जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले से भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव सातवें आसमान पर पहुंच गया है। बैसरन घाटी में 26 मासूम पर्यटकों की जान लेने वाले इस हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया।

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अब खबर आ है कि भारत पाकिस्तान के खिलाफ एक और सख्त कदम उठाने की तैयारी कर रहा है। खबरों के मुताबिक, भारत जल्द ही पाकिस्तान के साथ पोस्टल सर्विस यानी डाक सेवा को पूरी तरह बंद करने वाला है।

संवाददाता,शैल ग्लोबल टाइम्स/ हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स /उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी, अवतार सिंह बिष्ट रुद्रपुर, (उत्तराखंड)

बता दें कि भारत-पाकिस्तान के बीच पोस्टल सर्विस का इतिहास उतना ही उतार-चढ़ाव भरा है, जितना इन दोनों मुल्कों के रिश्ते। इससे पहले 2019 में भी जब पुलवामा हमले के बाद दोनों देशों के बीच तनाव चरम पर था, भारत ने पाकिस्तान के साथ डाक सेवाएं रोक दी थी। उस वक्त जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद दोनों देशों के रिश्ते बर्फ जैसे ठंडे हो गए थे। लेकिन ये पहला मौका नहीं था। 1971 के युद्ध के दौरान तत्कालीन पीएम इंदिरा गांधी ने भी पाकिस्तान के साथ डाक सेवाओं पर रोक लगाई थी, जब भारत ने न केवल युद्ध जीता, बल्कि पाकिस्तान के दो टुकड़े कर बांग्लादेश को आजाद कराया।

डाक सेवा बंद होने से क्या होगा असर?

पाकिस्तान के लिए डाक सेवा बंद होना केवल कागजी कार्रवाई का मामला नहीं है। ये एक ऐसा कदम है, जो उसकी पहले से ही लड़खड़ाती हुई अर्थव्यवस्था कर सकता है। डाक सेवा के जरिए न केवल व्यक्तिगत पत्र और पार्सल भेजे जाते हैं, बल्कि छोटे-मोटे व्यापार, दस्तावेजों का आदान-प्रदान भी होता है। यहां तक कि कुछ सरकारी संचार भी होता है। हाल के सालों में पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था गहरे संकट में । 2023 में महंगाई 38.5% तक पहुंच गई थी और विदेशी मुद्रा भंडार कुछ हफ्तों के आयात के लिए भी मुश्किल से ही पर्याप्त थे।

किसको होगा नुकसान?

डाक सेवा बंद होने से पाकिस्तान के छोटे व्यापारियों और ई-कॉमर्स पर निर्भर लोगों को बड़ा झटका लगेगा। इसके साथ ही ये एक बड़ा कूटनीतिक कदम भी होगा। ये कदम भारत का सख्त रुख दर्शाएगा, जो पहलगाम हमले के बाद पाकिस्तान को सबक सिखाने के लिए हर मोर्चे पर दबाव बनाने की रणनीति के तहत होगा।


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