संपादकीय लेखपंचायत चुनावों में पारदर्शिता और अनुशासन की मिसाल बनता उधमसिंहनगर प्रशासन

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त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव लोकतंत्र की नींव माने जाते हैं। यह चुनाव न केवल ग्रामीण भारत की प्रशासनिक दिशा तय करते हैं, बल्कि आम नागरिक को सत्ता की प्रक्रिया में सीधा भागीदार भी बनाते हैं। उत्तराखंड के उधमसिंहनगर जनपद में इन चुनावों को पारदर्शी, शांतिपूर्ण और निष्पक्ष ढंग से संपन्न कराने के लिए प्रशासन ने जिस प्रकार की तत्परता और अनुशासन का परिचय दिया है, वह सराहनीय है और अन्य जिलों के लिए प्रेरणास्रोत भी।

जिलाधिकारी एवं जिला निर्वाचन अधिकारी नितिन सिंह भदौरिया, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मणिकांत मिश्रा, तथा निर्वाचन प्रेक्षक अपूर्वा पाण्डेय और दीप्ति सिंह द्वारा गदरपुर एवं खटीमा में नवीन मंडियों से मतदान पार्टियों की रवानगी व स्ट्रांग रूम का सघन निरीक्षण किया गया। यह केवल औपचारिकता नहीं, बल्कि उस प्रशासनिक संजीदगी का परिचायक था जो चुनावों की निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक है।

प्रशासन ने मतदान अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि वे अपने मतदान स्थल पर ही रात्रि प्रवास करें और किसी भी प्रकार के आतिथ्य से दूर रहें। यह निर्णय पूरी तरह से आदर्श आचार संहिता के अनुरूप है और चुनाव प्रक्रिया की निष्पक्षता बनाए रखने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। साथ ही, जोनल और सेक्टर मजिस्ट्रेटों को क्षेत्र भ्रमण व नियंत्रण कक्ष को नियमित सूचना देने का निर्देश देना, एक सजग और सक्रिय प्रणाली का निर्माण करता है।

गदरपुर ब्लॉक से 193 मतदान पार्टियों को 37 बसों के माध्यम से रवाना करना और 19 पार्टियों को रिज़र्व में रखना दर्शाता है कि प्रशासन ने आकस्मिक परिस्थितियों के लिए भी पर्याप्त तैयारी कर रखी है। वहीं खटीमा मंडी से मतदान पार्टियों की रवानगी और 5080 मतदान कर्मियों का तृतीय रेंडमाइजेशन तथा 2500 मतगणना कर्मियों का प्रथम रेंडमाइजेशन इस बात का प्रमाण है कि प्रक्रिया में पारदर्शिता और निष्पक्षता सर्वोपरि रखी गई है।

यह भी उल्लेखनीय है कि विकासखंड खटीमा, सितारगंज, गदरपुर और बाजपुर में प्रथम चरण के तहत कुल 1016 मतदान पार्टियों को तैनात किया गया है, जिससे चुनाव की भव्यता और उसकी प्रशासनिक चुनौती का अनुमान लगाया जा सकता है।

जहां एक ओर राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा दिए गए निर्देशों का पूरी गंभीरता से पालन किया गया, वहीं दूसरी ओर ज़मीनी स्तर पर उस कार्यान्वयन की भावना भी नज़र आई, जो अक्सर कागज़ों में सिमट कर रह जाती है। इस प्रकार का सक्रिय और जिम्मेदार प्रशासन न केवल मतदाताओं का विश्वास अर्जित करता है, बल्कि लोकतांत्रिक व्यवस्था की मजबूती में एक महत्वपूर्ण कड़ी भी बनता है।

✍️ अवतार सिंह बिष्ट,
संवाददाता,हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स/उत्तराखंड राज्य निर्माण आंदोलनकारी!उधमसिंहनगर प्रशासन का यह प्रयास लोकतंत्र के स्वस्थ संचालन की उत्कृष्ट मिसाल है। जब चुनाव अधिकारी ईमानदारी, सतर्कता और अनुशासन से कार्य करें, तो न केवल मतदाता निश्चिंत होकर मतदान करता है, बल्कि लोकतंत्र भी अपने वास्तविक अर्थों में साकार होता है। अब जिम्मेदारी मतदाताओं की है कि वे भयमुक्त होकर अपने मताधिकार का प्रयोग करें और योग्य प्रतिनिधियों को चुनें, जो पंचायत स्तर पर विकास की असली बुनियाद रख सकें।


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