साथ ही जीवन के सारे कष्ट दूर होते हैं. यह पर्व विशेष रूप से उत्तर भारत में श्रद्धा और हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है. इस दिन आप एस्ट्रो एक्सपर्ट प्रद्युमन के बताए खास उपाय कर लेते हैं, तो फिर आपके जीवन में आने वाली बाधा दूर हो जाएगी…


साथ ही जीवन के सारे कष्ट दूर होते हैं. यह पर्व विशेष रूप से उत्तर भारत में श्रद्धा और हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है. इस दिन आप एस्ट्रो एक्सपर्ट प्रद्युमन के बताए खास उपाय कर लेते हैं, तो फिर आपके जीवन में आने वाली बाधा दूर हो जाएगी…बड़े मंगलवार को कौन सा करें उपाय
एस्ट्रो एक्सपर्ट प्रद्युमन ने अपने इंस्टाग्राम पर एक वीडियो साझा की है जिसमें उन्होंने बताया है आज साल का दूसरा बड़ा मंगलवार है. इस दिन आप एक नारियल का गोला अपने सिर के ऊपर से सात बार क्लॉकवाइज घुमाएं. फिर आपको एक लाल धागा लेना है उसे मिडिल फिंगर से लेकर अपनी हाइट तक नाप लेना है, फिर धागे को नारियल के गोले पर बांध लेना है. अब इस नारियल के गोले को हनुमान जी के मंदिर में जाकर रख देना है. यह उपाय करने से सारी परेशानियां जीवन की खत्म हो जाएंगी. आप जब नारियल को बांध रहे होते हैं, तब अपनी परेशानियों का जिक्र जरूर करें. आप इस दौरान कहें- हे बालाजी आप मेरे ऊपर कृपा करें. जीवन में हर्षोल्लास और खुशियां बनी रहे और परिवार में सुख-समृद्धि का वास हो, यश मिले. साथ ही, हनुमान मंदिर में जाकर हनुमान चालीसा जरूर पढ़ें.
त्रेता युग में बड़े मंगलवार के दिन ही भगवान राम और हनुमान जी की पहली मुलाकात हुई थी. यही कारण इस दिन का खास महत्व है. बड़ा मंगल आपसी भाईचारे और सांप्रदायिक सौहार्द का भी प्रतीक माना जाता है. क्योंकि बड़े मंगल के दिन हिन्दू और मुस्लिम दोनों समुदाय के लोग मिलकर जगह-जगह पर भंडारे का आयोजन करते हैं. जिसमें हजारों की संख्या में लोग भोजन करते हैं.
बड़े मंगलवार को कौन सा करें उपाय
एस्ट्रो एक्सपर्ट प्रद्युमन ने अपने इंस्टाग्राम पर एक वीडियो साझा की है जिसमें उन्होंने बताया है आज साल का दूसरा बड़ा मंगलवार है. इस दिन आप एक नारियल का गोला अपने सिर के ऊपर से सात बार क्लॉकवाइज घुमाएं. फिर आपको एक लाल धागा लेना है उसे मिडिल फिंगर से लेकर अपनी हाइट तक नाप लेना है, फिर धागे को नारियल के गोले पर बांध लेना है. अब इस नारियल के गोले को हनुमान जी के मंदिर में जाकर रख देना है. यह उपाय करने से सारी परेशानियां जीवन की खत्म हो जाएंगी. आप जब नारियल को बांध रहे होते हैं, तब अपनी परेशानियों का जिक्र जरूर करें. आप इस दौरान कहें- हे बालाजी आप मेरे ऊपर कृपा करें. जीवन में हर्षोल्लास और खुशियां बनी रहे और परिवार में सुख-समृद्धि का वास हो, यश मिले. साथ ही, हनुमान मंदिर में जाकर हनुमान चालीसा जरूर पढ़ें.
इसके अलावा करियर में सफलता, घर से दोष दूर और व्यापार में लाभ मिलता है।
पौराणिक कथा के अनुसार वीर बजरंगी को अमरता का वरदान ज्येष्ठ माह के मंगलवार को प्राप्त हुआ था। तभी से इस दिन की पूजा-पाठ का विशेष महत्व माना गया है। हालांकि इस पर्व की खास रौनक उत्तर प्रदेश के लखनऊ में देखने को मिलती हैं। यहां जगह-जगह भंड़ारे, कीर्तन व पूजा-पाठ का भव्य आयोजन किया जाता है।
इस साल ज्येष्ठ माह में दूसरा बड़ा मंगल 20 मई 2025 के दिन मनाया जा रहा है। इस तिथि पर धनिष्ठा नक्षत्र और ऐन्द्र योग का संयोग बना हुआ है। ऐसे में हनुमान जी की आराधना करना और भी लाभकारी है। ऐसे में आइए इस दिन की संपूर्ण पूजा विधि को जानते हैं।
बड़ा मंगल पूजा विधि
- बड़े मंगल पर ब्रह्म मुहूर्त में उठकर ही स्नान कर लेना चाहिए।
- इसके बाद साफ वस्त्रों को धारण करें और घर की स्वच्छता का ध्यान रखें।
- अब सबसे पहले एक चौकी पर हनुमान जी की मूर्ति को स्थापित कर लें।
- फिर प्रभु को लाल रंग का फूल अर्पित करें।
- इसके बाद धीरे-धीरे लाल रंग के वस्त्र, सिंदूर और अक्षत अर्पित करें
- इस दौरान चमेली का तेल भी चढ़ाएं।
- हनुमान जी के मंत्र का जप करते हुए शुद्ध देसी घी का दीपक जलाएं।
- हनुमान चालीसा का पाठ करें।
- हनुमान जी को बेसन के लड्डू का भोग लगाएं।
- अंत में प्रभु की आरती करें और लड्डू को बांट दें।
- यदि संभव हो, तो इस दिन गुड़ का दान करें। इसके प्रभाव से सभी दोष दूर होते हैं।
कब कब है बड़ा मंगल?
