उत्तराखंड स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) की साइबर क्राइम यूनिट को बड़ी सफलता हाथ लगी है। महिला डाक्टर बनकर इंनटरनेट मीडिया के जरिये आमजन को साइबर ठगी का शिकार बनाने वाले शातिर आरोपित को एसटीएफ ने दिल्ली के न्यू उस्मानपुर इलाके से गिरफ्तार कर लिया है।

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आरोपित ओम शर्मा उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद का निवासी है, जो खुद को महिला डाक्टर और कस्टम अधिकारी या वित्त मंत्रालय में बताकर 50 लाख रुपये की ठगी कर चुका है।

संवाददाता,शैल ग्लोबल टाइम्स/ हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स /उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी, अवतार सिंह बिष्ट

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एसटीएफ नवनीत सिंह ने बताया कि देहरादून निवासी एक व्यक्ति ने बीते दिसंबर में साइबर ठगी की शिकायत दी थी। उन्हें नवंबर 2024 में इंटरनेट मीडिया पर फ़्रेंड रिक्वेस्ट प्राप्त हुई, जो महिला डा. लवेत गिब्सन के नाम से थी। जिसने स्वयं को आइजीआइ एयरपोर्ट में तैनात कस्टम अधिकारी बताकर उन्हें झांसे में लेकर पैसे ठग लिए थे।

जांच में पता चला कि आरोपित फर्जी महिला डाक्टर बनकर फेसबुक पर दोस्ती कर भावनात्मक ब्लैकमेल, फर्जी दस्तावेजों और सरकारी एजेंसियों के नाम का गलत उपयोग कर साइबर ठगी करता है। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एसटीएफ नवनीत सिंह के निर्देश पर पुलिस उपाधीक्षक अंकुश मिश्रा एवं निरीक्षक विकास भारद्वाज के नेतृत्व में टीम गठित कर जांच शुरू की गई।

जिसमें शिकायत के आधार पर विभिन्न बैंकों, मोबाइल सेवा प्रदाताओं और मेटा कंपनी से प्राप्त डेटा का विश्लेषण कर पुलिस ने आरोपित की पहचान की और अंततः उसे दिल्ली से गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तारी के समय आरोपित के पास से घटना में प्रयुक्त एक मोबाइल फोन जब्त कर लिया गया है। एसटीएफ अब इस नेटवर्क से जुड़े अन्य सहयोगियों की तलाश में जुटी है।

ऐसे रचता था धोखाधड़ी की स्क्रिप्ट

एसटीएफ की जांच में सामने आया कि आरोपित इंटरनेट मीडिया जैसे फेसबुक, व्हाट्सएप आदि पर पहले दोस्ती करता था और फिर काल और मैसेज के जरिये पीड़ितों को अधिक मुनाफे का लालच देता था। यही नहीं, आरोपित ने फर्जी आधार कार्ड बनवाकर 15 से अधिक बैंक खाते खुलवा रहे हैं, जिन्हें वह अन्य साइबर अपराधियों को ऊंची कीमत पर बेचता था। इन खातों में कुछ ही महीनों में लाखों रुपये का संदिग्ध लेन-देन हुआ है।

देशभर में फैला है नेटवर्क

प्रारंभिक पूछताछ में पता चला कि आरोपित के बैंक खातों के माध्यम से केवल दो से चार महीनों में लाखों का लेनदेन हुआ। आरोपित के खातों के खिलाफ देश के विभिन्न राज्यों जम्मू-कश्मीर, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और गुजरात में कम से कम चार साइबर अपराधों की शिकायतें दर्ज हैं। अन्य राज्यों की पुलिस के साथ समन्वय स्थापित कर आगे की जांच की जा रही है।


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