
पाकिस्तान के आर्मी चीफ ने हाल ही में कश्मीर को “जुगुलर वेन” कहा, जिससे तनाव और बढ़ गया.

आधुनिक मिसाइल प्रणालियों की गति जोखिम को बढ़ाती है. पाकिस्तानी शाहीन मिसाइल नई दिल्ली तक लगभग 7 मिनट में पहुंच सकती है, जबकि भारत की प्रलय मिसाइल इस्लामाबाद तक 6 मिनट से कम समय में पहुंच सकती है.
1981 की एक विशेष राष्ट्रीय खुफिया अनुमान रिपोर्ट में कहा गया था कि अगर भारत को लगता है कि पाकिस्तान परमाणु हमला कर रहा है, तो भारत पहले हमला कर सकता है. 1989 की एक रिपोर्ट में चेतावनी दी गई थी कि पारंपरिक संघर्ष परमाणु युद्ध में बदल सकता है.
भारत-पाकिस्तान जल समझौता निलंबित
भारत ने पाकिस्तान के साथ जल-विभाजन समझौते को एकतरफा निलंबित कर दिया है. भारत का आरोप है कि पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर में हमले के लिए जिम्मेदारी ली है. इस निर्णय से पाकिस्तान में पानी की कमी हो सकती है, जिससे कृषि और खाद्य सुरक्षा पर असर पड़ सकता है.
पाकिस्तानी अखबार ट्रिब्यून में छपी खबर के मुताबिक इस्लामाबाद ने चेतावनी दी है कि अगर भारत नदियों के पानी को रोकने या मोड़ने की कोशिश करता है, तो इसे “युद्ध का कार्य” माना जाएगा और सभी पारंपरिक और गैर-पारंपरिक साधनों से जवाब दिया जाएगा.
पाकिस्तान की प्रतिक्रिया
पाकिस्तान ने इस कदम को खारिज कर दिया है और कहा है कि समझौते को निलंबित नहीं किया जा सकता. इस निर्णय के पाकिस्तान के लिए गंभीर परिणाम हो सकते हैं, जहां कृषि लगभग 90% सिंधु नदी प्रणाली पर निर्भर है. पाकिस्तान ने पानी को राष्ट्रीय हित बताया है और इसकी रक्षा की बात कही है.
जानिए किसके पास कितने परमाणु हथियार
दुनिया में इस समय 12,121 परमाणु हथियार हैं. जिनमें से 172 भारत के पास हैं. भारत परमाणु हथियारों के मामले में दुनिया का छठवां सबसे ताकतवर देश बन गया है. हालांकि यह अब भी रूस, अमेरिका, चीन से पीछे हैं. लेकिन पाकिस्तान से आगे निकल गया है. आइए जानते हैं कि दुनिया के 9 परमाणु हथियार संपन्न देशों के पास कितने हथियार हैं?
दुनिया में 9 देशों के पास परमाणु हथियार हैं. ये हैं- अमेरिका, रूस, इंग्लैंड, फ्रांस, चीन, भारत, पाकिस्तान, उत्तर कोरिया और इजरायल. इन सबने मिलाकर 12,121 परमाणु हथियार बनाए हैं. जिनमें से 9585 मिलिट्री ग्रेड के हथियार हैं. इनमें से 3904 हथियारों को मिसाइलों और विमानों में तैनात रखा गया है.
यानी पिछले साल से 60 हथियार ज्यादा तैनात हैं मिसाइलों और फाइटर जेट्स या बमवर्षकों में. करीब 2100 हथियारों को बैलिस्टिक मिसाइलों में तैनात रखा गया है. ये मिसाइलें हाई अलर्ट पर हैं. वजह है रूस-यूक्रेन, चीन-ताइवान, नाटो बनाम रूस में चल रहा मिलिट्री विवाद या युद्ध. ये बढ़ेंगे तो हथियारों के इस्तेमाल का खतरा भी बढ़ेगा.


