
इसी बीच संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने बड़ा बयान देते हुए कहा है कि दुनिया भारत-पाक युद्ध जैसी स्थिति झेलने की स्थिति में नहीं है. उन्होंने दोनों देशों से सैन्य संयम बरतने की अपील की है.


संवाददाता,शैल ग्लोबल टाइम्स/ हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स /उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी, अवतार सिंह बिष्ट रुद्रपुर, (उत्तराखंड)
यूएन महासचिव के प्रवक्ता ने मंगलवार को कहा कि एंटोनियो गुटेरेस भारत की सैन्य कार्रवाई को लेकर बेहद चिंतित हैं. उन्होंने कहा है कि भारत ने नियंत्रण रेखा और अंतरराष्ट्रीय सीमा पार जिस तरह की सैन्य कार्रवाई की है, उस पर महासचिव की नजर है. वह दोनों देशों से संयम बरतने और तनाव न बढ़ाने की अपील करते हैं.’ उनका इशारा इस ओर भी था कि यदि हालात संभाले नहीं गए तो यह टकराव गंभीर रूप ले सकता है.
ऑपरेशन सिंदूर से लिया सिंदूर का बदला
भारत ने यह कार्रवाई 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद की है, जिसमें 25 भारतीय और एक नेपाली नागरिक की मौत हुई थी. इसके बाद भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान और पीओके के 9 आतंकी अड्डों पर एयरस्ट्राइक की. भारत ने साफ कर दिया कि यह कार्रवाई केवल आतंकवादियों के खिलाफ थी और किसी पाकिस्तानी सैन्य संस्थान को निशाना नहीं बनाया गया है. लेकिन पाकिस्तान की तरफ से इस कार्रवाई को लेकर कड़ी प्रतिक्रिया आई है.
अमेरिका भी निगरानी में जुटा
अमेरिकी विदेश विभाग ने कहा है कि वह भारत की कार्रवाई से अवगत है और पूरे घटनाक्रम पर नजर रखे हुए है. भारतीय एनएसए अजीत डोभाल ने अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार और विदेश मंत्री को ऑपरेशन की जानकारी दी है. अमेरिका ने दोनों देशों से वार्ता और कूटनीतिक समाधान अपनाने की अपील की है. इससे साफ है कि भारत ने हर कदम अंतरराष्ट्रीय कानून और जवाबदेही के दायरे में रहकर उठाया है.
युद्ध नहीं चाहिए, समाधान चाहिए
गुटेरेस के अनुसार, भारत और पाकिस्तान के बीच किसी भी प्रकार की सैन्य झड़प केवल दक्षिण एशिया ही नहीं, बल्कि पूरे विश्व की शांति को खतरे में डाल सकती है. दोनों देशों के पास परमाणु हथियार हैं और यह स्थिति बहुत जल्दी नियंत्रण से बाहर जा सकती है. यूएन का मानना है कि शांति ही एकमात्र रास्ता है जो दोनों देशों और पूरे क्षेत्र को स्थायित्व दे सकता है.
आतंक के खिलाफ कार्रवाई
भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के जरिए जो संदेश दिया है, वह आतंकवाद के खिलाफ है. भारत ने बार-बार यह स्पष्ट किया है कि उसकी लड़ाई पाकिस्तान की जनता या सैन्य ढांचे से नहीं, बल्कि उन आतंकी नेटवर्क्स से है जो पाकिस्तान की धरती से संचालित होते हैं. ऐसे में संयुक्त राष्ट्र की यह अपील, भारत की अंतरराष्ट्रीय स्थिति को और मजबूत बनाती है, जबकि पाकिस्तान को एक बार फिर वैश्विक मंच पर शर्मिंदगी झेलनी पड़ रही है.
