कहना है — “जमजम यकीन बनी!”

जी हां, आपको कोई स्मार्ट मीटर नहीं बदलना, न ही कोई AC कम चलाना है, बस अपने यकीन को मज़बूत करना है और जुबान से ये जादुई वाक्य बोलना है।

क्या है मौलवी साहब का तर्क?

पाकिस्तानी सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में मौलवी साहब ने बताया कि जमजम पानी में जैसी बरकत होती है, वैसी ही ‘जमजम यकीन बनी’ बोलने में भी है। उनका दावा है कि कई घरों में यह उपाय अपनाने के बाद बिलों में आश्चर्यजनक कमी आई है।
“पहले 15 हज़ार का बिल आता था, अब 4 हज़ार में निपट गया। ये सब यकीन की ताकत है,” मौलवी साहब ने मुस्कुराते हुए कहा।

सोशल मीडिया पर बवाल

इस वीडियो ने इंटरनेट पर हलचल मचा दी है। भारत में भी लोग चुटकी लेते हुए कह रहे हैं – “बिजली विभाग को क्या पता, हम ‘जमजम यकीन बनी’ बोल चुके हैं!”
कुछ लोग तो इस पर मीम बनाकर पूछ रहे हैं – “क्या ये मंत्र UPI पेमेंट पर भी लागू होगा?”

भारत में लोग बोले – सरकार को भेजो ये फॉर्मूला

रुद्रपुर के निवासी विजय चौहान ने कहा, “अगर ये फार्मूला सच है तो हमें हर मीटर रीडर को यही बोलने की ट्रेनिंग देनी चाहिए। उत्तराखंड में जहां लोड शेडिंग और बिलों का आतंक है, वहां ये उपाय वरदान साबित होगा।”

बिजली विभाग का जवाब

जब इस फार्मूले पर बिजली विभाग के एक अधिकारी से प्रतिक्रिया मांगी गई तो उन्होंने मुस्कराते हुए कहा –

“अगर सिर्फ बोलने से बिल कम हो जाए, तो हम खुद सबसे पहले बोलेंगे – ‘जमजम यकीन बनी!’ लेकिन तब भी मीटर तो घूमेगा ही ना!”इस मौलवी साहब की बात पर यकीन करें या न करें, लेकिन एक बात तय है — जनता को अपने दर्द का हल कहीं न कहीं ढूंढना ही पड़ता है। कभी RTI, कभी धरना प्रदर्शन और अब ‘जमजम यकीन बनी’ जैसे मौलिक प्रयोग!

आप भी एक बार ट्राई कीजिए… क्या पता अगला बिल आते ही मुस्कुराहट लौट आए!


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