
इससे पहले पुणे के कारोबारी तुर्किये से सेब का आयात न करने का फैसला कर चुके हैं।


संवाददाता,शैल ग्लोबल टाइम्स/ हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स /उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी, अवतार सिंह बिष्ट रुद्रपुर, (उत्तराखंड)
इसके बाद अब उदयपुर मार्बल प्रोसेसर्स कमेटी के अध्यक्ष कपिल सुराणा ने तुर्किये के साथ मार्बल व्यापार बंद करने की बात बोली है। उन्होंने कहा, ‘उदयपुर एशिया का सबसे बड़ा मार्बल निर्यातक है। कमेटी के सभी सदस्यों ने सर्वसम्मति से तुर्किये के साथ व्यापार बंद करने पर सहमति जताई थी, क्योंकि तुर्किये पाकिस्तान का समर्थन करता है। भारत में आयात होने वाला 70% मार्बल तुर्किये से आता है।
हम तुर्किए के साथ अपना व्यापार बंद कर दें…
कपिल सुराणा ने आगे कहा, सिर्फ उदयपुर ही नहीं, अगर सभी मार्बल एसोसिएशन तुर्किये के साथ अपना व्यापार बंद कर दें, तो इससे दुनिया को एक कड़ा संदेश जाएगा कि भारत सरकार अकेली नहीं है, इंडस्ट्री और सभी भारतीय हमारी सरकार के साथ खड़े हैं। अगर हम तुर्किये के साथ व्यापार बंद कर देते हैं, तो भारतीय मार्बल की मांग बढ़ेगी।’
पहले सेब खरीदने पर लगाई रोक
पहलगाम में आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान की सीमा में घुसकर आतंकी ठिकानों को तबाह किया। इसके बाद दोनों देशों के बीच तनाव काफी बढ़ गया। युद्ध जैसी स्थिति के बीच तुर्किये पाकिस्तान के समर्थन में खुलकर सामने आ गया।
क्यों लिया ऐसा फैसला?
उसके इस रुख से देश के नागरिकों में काफी अक्रोश है। इसी कड़ी में पुणे के व्यापारियों ने तुर्किये से आने वाले सेबों का बहिष्कार करने का निर्णय लिया था। इस निर्णय के बाद अब ये सेब स्थानीय बाजारों से गायब हो गए हैं। सेब अब तुर्की से आयात नहीं किए जा रहे, बल्कि अन्य स्थानों से मंगाए जा रहे हैं। बताया गया है कि फसली सीजन में तुर्किये से लभभग 1,000 से 1,200 करोड़ रुपये के सेब की खरीद की जाती है।
पर्यटकों ने अजरबैजान और तुर्किए से बनाई दूरी
वहीं भारत के साथ हुए संघर्ष के दौरान पाकिस्तान का खुला समर्थन करने वाले तुर्किये और अजरबैजान को भारतीय यात्रियों के गुस्से का शिकार होना पड़ रहा है। भारतीय पर्यटक दोनों देशों की अपनी यात्राओं को रद कर रहे हैं। ईंजॉयमॉय ट्रिप और काक्स एंडकिंग्स जैसी ट्रैवल एजेंसियों ने दोनों देशों की सभी यात्रा पैकेज को निलंबित कर दिया है।
इससे पहले मालदीव ने भी आंखें तरेरी थी। बड़ी संख्या में भारतीय पर्यटकों ने वहां न जाने का निर्णय लिया था। इससे वहां की सरकार को दिन में भी तारे दिखने शुरू हो गए थे। 2023 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इंटरनेट मीडिया पर लक्षद्वीप की फोटो शेयर करते हुए वहां जाने की अपील की थी।

