डीडीहाट में लगेगा किताबों का अनोखा मेला: स्वरोजगार, संस्कृति और साहित्य की त्रिवेणी “किताब कौतिक” 6 से 8 जून तक रिपोर्टर: अवतार सिंह बिष्ट, डीडीहाट हिन्दुस्तान ग्लोबल टाइम्स | शैल ग्लोबल टाइम्स

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डीडीहाट, पिथौरागढ़—उत्तराखंड के सुदूरवर्ती पर्वतीय क्षेत्र डीडीहाट में पहली बार साहित्य, संस्कृति, शिक्षा और स्वरोजगार के संगम के रूप में “किताब कौतिक अभियान” का चौदहवां पड़ाव लगने जा रहा है। 6, 7 और 8 जून 2025 को रामलीला मैदान, डीडीहाट में आयोजित होने वाले इस तीन दिवसीय पुस्तक मेले में करीब 60 हजार किताबें 50 से अधिक प्रकाशकों के स्टॉल पर उपलब्ध रहेंगी। इस आयोजन की थीम “पहाड़ों में स्वरोजगार” रखी गई है, जो न केवल पुस्तकों से दोस्ती कराएगा बल्कि युवाओं को स्थानीय संसाधनों में संभावनाएं तलाशने की प्रेरणा भी देगा।

स्थानीय सहभागिता से सजेगा साहित्यिक उत्सव

यह मेला नगर पालिका डीडीहाट और डीडीहाट यूथ सोसायटी के सहयोग से “क्रिएटिव उत्तराखंड” संस्था द्वारा आयोजित किया जा रहा है। संस्था के संयोजक हेम पंत और दयाल पांडे ने बताया कि इस अभियान का उद्देश्य बच्चों और युवाओं में पढ़ने-लिखने की संस्कृति को पुनर्जीवित करना है। कार्यक्रम के स्थानीय संयोजक संजू पंत ने बताया कि “किताब कौतिक” अब तक टनकपुर, चंपावत, पिथौरागढ़, भीमताल, गैरसैण सहित 13 जगहों पर सफल आयोजन कर चुका है और अब 14वें संस्करण के रूप में डीडीहाट में प्रवेश कर रहा है।

तीन दिन, अनेक आयाम

तीन दिन तक चलने वाले इस मेले में पुस्तकों की प्रदर्शनी के साथ-साथ अनेक ज्ञानवर्धक और रचनात्मक गतिविधियां होंगी। इनमें साहित्यिक परिचर्चाएं, लेखक-आमने-सामने सत्र, बच्चों के लिए विज्ञान कोना, रॉक क्लाइम्बिंग, नेचर वॉक, हस्तशिल्प प्रदर्शनी, स्कूली बच्चों के सांस्कृतिक कार्यक्रम और विभिन्न प्रतियोगिताएं शामिल हैं।

विशेष रूप से “पहाड़ों में स्वरोजगार” विषय पर केंद्रित वार्ताएं युवाओं को स्थानीय स्तर पर उद्यमिता की ओर प्रेरित करेंगी। विषय विशेषज्ञों और अनुभवी वक्ताओं की मौजूदगी इन सत्रों को रोचक और मार्गदर्शक बनाएगी।

पद्मश्री हस्तियों से लेकर स्थानीय कलाकारों तक, सबका जुटान

किताब कौतिक में पद्मश्री बसंती बिष्ट, पद्मश्री माधुरी बड़थ्वाल, रंगकर्मी ललित सिंह पोखरिया, पर्यावरणविद् किशन सिंह मलड़ा, शिकारी लखपत सिंह राणा, बाल साहित्यकार उदय किरौला, बाल कलाकार शिवांशु मेहता, प्रियांशी रावत, स्कीइंग चैंपियन मेनका गुंज्याल और साहसिक खेल विशेषज्ञ तरुण माहरा सहित कई प्रतिष्ठित साहित्यकार, पर्यावरणविद्, समाजसेवी, कलाकार और विषय विशेषज्ञ भाग लेंगे। इनकी सहभागिता से मेले को एक राष्ट्रीय स्तर की पहचान मिलने की उम्मीद है।

बाल लेखन से जन्म लेंगी नई किताबें

एक विशेष आकर्षण “बालप्रहरी बाल लेखन कार्यशाला” भी है, जो 1 से 5 जून तक डीडीहाट के विभिन्न विद्यालयों में आयोजित की जाएगी। इस कार्यशाला में बच्चे स्वयं पुस्तक लेखन करेंगे और हस्तलिखित पुस्तकों का स्टॉल खुद किताब कौतिक में लगाएंगे। इससे बच्चों में लेखन प्रतिभा और आत्मविश्वास का विकास होगा।

करियर काउंसलिंग और कार्यशालाओं की श्रृंखला

देशभर से आ रहे विशेषज्ञों द्वारा स्कूली छात्रों के लिए करियर काउंसलिंग सत्र आयोजित किए जाएंगे। इसके अलावा पपेट निर्माण, भाषा-संस्कृति कार्यशाला, और वॉल पेंटिंग सत्र जैसे कार्यक्रम भी आयोजित होंगे, जो प्रतिभागियों की रचनात्मकता को बढ़ावा देंगे।

स्थानीय विकास और पर्यटन को मिल रही गति

“क्रिएटिव उत्तराखंड” के संयोजकों ने यह भी बताया कि यह मेला न केवल किताबों और साहित्य से दोस्ती का अवसर है, बल्कि इससे उत्तराखंड के कम चर्चित पर्यटन स्थलों की ओर भी देश-दुनिया का ध्यान जा रहा है। डीडीहाट जैसे सुदूर क्षेत्र में इस आयोजन से क्षेत्रीय पर्यटन और स्थानीय आर्थिक गतिविधियों को नया आयाम मिलेगा।

नगर पालिका अध्यक्ष की जनता से अपील

नगर पालिका डीडीहाट के अध्यक्ष गिरीश चुफाल ने क्षेत्रवासियों से इस बहुपरती आयोजन में सहभागी बनने की अपील की है। उन्होंने कहा कि यह मेला केवल किताबों तक सीमित नहीं है, बल्कि यह एक “ज्ञान, संवाद और संस्कृति का पर्व” है, जो डीडीहाट की पहचान को नई ऊंचाई देगा।

पुस्तकों से दोस्ती और पहाड़ से जुड़ाव“किताब कौतिक” का यह संस्करण न केवल उत्तराखंड में पठन-पाठन संस्कृति को नई दिशा देगा बल्कि ‘विकास के वैकल्पिक मॉडल’ पर भी संवाद की शुरुआत करेगा। ‘पहाड़ों में स्वरोजगार’ जैसे विषयों पर चर्चा, युवाओं को खुद में संभावनाएं तलाशने की ओर प्रेरित करेगी। यह मेला डीडीहाट के लिए एक सांस्कृतिक और बौद्धिक जागरण का अवसर होगा, जिससे न केवल किताबों से दोस्ती होगी, बल्कि “अपने पहाड़ से प्रेम और प्रतिबद्धता” की भावना भी मजबूत होगी।



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