रूस ने 24 फरवरी 2022 को यूक्रेन पर हमला शुरू किया था और 19 नवंबर को इस युद्ध के 1000 दिन पूरे हो गये हैं, जो द्वितीय विश्व युद्ध के बाद यूरोप के सबसे घातक संघर्ष में एक गंभीर मील का पत्थर है।

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विनाशकारी मानवीय और भौतिक नुकसान लगातार बढ़ता जा रहा है और एटम बम के इस्तेमाल का खतरा भी लगातार बढ़ता जा रहा है।

हिंदुस्तान Global Times/print media,शैल ग्लोबल टाइम्स,अवतार सिंह बिष्ट

अमेरिका से इजाजत मिलते ही यूक्रेन ने रूस के अंदर लंबी दूरी तक मार करने वाली मिसाइलें दागनी शुरू कर दी है, जिसके बाद राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने रूस की न्यूक्लियर हथियार चलाने के नियम को बदल दिया, जो अमेरिका को बहुत बड़ी चेतावनी है और ऐसा माना जा रहा है, कि जो बाइडेन ने जाते जाते दुनिया को गंभीर परमाणु खतरे में धकेल दिया है।

यूक्रेन युद्ध में कितने लोगों की हुई मौत?

31 अगस्त 2024 तक, यूक्रेन में संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार निगरानी मिशन ने रूस के पूर्ण पैमाने पर आक्रमण की शुरुआत के बाद से यूक्रेन में कम से कम 11,743 नागरिकों की मौत और 24,614 के घायल होने का दस्तावेजीकरण किया था। संयुक्त राष्ट्र और यूक्रेनी अधिकारियों का कहना है, कि मौतों और चोटों की पुष्टि करने में कठिनाई को देखते हुए वास्तविक आंकड़े शायद बहुत ज्यादा हैं, खासकर तबाह हो चुके बंदरगाह शहर मारियुपोल जैसे क्षेत्रों में, जो अब रूस के हाथों में हैं। यूक्रेनी प्रॉसीक्यूटर्स ने कहा है, कि 14 नवंबर 2024 तक 589 यूक्रेनी बच्चे मारे गए थे।

हालांकि नागरिकों को बहुत नुकसान उठाना पड़ा है, लेकिन मरने वालों में ज्यादातर सैनिक हैं। दो समान रूप से सुसज्जित आधुनिक सेनाओं की तरफ से लड़ी गई ये लड़ाई एक दुर्लभ सर्वव्यापी पारंपरिक युद्ध असाधारण रूप से खूनी रहा है। टैंकों, बख्तरबंद वाहनों और पैदल सेना द्वारा खाइयों पर लगातार हमले के साथ, भारी किलेबंद अग्रिम पंक्तियों में भीषण लड़ाई में कई हजार लोग मारे गए हैं।

दोनों ही देशों ने अपनी स्ट्रैटजी के मुताबिक, सैनिकों की मौत के वास्तविक आंकड़े गुप्त रखे हैं और ये भी नहीं बताया है, कि उन्हें कितना सैन्य नुकसान हुआ है। लेकिन, ज्यादातर अनुमानों में दोनों ही पक्षों की तरफ से हजारों मौतों का अनुमान लगाया गया है।

सैनिकों की मौत का अनुमान कितना है?

पश्चिमी देशों का मानना है, कि रूस को यूक्रेन से कहीं ज्यादा नुकसान उठाना पड़ा है, कभी-कभी तो पूर्वी क्षेत्र में भीषण लड़ाई के दौरान प्रतिदिन 1,000 से ज्यादा सैनिक मारे जाते हैं। लेकिन रूस की आबादी का लगभग एक तिहाई हिस्सा रखने वाला यूक्रेन ही है, जो युद्धों के कारण जनशक्ति की ज्यादा गंभीर कमी का सामना कर रहा है। अपने सैन्य मृत्यु दर के बारे में यूक्रेन के एक दुर्लभ संदर्भ में, राष्ट्रपति वलोडिमीर जेलेंस्की ने फरवरी 2024 में कहा था, कि 31,000 यूक्रेनी सेवा सदस्य मारे गए हैं। उन्होंने घायलों या लापता लोगों की संख्या के बारे में कोई आंकड़ा नहीं दिया था।

प्रत्यक्ष हताहतों के अलावा, युद्ध ने यूक्रेन में कई और वजहों से मृत्यु दर को बढ़ा दिया है, जन्म दर में लगभग एक तिहाई की गिरावट आई है, 6 मिलियन से ज्यादा यूक्रेनियन विदेश भागकर यूरोप चले गए हैं और देश के अंदर लगभग 4 मिलियन लोग विस्थापित हो गए हैं। संयुक्त राष्ट्र ने अनुमान लगाया है, कि आक्रमण की शुरुआत के बाद से यूक्रेन की आबादी में 10 मिलियन या लगभग एक चौथाई की कमी आई है।

यूक्रेन के कितने हिस्से पर रूस का कब्जा?

