आठ में से छह मैच खेले जा चुके हैं और ये सभी मैच हॉक आई और डीआरएस के बिना हुए हैं।


पाकिस्तान की अक्ल आई ठिकाने पर!
पीएसएल में इन दोनों तकनीक का इस्तेमाल इसलिए नहीं हो रहा है क्योंकि इसके ज्यादातर तकनीशियन भारत से हैं और दोनों देशों के बीच हाल में हुए सैन्य संघर्ष के बाद वे नहीं लौटे हैं और पाकिस्तान की अक्ल अब ठिकाने आ गई है। पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत जम्मू कश्मीर में आतंकी ठिकानों पर भारत के मिसाइल हमले के चलते पीएसएल अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया था। पीसीबी ने पीएसएल के बचे मैच संयुक्त अरब अमीरात में आयोजित करने की कोशिश की, लेकिन अमीरात क्रिकेट बोर्ड (ईसीबी) ने इस प्रस्ताव को स्वीकार नहीं किया। इसके बाद पीएसएल के 10वें चरण को पूरा करने में पीसीबी को चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।
नहीं लौटी डीआरएस और हॉक आई की टीम
एक फ्रेंचाइजी के विश्वसनीय सूत्र ने न्यूज एजेंसी पीटीआई को बताया, ‘हॉक आई और डीआरएस तकनीक का प्रबंधन और संचालन करने वाली टीम पाकिस्तान नहीं लौटी है। इसका मतलब है कि पीएसएल के बचे हुए कुछ मैच अब बिना किसी डीआरएस के पूरे होंगे जो बोर्ड और टीमों के लिए बड़ा झटका है।’ इससे पीएसएल के व्यूअरशिप पर भी काफी असर पड़ा है।
25 मई को खेला जाना है पीएसएल का फाइनल
जो आठ मैच खेले जाने बाकी थे, उनमें चार लीग राउंड के मैच और चार प्लेऑफ के मैच शामिल हैं। क्वालिफायर-1 में सऊद शकील की क्वेटा ग्लैडिएटर्स टीम ने शादाब खान की इस्लामाबाद यूनाइटेड को हराकर फाइनल में जगह बनाई। इसके बाद एलिमिनेटर में शाहीन अफरीदी की लाहौर कलंदर्स ने मोहम्मद रिजवान की कराची किंग्स को हराया। 23 मई को इस्लामाबाद यूनाइटेड और लाहौर कलंदर्स के बीच क्वालिफायर-2 मुकाबला खेला जाएगा। वहीं, फाइनल 25 मई को खेला जाएगा।

