उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UKSSSC) के स्नातक स्तरीय परीक्षा के पेपर लीक मामले को लेकर प्रदेश सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। दरअसल, पेपर लीक प्रकरण को लेकर युवाओं का धरना चल रहा है।

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सीएम पुष्कर सिंह धामी आज युवाओं के बीच पहुंचे। इस दौरान उन्होंने सीबीआई जांच की संस्तुति की। पेपर लीक प्रकरण में बड़ा मोड़ आ गया है। आंदोलनरत युवाओं की मांग पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को धरनास्थल पर पहुंचकर सीबीआई जांच की संस्तुति की घोषणा की।

✍️ अवतार सिंह बिष्ट | हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स, रुद्रपुर ( उत्तराखंड राज्य निर्माण आंदोलनकारी

सीएम पुष्कर सिंह धामी ने प्रदर्शनकारियों से बातचीत कर भरोसा दिलाया कि पेपर लीक कांड में दोषियों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के लिए प्रतिबद्ध है। परेड ग्राउंड में बीते 8 दिनों से धरना दे रहे युवाओं की मुख्य मांगों में से एक यह भी थी। अब सरकार ने सीबीआई जांच को मंजूरी देकर युवाओं को बड़ा राहत देने का प्रयास किया है।

एसआईटी कर रही थी जांचधामी सरकार ने इससे पहले हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज यूसी ध्यानी की अध्यक्षता में एसआईटी का गठन किया था। एसआईटी ने अब तक की जांच में पेपर लीक के मुख्य आरोपी खालिद और उसकी बहन साबिया को गिरफ्तार किया है। इसके अलावा राजकीय महाविद्यालय अगरौड़ा, टिहरी की असिस्टेंट प्रोफेसर सुमन को भी संलिप्त पाया गया। उन पर आरोप है कि उन्होंने प्रश्नपत्र लीक होने की जानकारी संबंधित अधिकारियों को देने के बजाय बेरोजगार संघ के पदाधिकारियों तक पहुंचाई।

इसी प्रकरण में हरिद्वार परीक्षा केंद्र के सेक्टर मजिस्ट्रेट केएन तिवारी, सब इंस्पेक्टर रोहित कुमार और कांस्टेबल ब्रह्मदत्त जोशी को भी निलंबित किया गया है। एसआईटी की ओर से मामले की जांच लगातार जारी थी। हालांकि, इस बीच अब सरकार का बड़ा फैसला सामने आया है।

ऐसे हुआ था पेपर लीक21 सितंबर को यूकेएसएसएससी की ओर से स्नातक स्तरीय पदों के लिए लिखित परीक्षा आयोजित की गई थी। परीक्षा सुबह 11 बजे शुरू हुई, लेकिन केवल 35 मिनट बाद ही हरिद्वार जिले के लक्सर के बहादुरपुर जट गांव स्थित केंद्र से प्रश्नपत्र के तीन पन्ने सोशल मीडिया पर वायरल हो गए। इससे आयोग और अभ्यर्थियों में हड़कंप मच गया।

जांच में पाया गया कि आरोपी खालिद मलिक ने प्रश्नपत्र असिस्टेंट प्रोफेसर सुमन को भेजे और फिर अपनी बहन साबिया को उत्तर जुटाने की जिम्मेदारी दी। इस नेटवर्क के उजागर होते ही कई अधिकारी और पुलिसकर्मी भी जांच के दायरे में आ गए।

युवाओं की बड़ी जीतपेपर लीक प्रकरण को लेकी पिछले कई दिनों से बेरोजगार युवा आंदोलनरत थे। उनकी मुख्य मांग थी कि पेपर लीक प्रकरण की जांच सीबीआई को सौंपी जाए और लीक हुई परीक्षा को रद्द किया जाए। सरकार ने अब सीबीआई जांच की मांग को स्वीकार कर लिया है। युवाओं का कहना है कि जब तक सीबीआई की जांच शुरू नहीं हो जाती और दोषियों पर ठोस कार्रवाई नहीं होती, उनका आंदोलन जारी रहेगा।


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