देहरादून के मालदेवता क्षेत्र में अवैध निर्माण और रिजॉर्ट बनाकर रास्ता रोकने पर नदी ने रुख बदला। इससे तबाही मची। यहां छह करोड़ रुपये से अधिक की सरकारी सपंत्ति का नुकसान हुआ है। प्रशासन की जांच में यह खुलासा हुआ है।

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डीएम सविन बंसल ने इस बाबत उच्चस्तरीय जांच की संस्तुति की है। प्रशासन जल्द अतिक्रमण से सरकारी-निजी संपत्ति को करोड़ों का नुकसान पहुंचाने वालों पर कार्यवाही करने की तैयारी में है।

✍️ अवतार सिंह बिष्ट | हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स, रुद्रपुर ( उत्तराखंड राज्य निर्माण आंदोलनकारी

भारी बारिश के बाद तबाही

जानकारी के अनुसार, गत 15 और 16 सितंबर को अतिवृष्टि ने यहां तबाही मचाई थी। मालदेवता क्षेत्र में नदी का जलस्तर बढ़ा। तमाम अवरोधों के कारण नदी का रुख बदल गया। यह जानकारी मिलने पर जिलाधिकारी सविन बंसल ने आपदाग्रस्त क्षेत्र केसरवाला, मालदेवता, बांडावाली एवं खैरी मानसिंह में बचाव कार्यों का जायजा लिया। प्रशासन की जांच में पता चला है कि मालदेवता क्षेत्र के किसनपुर बांडावाली में नदी का रुख मोड़कर अनाधिकृत तरीके से रिजॉर्ट बनाने वाले की लापरवाही से तबाही आई। रिजॉर्ट मालिक के विरुद्ध जिला प्रशासन की ओर से कड़ी कार्रवाई की जाएगी। डीएम सविन बंसल ने बताया कि किसनपुर बांडावाली में नदी का रुख मोड़कर रिजॉर्ट बनाया गया। इस कारण यहां 150 मीटर सड़क बह गई। पुलों एवं सरकारी सम्पतियों को भारी नुकसान पहुंचा। छह करोड़ से अधिक की सरकारी सपंत्ति का नुकसान हुआ है। उन्होंने बताया कि नदी के किनारे अनाधिकृत निर्माण की उच्चस्तरीय जांच होगी। डीएम ने लोक निर्माण विभाग को क्षतिग्रस्त सड़क एवं पुलों की एप्रोच ठीक करने के निर्देश दिए हैं।

डीएन सविन बंसल ने कहा, मालदेवता क्षेत्र में रिजॉर्ट और अवैध निर्माण से नदी का रुख बदला। इससे तबाही मची थी। इसकी उच्चस्तरीय जांच होगी। जिसकी लापरवाही होगी, उस पर कार्रवाई की जाएगी। अतिवृष्टि के कारण कुमाल्डा- द्वारा गांव झूला पुल की एप्रोच धंस गई थी। यहां खेल मैदान भी बहा है। लोनिवि की ओर से यहां सड़क सुचारु कर दी गई है। नदी को चैनलाइज करने के बाद पुल की एप्रोच रोड को शीघ्र ठीक कराने के निर्देश दिए गए हैं। मसूरी क्षेत्र से इमरजेंसी वाले 13 मरीजों को इलाज के लिए दून शिफ्ट कराया गया है।

‘नदी किनारे बस्तियों के संरक्षक कुछ नेता’

दून में रिस्पना-बिंदाल नदी के किनारे मौत के मुहाने पर बसी बस्तियों को हटाने को लेकर कई बार तैयारी हुई। नेताओं के अड़ंगों के चलते बस्तियां हट नहीं पाई। वोट बैंक की राजनीति के कारण नेताओं ने बस्तियों को संरक्षण दिया है। दून में रिस्पना और बिंदाल के किनारे दशकों से कब्जे हो रहे हैं। इससे नदियों का स्वरूप बदल गया। इधर, नगर आयुक्त नमामी बंसल ने बताया कि बिंदाल किनारे जो लोग अवैध रूप से बसे हैं, उनका सर्वे हो चुका है। जल्द ही कार्रवाई शुरू होगी। रिस्पना किनारे 2016 के बाद के निर्माण हटा दिए हैं।


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