रुद्रपुर उत्तराखंड की देवभूमि सदियों से संत, महात्मा और वेदविदों की जन्मभूमि रही है। इसी परंपरा को आज के समय में आगे बढ़ाने वाले एक ऐसे तेजस्वी युवा का नाम है — कैलाश तिवारी। शैल सांस्कृतिक समिति (शैल परिषद) के अंतर्गत शैल परिसर स्थित श्री गोल्ज्यू मंदिर के प्रधान पुजारी के रूप में वे न केवल धार्मिक सेवाओं का निर्वाह कर रहे हैं, बल्कि सनातन धर्म की अमूल्य धरोहर को नए युग के लोगों तक पहुंचा रहे हैं।



वेदों के ज्ञाता और कथा-वाचन के माहिर
कैलाश तिवारी सिर्फ एक पुजारी नहीं, बल्कि वेदों के गहन ज्ञाता हैं। उनके पास भागवत कथा से लेकर रामायण, महाभारत और पुराणों तक का ऐसा अद्भुत ज्ञान है, जिसे सुनकर श्रोता मंत्रमुग्ध हो जाते हैं। उनकी आवाज़ में भक्ति की मिठास और व्याख्यान में धर्म का गूढ़ सार होता है। वे श्रोताओं को केवल कहानी नहीं सुनाते, बल्कि धर्म के सिद्धांत, जीवन का उद्देश्य और आत्मा की शुद्धि का संदेश भी देते हैं।
ज्योतिष के सिद्धहस्त आचार्य
कैलाश तिवारी के व्यक्तित्व का एक और महत्वपूर्ण आयाम है — उनका अद्वितीय ज्योतिष ज्ञान। जन्म कुंडली, मुहूर्त, भविष्य, वर्तमान और अतीत की सटीक भविष्यवाणी करने में उनकी ख्याति दूर-दूर तक फैली है। श्रद्धालु उनके पास केवल मार्गदर्शन लेने नहीं आते, बल्कि जीवन की दिशा और समाधान भी पाते हैं।
उत्तराखंड का धीरेंद्र शास्त्री और अनिरुद्ध आचार्य
आज के दौर में जहां कई लोग धर्म को केवल मंच सजाने का माध्यम बना चुके हैं, वहीं कैलाश तिवारी ने अपने 30 वर्ष की युवा उम्र में ही खुद को धर्म, वेद और सेवा के पथ पर पूर्णतः समर्पित कर दिया है। उनका व्यक्तित्व और ज्ञान उन्हें उत्तराखंड का धीरेंद्र शास्त्री और उत्तराखंड का अनिरुद्ध आचार्य कहलाने योग्य बनाता है।
सनातन धर्म की बागडोर संभालने वाला युवा
इस उम्र में अधिकांश लोग भौतिक लक्ष्यों की दौड़ में लगे रहते हैं, परंतु कैलाश तिवारी ने अपने जीवन का उद्देश्य धर्म प्रचार, पूजा-पाठ, हवन, यज्ञ और वैदिक परंपराओं का संरक्षण बना लिया है। वे युवा पीढ़ी के लिए प्रेरणा हैं कि आधुनिकता के बीच भी सनातन संस्कृति का दीपक जलाए रखा जा सकता है।

संपादकीय: –।✍️ अवतार सिंह बिष्ट | हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स, रुद्रपुर (उत्तराखंड राज्य निर्माण आंदोलनकारी) उत्तराखंड का सर्वश्रेष्ठ सनातनी,हम निःसंकोच यह कह सकते हैं कि कैलाश तिवारी जैसे युवाओं की आवश्यकता आज के समय में सबसे अधिक है। उनका ज्ञान, सेवा, और धर्म के प्रति निष्ठा उन्हें उत्तराखंड का सर्वश्रेष्ठ सनातनी बनाती है। यदि आप वेद-वेदांग, कथा-वाचन, पूजा-पाठ, हवन या वैदिक परंपरा के अनुरूप धार्मिक कार्य करवाना चाहते हैं, तो श्री गोल्ज्यू मंदिर, शैल परिसर, रुद्रपुर के प्रधान पुजारी कैलाश तिवारी से अवश्य संपर्क करें।आज के समय में जब धर्म का स्वरूप बदल रहा है, कैलाश तिवारी जैसे युवाओं का अस्तित्व इस बात का प्रमाण है कि सनातन धर्म की जड़ें अटूट हैं। निस्संदेह, वे उत्तराखंड के सर्वश्रेष्ठ सनातनी कहलाने के योग्य हैं।
शैल परिषद स्थित श्री गोल्ज्यू मंदिर में प्रधान पुजारी ज्योतिषाचार्य कैलाश तिवारी के नेतृत्व में वैदिक मंत्रोच्चार और परंपरागत विधि-विधान से’जान्यो पुण्यों’ पूजा-पाठ संपन्न हुआ। इस धार्मिक आयोजन में पण्डित दिनेश चन्द्र पन्त, पंडित सतीश लोहनी, पंडित त्रिलोचन पनेरू एवं पंडित गौरव लोहमी ने सक्रिय सहयोग प्रदान किया। सभी सहयोगियों ने वैदिक पद्धति के अनुरूप मंत्रजाप और अनुष्ठान में भाग लेकर सनातन परंपरा के संरक्षण का संदेश दिया। इस अवसर पर श्रद्धालुओं ने गोल्ज्यू महाराज के चरणों में आस्था अर्पित कर समृद्धि और सुख-शांति की प्रार्थना की।

