उत्तराखंड पहाड़ों पर बर्फबारी और मैदानी इलाकों में बारिश और ओले गिरने से तापमान में खासी गिरावट आई है तो वहीं लोगों को काफी दिक्कतों का भी सामना करना पड़ रहा है. पहाड़ों पर बर्फबारी से जहां कई रास्ते बंद हो गए और ठंड बढ़ गई तो मैदानी इलाकों में बारिश और ओले गिरने से किसानों को नुकसान हुआ है. खेतों में खड़ी फसल बर्बाद हो गई है.

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बदरीनाथ हाईवे भी हनुमानचट्टी के पास से बर्फ के चलते बंद है। हालांकि बीआरओ बर्फ हटाकर हाईवे खोलने के कार्य में जुटा है। महायोजना के तहत बदरीनाथ मंदिर के आसपास के क्षेत्र में सुंदरीकरण का कार्य होना था। जिसे बीते साल कपाट बंद होने के बाद शुरू कर दिया गया था।

शीतकाल में दिसंबर में बर्फबारी व ठंड बढ़ने के साथ महायोजना में लगे 500 से अधिक अधिकारी कर्मचारी व श्रमिकों को वापस बुला दिया गया था। जो जनवरी में वापस लौट गए थे।

चोपता में फंसे 15 पर्यटक

चोपता उत्तराखंड के प्रसिद्ध पर्यटक स्थलों में आता है. इसे मिनी स्विट्जरलैंड के नाम से भी जाना जाता है. यहां की खूबसूरत वादियों को देखने के लिए दूर-दूर से पर्यटक आते हैं. लेकिन, इन दिनों पहाड़ों पर अचानक बदले मौसम की वजह से यहां भारी बर्फबारी हुई, जिसके चलते 15 पर्यटक चोपता में फंस गए. ये पर्यटक चोपता मार्ग पर घूमने गए थे और यहां के एक रिसोर्ट में ठहरे थे.

एसडीआरएफ ने जनपद रुद्रप्रयाग में चोपता सड़क मार्ग पर पेड़ गिरने के कारण अवरुद्ध मार्ग को सुचारु करते हुए 15 सदस्यीय पर्यटक दल को रेस्क्यू किया है. मंगलवार को उखीमठ पुलिस ने एसडीआरएफ टीम को सूचित किया कि चोपता मार्ग पर ज्यादा बर्फ पड़ गई है, जिस कारण 15 सदस्यीय पर्यटक दल फंस गया है. सूचना मिलने पर एसडीआरएफ टीम रेस्क्यू उपकरणों के साथ तत्काल घटनास्थल के लिए रवाना हुई.

घटनास्थल पर पहुंचकर एसडीआरएफ टीम ने सभी 15 पर्यटकों तक पहुंच बनाई व सभी को सुरक्षित बर्फ वाले क्षेत्र से बाहर निकाला और मार्ग में गिरे पेड़ को रेस्क्यू उपकरण की मदद से काटकर मार्ग को सुचारु किया. टीम ने सभी यात्रियों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया.

बद्रीनाथ हाईवे भी हनुमानचट्टी के पास से बर्फ के चलते बंद है। लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। आईएमडी (IMD) ने आंधी-तूफान और बर्फबारी (snowfall) की आशंका जताई है।

Weather Update: पहाड़ों पर बर्फबारी से मैदानी भागों में बढ़ी ठिठुरन, IMD का कहीं बारिश तो कहीं आंधी-तूफान का अलर्ट

तेज आंधी-तूफान और बारिश समेत भारी बर्फबारी की आशंका : मौसम विभाग (IMD) के अनुसार अगले 60 घंटों के भीतर उत्तर भारत के राज्यों में एक बार फिर तेज आंधी-तूफान और बारिश समेत भारी बर्फबारी होने वाली है। जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के अलग-अलग हिस्सों में 6 से 7 मार्च के बीच बारिश की आशंका है। इसके साथ ही ओले गिरने की भी आशंका जताई गई है। वहीं 7 से 9 मार्च के बीच ओडिशा, पश्चिम बंगाल और सिक्किम का मौसम भी बिगड़ने वाला है। इन तीनों राज्यों में भी बारिश हो सकती है।

हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स/ प्रिंटिंग न्यूज़:शैल ग्लोबल टाइम्स/ अवतार सिंह बिष्ट, रूद्रपुर उत्तराखंड

पश्चिमी विक्षोभ का असर देखने को मिलेगा : IMD के अनुसार अरुणाचल प्रदेश में अगले एक हफ्ते के दौरान पश्चिमी विक्षोभ का असर देखने को मिलेगा। अलग-अलग क्षेत्रों में हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है और बर्फबारी की भी आशंका है। इसे लेकर पहले से ही अलर्ट जारी किया गया है। इसके अलावा, असम और मेघालय में भी इसी तरह के मौसम की आशंका जताई गई है।

आज के मौसम की संभावित गतिविधि : स्काईमेट वेदर (skymet weather) के अनुसार आज बुधवार 6 मार्च की रात से एक ताजा और अपेक्षाकृत कमजोर पश्चिमी विक्षोभ पश्चिमी हिमालय क्षेत्र को प्रभावित करने की आशंका है जिससे छिटपुट हल्की/ मध्यम वर्षा होने की आशंका है। 8 मार्च तक ओडिशा में और 7 से 9 मार्च तक उपहिमालयी पश्चिम बंगाल और सिक्किम में छिटपुट वर्षा होने की उम्मीद है।

Weather Update: पहाड़ों पर भारी बारिश और बर्फबारी का सिलसिला जारी, तेज सतही हवाएं चलेंगी

अरुणाचल प्रदेश में कुछ स्थानों पर हल्की से मध्यम वर्षा/बर्फबारी होने की आशंका है। पश्चिमी हिमालय क्षेत्र, अरुणाचल प्रदेश और अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में अलग-अलग वर्षा/बर्फबारी की आशंका है। देश के बाकी हिस्सों में शुष्क मौसम की स्थिति बनी रहने की उम्मीद है।

एक ट्रफ रेखा दक्षिणी तमिलनाडु से उत्तरी आंतरिक कर्नाटक तक फैली हुई है, जो समुद्र तल से 0.9 किमी ऊपर दक्षिणी आंतरिक कर्नाटक से होकर गुजर रही है। निचले क्षोभमंडल स्तर पर आंतरिक ओडिशा और आसपास के क्षेत्र पर एक चक्रवाती परिसंचरण बना हुआ। पश्चिमी विक्षोभ मध्य क्षोभमंडलीय पछुआ हवाओं में एक गर्त के रूप में अपनी धुरी पर 5.8 पर है। उत्तर-पश्चिम उत्तरप्रदेश और आसपास के क्षेत्र पर चक्रवाती परिसंचरण समुद्र तल से 1.5 और 3.1 किमी के बीच ऊपर बना हुआ है।

उत्तराखंड के मौसम विज्ञान केंद्र निदेशक बिक्रम सिंह ने कहा कि मार्च पहले सप्ताह में मजबूत पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से उत्तराखंड समेत उत्तर पूर्वी राज्यों में अच्छी वर्षा देखने को मिली। पूर्वोत्तर राज्यों की तरफ विक्षोभ का प्रभाव नहीं था। नौ मार्च तक उत्तराखंड में वर्षा व हिमपात की खास गतिविधि की संभावना नहीं है।

आगामी आठ मार्च को महाशिवरात्रि के पर्व पर केदारनाथ धाम के कपाट खुलने की तिथि पंचांग गणना के आधार पर घोषित की जाएगी। इसके बाद, यात्रा की तैयारियों का काउटडाउन भी शुरू हो जाएगा। लेकिन मौसम के बिगड़े मिजाज के चलते प्रशासन के सामने धाम तक जरूरी संसाधनों को समय पर पहुंचना सबसे बड़ी चुनौती होगी।

बताया जा रहा है कि गौरीकुंड-केदारनाथ पैदल मार्ग पर भीमबली से रुद्रा प्वाइंट तक चार से पांच फीट तक बर्फ जमा है। रामबाड़ा से छानी कैंप तक टीएफटी चड्डी, हथनी गदेरा, भैरव गदैरा सहित छह हिमखंड जोन भी हैं, जो पूरे यात्रा मार्ग का सबसे अधिक संवेदनशील हिस्सा है। वहीं, केदारनाथ में भी छह से आठ फीट तक बर्फ जमा हो चुकी है।

हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स/ प्रिंटिंग न्यूज़:शैल ग्लोबल टाइम्स/ अवतार सिंह बिष्ट, रूद्रपुर उत्तराखंड

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