रुद्रपुर, जो इन दिनों भीषण गर्मी की मार झेल रहा है, वहां तापमान 42 डिग्री के पार पहुंचना आम बात हो चुकी है। ऐसी विकराल परिस्थितियों में जब बिजली जैसी अनिवार्य सेवा बाधित हो जाए, तो आम जन के लिए यह संकट किसी त्रासदी से कम नहीं होता। घास मंडी, आदर्श कॉलोनी में 15 जून 2025 को ओवरलोड के चलते ट्रांसफार्मर जल गया। इस तकनीकी असफलता ने पूरे क्षेत्र को लगभग 42 घंटे तक अंधकार और असहनीय गर्मी के बीच झोंक दिया।
संवाददाता,शैल ग्लोबल टाइम्स/ हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स /उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी, अवतार सिंह बिष्ट
और सबसे चिंताजनक बात यह रही कि इस पूरे संकट काल में घास मंडी के स्थानीय जनप्रतिनिधि और पार्षद जितेश शर्मा कहीं दिखाई नहीं दिए। जनप्रतिनिधियों की अनुपस्थिति में जिस मोर्चे को संभालना शासन-प्रशासन या निगम का दायित्व होता है, उसे निभाया हमारे दो पत्रकार बंधुओं ने—खबर पड़ताल के संपादक राजीव चावला और वरिष्ठ पत्रकार मनोज आर्य ने।
जब सरकारी तंत्र मूक दर्शक बना रहा, तब इन दोनों पत्रकारों ने सिर्फ कलम नहीं चलाई, बल्कि फ़ोन उठाए, अधिकारियों से सीधा संवाद स्थापित किया, सत्ता पक्ष तक अपनी बात पहुंचाई और यह सुनिश्चित किया कि प्रशासन अपनी नींद से जागे। यही पत्रकारिता की असली कसौटी होती है—निरपेक्ष होकर जनहित के लिए खड़ा होना, न कि विज्ञापन और राजनीतिक हितों के लिए समझौता करना।
16 जून की रात ठीक 10 बजे जब प्रशासन हरकत में आया और ट्रांसफार्मर को क्रेन के माध्यम से बदला गया, तो लोगों ने केवल बिजली नहीं पाई, उन्होंने पत्रकारिता की असली ताकत का अनुभव किया। पुराने ट्रांसफार्मर को हटाकर नया ट्रांसफार्मर लगाने की प्रक्रिया पूरी होते ही जैसे पूरे मोहल्ले ने राहत की सांस ली।
इस घटना ने कई महत्वपूर्ण सवाल उठाए हैं—


- स्थानीय जनप्रतिनिधियों की निष्क्रियता पर मौन क्यों?
जितेश शर्मा जैसे पार्षद यदि संकट के समय गायब रहते हैं, तो फिर उनके प्रतिनिधित्व का क्या औचित्य है?
- प्रशासन की सुस्ती: नागरिक आवाज़ से पहले जागरण क्यों नहीं?
क्या प्रशासन को तब तक सक्रिय नहीं होना चाहिए जब तक कोई पत्रकार या प्रभावशाली व्यक्ति हस्तक्षेप न करे?
- पत्रकारिता की सीमाएं और संभावनाएं:
पत्रकार केवल खबर का वाहक नहीं होता, वह समाज का प्रहरी भी है। राजीव चावला और मनोज आर्य ने यह साबित कर दिया कि जब पत्रकारिता जनसरोकार से जुड़ जाए, तो वह व्यवस्था को भी झकझोर सकती है।
इस पूरे घटनाक्रम ने एक बार फिर यह प्रमाणित कर दिया कि पत्रकारिता आज भी समाज का चौथा स्तंभ है, बशर्ते वह अपने मूल धर्म को न भूले। जब मीडिया निष्क्रिय हो जाता है, तो भ्रष्टाचार और लापरवाही सिर चढ़कर बोलती है। लेकिन जब पत्रकार अपने दायित्व के प्रति जागरूक होते हैं, तो अंधकार से रोशनी तक का सफर केवल कुछ कॉलों और एक पत्रकारिक प्रतिबद्धता से पूरा हो सकता है।
आज घास मंडी के नागरिक राहत में हैं, लेकिन उनकी राहत के पीछे दो जागरूक और जुझारू पत्रकारों की मेहनत, संवेदनशीलता और साहस छुपा है। यह कार्य सिर्फ तकनीकी उपलब्धि नहीं, बल्कि पत्रकारिता की नैतिक विजय भी है।
संपादकीय टीम की ओर से हम राजीव चावला और मनोज आर्य जैसे पत्रकारों को नमन करते हैं, और आशा करते हैं कि रुद्रपुर जैसे शहरों में जनहित के मुद्दों पर इसी तरह निष्पक्ष, निर्भीक और संवेदनशील पत्रकारिता होती रहे।
– संपादक,
हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स / शैल ग्लोबल टाइम्स अवतार सिंह बिष्ट रूद्रपुर उत्तराखंड
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घास मंडी में ट्रांसफार्मर फुका, पूर्व पार्षद रंजीत सिंह ने लगाए जितेश शर्मा पार्षद पर गंभीर आरोप
रुद्रपुर की घास मंडी क्षेत्र में ट्रांसफार्मर फुक जाने से स्थानीय लोग बिजली कटौती और गर्मी से बेहाल हैं। पूर्व पार्षद रंजीत सिंह ने वर्तमान पार्षद जितेश शर्मा पर लापरवाही के गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि वार्ड की जनता परेशान है और पार्षद क्षेत्र छोड़कर मछली पकड़ने और घूमने में व्यस्त हैं। रंजीत सिंह ने आरोप लगाया कि पार्षद जनता के संकट में भी गैरजिम्मेदार बने हुए हैं। उन्होंने प्रशासन से जल्द ट्रांसफार्मर बदलवाने और जनप्रतिनिधि की जवाबदेही तय करने की मांग की।

