
यह रिपोर्ट जिलाधिकारियों के माध्यम से मुख्य शिक्षा अधिकारियों (सीईओ) की ओर से आयोग को सौंपी जाएगी। रिपोर्ट के अनुसार कार्रवाई आगामी 16 नवंबर को होने जा रही सहकारी समितियों के अंतर्गत सहकारी निरीक्षक वर्ग-2 और सहायक विकास अधिकारी (सहकारी) परीक्षा से पहले पूरी होगी।

✍️ अवतार सिंह बिष्ट | हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स, रुद्रपुर ( उत्तराखंड राज्य निर्माण आंदोलनकारी
स्नातक स्तरीय परीक्षा प्रकरण के बाद बढ़ी सख्ती
बीते 21 सितंबर को आयोजित स्नातक स्तरीय परीक्षा के दौरान प्रश्नपत्र के कुछ अंश इंटरनेट मीडिया पर लीक हो गए थे। इस घटना के बाद हरिद्वार जिले के तहत रुड़की के एक परीक्षा केंद्र में मोबाइल से पेपर की फोटो खींचने के आरोपित खालिद मलिक को गिरफ्तार किया गया था।
घटना की गंभीरता को देखते हुए राज्य सरकार ने एकल सदस्यीय न्यायिक जांच आयोग का गठन किया, जिसने राज्य भर में जनसंवाद कर परीक्षार्थियों और नागरिकों की राय जानी। इसके आधार पर आयोग ने उक्त परीक्षा को निरस्त कर दिया था।
इतना ही नहीं, आयोग ने पांच और 12 अक्टूबर को प्रस्तावित दो भर्ती परीक्षाएं भी रद्द कर दी थीं। परीक्षा प्रक्रिया की शुचिता को बनाए रखने और दोबारा ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए आयोग ने भविष्य की सभी परीक्षाओं में कड़े सुरक्षा उपाय लागू करने का निर्णय लिया है।
संवेदनशील परीक्षा केंद्र किए गए रद
इस क्रम में आयोग ने यह भी तय किया है कि अब केवल शासकीय विद्यालयों या संस्थानों को ही परीक्षा केंद्र बनाया जाएगा, ताकि परीक्षा संचालन की निगरानी और नियंत्रण अधिक प्रभावी हो सके। आयोग की ओर से सभी जनपदों से परीक्षा केंद्रों की रिपोर्ट मंगाई गई है और यह प्रक्रिया एक सप्ताह के भीतर पूरी कर ली जाएगी। संवेदनशील एवं अति संवेदनशील परीक्षा केंद्रों को रद कर दिया गया है।
‘आयोग की इस सतर्कता भरी पहल को आने वाली परीक्षाओं की शुचिता सुनिश्चित करने की दिशा में एक मजबूत कदम माना जा रहा है। इससे नकल माफिया पर प्रभावी अंकुश लगने और युवाओं में आयोग के प्रति भरोसा बहाल होने की उम्मीद है।’
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-डा शिव कुमार बनरवाल, सचिव, उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग




