ईजरायल और मिस्र की सीमा पर बसी गाजापट्टी एक तरफ जहां भूख से बिलख रही हैं. वहीं, इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन ने गाजा पर पूर्ण कब्जे को मंजूरी दे दी है. नेतन्याहू के इस फैसले से हमास के साथ सीजफायर को लेकर चल रही बातचीत अधर में लटकती नजर आ रही है.

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इजरायल की मीडिया के मुताबिक, गाजा पर फुल कैप्चर के नेतन्याहू के प्लान को कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है. उनकी कैबिनेट में शामिल कई मंत्रियों का कहना है कि नेतन्याहू ने गाजा को लेकर निजी चैट में ‘गाजा पर कब्जे’ जैसी टर्म का इस्तेमाल किया है, जो बताता है कि वह गाजा को बख्शने के मूड में नहीं है.✍️अवतार सिंह बिष्ट,हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स, उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी

इतना ही नहीं नेतन्याहू ने गाजा में हमास के सैन्य ढांचे को पूरी तरह नष्ट करने का भी निर्देश दिया है. उन्होंने अप्रैल 2025 में गोलानी ब्रिगेड को राफाह, बेत हनून और बेत लाहिया जैसे क्षेत्रों में हमास के बचे हुए ठिकानों को खत्म करने का आदेश दिया था.

इजरायली सेना ने दावा किया है कि गाजा के लगभग 70 फीसदी हिस्से पर उनका कब्जा हो चुका है. गोलानी ब्रिगेड जैसे विशेष दस्तों को हमास के हथियारों और सुरंगों को नष्ट करने का काम सौंपा गया है. नेतन्याहू का लक्ष्य हमास को सैन्य और शासन दोनों स्तरों पर खत्म करना है. उन्होंने गाजा के विसैन्यीकरण (demilitarization) और हमास के पूर्ण खात्मे को अपनी प्राथमिकता बताया है.

नेतन्याहू के मंसूबों से सीजफायर वार्ता की राह में रोड़ा

हमास ने मई 2025 में सीजफायर को लेकर अमेरिकी मध्यस्थ स्टीव विटकॉफ के प्रस्ताव को स्वीकार किया था, जिसमें 10 बंधकों की रिहाई के बदले 70 दिनों के युद्धविराम पर बातचीत शामिल थी. हालांकि, नेतन्याहू ने इसे खारिज करते हुए कहा कि युद्धविराम तभी संभव है जब हमास पूरी तरह हथियार डाल दे और गाजा पर नियंत्रण छोड़ दे.

नेतन्याहू ने जुलाई 2025 में कहा कि युद्धविराम के लिए हमास को अपनी सैन्य क्षमता छोड़नी होगी, जिसे हमास ने ठुकरा दिया. इस असहमति ने मार्च 2025 के बाद से किसी भी बड़े युद्धविराम समझौते को असंभव बना दिया.

अमेरिका, मिस्र और कतर जैसे मध्यस्थों की कोशिशों के बावजूद दोनों पक्षों की सीजफायर वार्ता बार-बार बाधित हो रही है.वहीं, हमास से हथियारों को लेकर भी बात बिगड़ गई है. हमास ने गाजा की सुरंगों में रॉकेट्स और हथियारों का जखीरा बना रखा है, जिसमें ईरान से मिले हथियार और क्रूड रॉकेट टेक्नोलॉजी भी शामिल हैं. इजरायल का दावा है कि हमास इन हथियारों का इस्तेमाल नागरिकों को ढाल बनाकर करता है, जिससे युद्ध और जटिल हो गया है।.

इजरायली सेना ने राफाह और अन्य क्षेत्रों में हथियारों के भंडार और सुरंगों को नष्ट करने के लिए बड़े पैमाने पर सैन्य अभियान चलाए हैं. गोलानी ब्रिगेड ने हाल ही में कई हथियार बरामद किए और आतंकी ठिकानों को नष्ट किया. दरअसल हमास को ईरान, हिजबुल्लाह और कतर से हथियार, प्रशिक्षण और आर्थिक मदद मिलती है, जिसे इजरायल गाजा में हिंसा का प्रमुख कारण मानता है.


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