
इन दस दिनों में राज्य की विकास यात्रा, सांस्कृतिक पहचान और जनभागीदारी को केंद्र में रखते हुए विभिन्न कार्यक्रमों की श्रृंखला आयोजित की जाएगी.

सरकार ने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि रजत जयंती पर्व को जन उत्सव के रूप में मनाया जाए. हर जिले में स्थानीय संस्कृति को प्रदर्शित करने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रम, लोकनृत्य, लोकगीत और पारंपरिक परिधान प्रदर्शन आयोजित किए जाएंगे.
युवाओं को जोड़ने के लिए होंगी कई प्रतियोगिता
इसके साथ ही युवाओं को जोड़ने के लिए खेल प्रतियोगिताएं और विभिन्न सामाजिक व विकासपरक गतिविधियाँ भी कराई जाएंगी. पर्व के दौरान उत्तराखंड के 25 वर्षों की उपलब्धियों और चुनौतियों पर विशेष परिचर्चा सत्र भी होंगे, जिनमें राज्य के विकास के अगले चरण के लिए रोडमैप तय किया जाएगा.
सीएम धामी करेंगे स्थापना दिवस कार्यक्रम की मॉनिटरिंग
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी स्वयं इन कार्यक्रमों की मॉनिटरिंग करेंगे और कई जिलों में आयोजित मुख्य आयोजनों में शिरकत भी करेंगे. शासन स्तर पर विशेष सत्र आयोजित किया जाएगा, जिसमें राज्य निर्माण के उद्देश्यों, बीते 25 वर्षों की उपलब्धियों और भविष्य की प्राथमिकताओं पर विस्तार से विमर्श होगा. इस दौरान पर्यटन, कृषि, शिक्षा, स्वास्थ्य और महिला सशक्तिकरण जैसे क्षेत्रों में हुई प्रगति को प्रदर्शित करने वाले प्रदर्शनी स्टॉल भी लगाए जाएंगे.
मुख्यमंत्री कार्यालय के अपर सचिव बंशीधर तिवारी ने बताया कि रजत जयंती पर्व सिर्फ सरकारी आयोजन नहीं होगा, बल्कि जनता की सहभागिता से यह एक राज्यव्यापी उत्सव बनेगा. उन्होंने कहा, ‘मुख्यमंत्री का स्पष्ट निर्देश है कि उत्तराखंड की 25 वर्ष की गौरवशाली यात्रा को जन-जन तक पहुंचाया जाए.” पर्व के आयोजन में स्थानीय कलाकारों, विद्यार्थियों, स्वयंसेवी संस्थाओं और समाज के सभी वर्गों की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी.
‘नया उत्तराखंड-सशक्त उत्तराखंड’ थीम पर होंगे कार्यक्रम
उन्होने बताया कि इस अवसर पर राज्यभर में ‘नया उत्तराखंड-सशक्त उत्तराखंड’ की थीम पर कार्यक्रम आयोजित होंगे. उन्होंने कहा कि सरकार चाहती है कि यह पर्व न सिर्फ बीते 25 वर्षों की उपलब्धियों का उत्सव बने, बल्कि आने वाले 25 वर्षों के विकास संकल्प का आरंभ भी साबित हो.




 
		
 
		 
		