रूस-यूक्रेन युद्ध, जो फरवरी 2022 में शुरू हुआ, अब तक दोनों पक्षों के लिए बेहद महंगा साबित हुआ है। विश्व बैंक, यूएनडीपी और यूक्रेनी सरकार के अनुसार 70% से अधिक सार्वजनिक बुनियादी ढांचा या तो नष्ट हो चुका है या गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त है।

Spread the love

देश की जीडीपी में 2022-23 के बीच 30 से 40% की गिरावट आई और लगभग 80 लाख से अधिक लोग विस्थापित हुए हैं। दोनों पक्षों की ओर से सैनिकों को मिलाकर 5 से 6 लाख लोग हताहत हुए हैं।

संवाददाता,शैल ग्लोबल टाइम्स/ हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स /उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी, अवतार सिंह बिष्ट

इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट फॉर स्ट्रैटेजिक स्टडीज (आईआई एसएस) और रैंड कॉरपोरेशन की रिपोर्टों के अनुसार युद्ध में यूक्रेन को अब तक लगभग 550 से 600 अरब डॉलर (करीब 50 लाख करोड़ रुपये) की प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष आर्थिक क्षति हो चुकी है। यह क्षति मुख्यतः बुनियादी ढांचे की तबाही, ऊर्जा संयंत्रों और औद्योगिक इकाइयों के विध्वंस, कृषि भूमि के खनन और जमीनी युद्ध के चलते हुई है। हालांकि 3 साल 4 महीने पहले शुरू हुए इस भीषण युद्ध में यूक्रेन को भारी नुकसान उठाना पड़ा है। इस युद्ध की मारक परिणतियां अब युद्धक्षेत्र तक सीमित नहीं रहीं। एक तरफ जहां हजारों सैन्य और असैन्य संरचनाएं मलबे में तब्दील हो चुकी हैं, वहीं दूसरी ओर दोनों देशों की अर्थव्यवस्था और पर्यावरण पर भी इसका गहरा असर पड़ा है। अंतरराष्ट्रीय रक्षा विशेषज्ञ संस्थानों और पर्यावरण आकलन एजेंसियों के अनुसार इस युद्ध में अब तक लाखों टन गोला-बारूद का इस्तेमाल हुआ है, जिससे पूर्वी यूरोप के कई शहरों की पहचान ही मिट गई है।

रूस को 300 अरब डॉलर की क्षति
रूस को भी इस युद्ध में कम आर्थिक झटका नहीं लगा है। आईएमएफ, ब्लूमबर्ग इकोनॉमिक्स और कार्नेगी मॉस्को सेंटर जैसी संस्थाओं के अनुसार रूस को अब तक लगभग 250 से 300 अरब डॉलर की आर्थिक क्षति हुई है। यह क्षति मुख्य रूप से पश्चिमी देशों के आर्थिक प्रतिबंधों, विदेशी निवेशकों के पलायन, निर्यात में गिरावट और युद्ध के बढ़ते खर्चों के रूप में सामने आई है। तेल और गैस निर्यात पर निर्भरता ने रूस की मुद्रा को अस्थिर किया और घरेलू मुद्रास्फीति में भी वृद्धि दर्ज की गई। रूस के लगभग 2 लाख सैनिक हताहत हुए हैं। यूक्रेन को भी करीब 4 लाख सैनिकों की क्षति उठानी पड़ी है।


Spread the love