रूस अब यूक्रेन के लगभग पांचवें हिस्से पर कब्जा कर चुका है और दावा करता है, कि उसने यूक्रेन के अंदर ग्रीस देश के आकार के हिस्से पर कब्जा कर लिया है। मॉस्को की सेना ने 2022 की शुरुआत में उत्तरी, पूर्वी और दक्षिणी यूक्रेन में घुसपैठ की थी, उत्तर में कीव के बाहरी इलाके तक पहुंची और दक्षिण में नीपर नदी को पार किया। युद्ध के पहले वर्ष के दौरान यूक्रेन की सेना ने उन्हें पीछे धकेल दिया, लेकिन रूस ने अभी भी दक्षिणी और पूर्वी क्षेत्र के बड़े हिस्से पर कब्जा कर रखा है, जिसमें 2014 में कब्जा किए गये क्षेत्र क्रीमिया भी शामिल है।

मॉस्को ने अब यूक्रेन के पूर्व में डोनबास क्षेत्र के लगभग पूरे हिस्से और दक्षिण में आजोव सागर के पूरे तट पर कब्ज़ा कर लिया है। मॉस्को द्वारा कब्जा किए गए फ्रंटलाइन क्षेत्र के कई शहर नष्ट हो गए हैं, उनमें से सबसे बड़ा मारियुपोल का आजोव बंदरगाह है, जिसकी आबादी युद्ध से पहले लगभग पांच लाख थी। पिछले साल, रूस ने धीरे-धीरे तीव्र लड़ाई में अपनी पकड़ बढ़ाई है, मुख्य रूप से डोनबास में।

वहीं, यूक्रेन ने अगस्त में रूसी क्षेत्र पर अपना पहला बड़े पैमाने पर हमला किया और पश्चिमी रूस के कुर्स्क क्षेत्र के एक हिस्से पर कब्जा कर लिया है, जिसे अब रूस छुड़ाने की कोशिश कर रहा है।

इकोनॉमी को कितना नुकसान?

2022 में यूक्रेन की अर्थव्यवस्था में लगभग एक तिहाई की कमी आ गई थी। हालांकि, 2023 में युद्ध की रफ्तार धीमी होने के बाद देश की इकोनॉमी ने फिर से रफ्तार पकड़ी, मगर ये अभी भी युद्ध शुरू होने से पहले की स्थिति से 78 प्रतिशत तक ही आ पाई है। विश्व बैंक, यूरोपीय आयोग, संयुक्त राष्ट्र और यूक्रेनी सरकार द्वारा उपलब्ध नवीनतम आकलन में पाया गया है, कि दिसंबर 2023 तक यूक्रेन में प्रत्यक्ष युद्ध नुकसान 152 अरब डॉलर तक पहुंच गई थी, जिसमें आवास, ट्रांसपोर्ट, कॉमर्श एंड इंडस्ट्री, ऊर्जा और कृषि सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्र थे।

पिछले साल दिसंबर के अंत तक विश्व बैंक और यूक्रेनी सरकार ने पुनर्निर्माण और पुनर्प्राप्ति की कुल लागत 486 अरब डॉलर आंकी थी। अर्थव्यवस्था मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, यह आंकड़ा 2023 में यूक्रेन के नॉमिनल जीडीपी से 2.8 गुना ज्यादा है।

2025 के बजट के मसौदे में यह परिकल्पना की गई है, कि यूक्रेन के सकल घरेलू उत्पाद का लगभग 26 प्रतिशत या 2.2 ट्रिलियन रिव्निया (53.3 अरब डॉलर) रक्षा में खर्च किया जाएगा। यूक्रेन को पहले ही अपने पश्चिमी भागीदारों से 100 बिलियन डॉलर से ज्यादा की वित्तीय सहायता मिल चुकी है।


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