- पहला बड़ा मंगल – 13 मई 2025, जो की बीत चुका है।
- दूसरा बड़ा मंगल – 20 मई 2025
- तीसरा बड़ा मंगल – 27 मई 2025
- चौथा बड़ा मंगल – 3 जून 2025
- पांचवां बड़ा मंगल – 10 जून 2025
बजरंग बाण का पाठ
दोहा
निश्चय प्रेम प्रतीति ते, विनय करैं सनमान ।
तेहि के कारज सकल शुभ, सिद्ध करें हनुमान ॥
जय हनुमन्त संत हितकारी ।सुन लीजै प्रभु अरज हमारी ।।
जन के काज बिलम्ब न कीजै।आतुर दौरि महासुख दीजै ।।
जैसे कूदी सिन्धु महि पारा । सुरसा बदन पैठी विस्तारा ।।
आगे जाय लंकिनी रोका ।मारेहु लात गई सुर लोका ।।
जाय विभीषण को सुख दीन्हा ।सीता निरखि परम-पद लीना ।।
बाग उजारि सिन्धु मह बोरा ।अति आतुर जमकातर तोरा ।।
अक्षय कुमार मारि संहारा ।लूम लपेटि लंक को जारा ।।
लाह समान लंक जरि गई ।जय-जय धुनि सुरपुर में भई ।।
अब बिलम्ब केहि कारन स्वामी ।कृपा करहु उर अन्तर्यामी ।।
जय जय लखन प्रान के दाता ।आतुर होई दु:ख करहु निपाता ।।
जै गिरिधर जै जै सुख सागर ।सुर-समूह-समरथ भट-नागर॥
ओम हनु हनु हनु हनुमंत हठीले ।बैरिहि मारु बज्र की कीले॥
गदा बज्र लै बैरिहि मारो ।महाराज प्रभु दास उबारो ।।
ओंकार हुंकार महाप्रभु धाओ ।बज्र गदा हनु विलम्ब न लाओ ।।
ओम ह्नीं ह्नीं ह्नीं हनुमंत कपीसा ।ओम हुं हुं हुं हनु अरि उर-सीसा॥
सत्य होहु हरी शपथ पायके ।राम दूत धरु मारू जायके
जय जय जय हनुमन्त अगाधा ।दुःख पावत जन केहि अपराधा ।।
पूजा जप-तप नेम अचारा ।नहिं जानत हो दास तुम्हारा ।।
वन उपवन मग गिरि गृह मांहीं । तुम्हरे बल हम डरपत नाहीं ।।
पायं परौं कर जोरी मनावौं ।येहि अवसर अब केहि गोहरावौं ।।
जय अंजनी कुमार बलवंता ।शंकर सुवन वीर हनुमंता ।।
बदन कराल काल कुलघालक। राम सहाय सदा प्रतिपालक ।।
भूत प्रेत पिसाच निसाचर।अगिन वैताल काल मारी मर ।।
इन्हें मारु, तोहि शपथ राम की । राखउ नाथ मरजाद नाम की ।।
जनकसुता हरि दास कहावो ।ताकी शपथ विलम्ब न लावो ।।
जै जै जै धुनि होत अकासा ।सुमिरत होत दुसह दुःख नासा ।।
चरण शरण कर जोरि मनावौं ।यहि अवसर अब केहि गोहरावौं ।।
उठु उठु चलु तोहि राम-दोहाई ।पायँ परौं, कर जोरि मनाई ।।
ओम चं चं चं चं चपल चलंता ।ओम हनु हनु हनु हनु हनुमन्ता ।।
ओम हं हं हाँक देत कपि चंचल ।ओम सं सं सहमि पराने खल-दल ।।
अपने जन को तुरत उबारौ ।सुमिरत होय आनंद हमारौ ।।
यह बजरंग बाण जेहि मारै।ताहि कहो फिर कोन उबारै ।।
पाठ करै बजरंग बाण की ।हनुमत रक्षा करैं प्रान की ।।
यह बजरंग बाण जो जापैं ।ताते भूत-प्रेत सब कापैं ।।
धूप देय अरु जपै हमेशा ।ताके तन नहिं रहै कलेसा ।।
दोहा
प्रेम प्रतीतिहि कपि भजै, सदा धरै उर ध्यान ।
तेहि के कारज सकल सुभ, सिद्ध करैं हनुमान ।।

