


खासतौर पर पहाड़ की संसदीय सीटों पर जिनमें 30 फीसदी यानी 21 विधानसभा क्षेत्रों में मतदान प्रतिशत 50 फीसदी से भी कम रहा है। अल्मोड़ा की सल्ट सीट पर प्रदेश में सबसे कम 32 फीसदी मतदान रहा, जबकि हरिद्वार ग्रामीण में सबसे अधिक 73.21 प्रतिशत मतदान रहा, लेकिन श्रीनगर गढ़वाल विधानसभा को छोड़कर प्रदेश की बाकी सभी सीटों पर मतदान प्रतिशत 2019 की तुलना में घटा है।


हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स/
प्रिंटिंग मीडिया: शैल ग्लोबल टाइम्स/ संपादक, संवाददाता,
अवतार सिंह बिष्ट,
१,अध्यक्ष उत्तराखंड राज्य निर्माण आंदोलनकारी परिषद
(उत्तराखंड)
२,प्रदेश प्रवक्ता: श्रमजीवी पत्रकार यूनियन उत्तराखंड
३,अध्यक्ष; उत्तराखंड राज्य पत्रकार संघ
हरिद्वार : कांग्रेस के कब्जे वाली विस सीटों पर भाजपा से ज्यादा मतदान
हरिद्वार लोस सीट पर भाजपा प्रत्याशी त्रिवेंद्र सिंह रावत और कांग्रेस प्रत्याशी वीरेंद्र रावत अपनी जीत को लेकर आश्वस्त नजर आ रहे हैं। दोनों ही उम्मीदवारों के अपनी जीत के पक्ष में अपने-अपने तर्क हैं। इस सीट पर मतदान प्रतिशत घटता चला गया। भाजपा कब्जे वाली इस सीट पर 2014 में यह 71.57 प्रतिशत था। 2019 में यह 68.92 प्रतिशत था। इस चुनाव में यह घटकर 62.36 प्रतिशत पहुंच गया। मतदान प्रतिशत के आंकड़ों के विश्लेषण से जो तस्वीर उभर कर सामने आ रही है, वह बता रही कि संसदीय क्षेत्र में जिन विस सीटों पर कांग्रेस व विपक्षी विधायक काबिज हैं, उनमें भाजपा कब्जे वाली विधानसभा सीटों से अधिक मतदान हुआ है। भाजपा शासित धर्मपुर, ऋषिकेश, डोईवाला, हरिद्वार, रुड़की में 60 फीसदी से कम मतदान हुआ। केवल भेल रानीपुर सीट पर 60 फीसदी मतदान हुआ। वहीं, कांग्रेस शासित सीटों भगवानपुर, हरिद्वार ग्रामीण, झबरेड़ा, ज्वालापुर, पिरान कलियर सीट पर मतदान 60 फीसदी से लेकर 73.21 फीसदी तक रहा। इन सीटों पर मुस्लिम मतदाताओं की संख्या भी अच्छी-खासी तादाद में है। इसके अलावा मंगलौर, लक्सर व खानपुर सीट पर भी मतदान 60 फीसदी से अधिक रहा है। इस हिसाब से कांग्रेस बाजी अपने पक्ष होने का दावा कर रही है।
सीट 2024 2019
हरिद्वार मतदान प्रतिशत अंतर
भगवानपुर 68.58 77.05 8.74
भेल रानीपुर 60.00 67.94 7.94
धर्मपुर 51.80 55.31 3.51
डोईवाला 57.45 66.23 8.79
हरिद्वार 54.84 62.37 7.53
हरिद्वार ग्रामीण 73.21 77.82 4.61
झबरेड़ा 67.00 75.45 8.74
ज्वालापुर 69.50 77.81 8.31
खानपुर 68.45 74.41 5.96
लक्सर 72.00 77.82 5.82
मंगलौर 63.20 69.62 6.42
पिरानकलियर 70.01 75.10 5.09
ऋषिकेश 51.80 61.12 9.32
रुड़की 59.40 62.57 3.17
कुल 62.36 68.92
टिहरी लोकसभा में पहली बार पांच फीसदी गिरा मतदान
पछले तीन चुनावों में पहली बार टिहरी लोकसभा में मतदान प्रतिशत गिर गया। 2019 के मुकाबले मतदान प्रतिशत में 5.73 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है। इस लोकसभा में वर्तमान में 14 में से 11 विधानसभा सीटों पर भाजपा, दो पर कांग्रेस और एक पर निर्दलीय विधायक हैं। पिछले चार चुनावों के हिसाब से टिहरी लोकसभा को देखें तो वर्ष 2009 के चुनाव में यहां 50.38 प्रतिशत मतदान हुआ था। 2014 में यह आंकड़ा बढ़कर 57.44 प्रतिशत और 2019 में 58.30 प्रतिशत पर पहुंच गया था, लेकिन इस बार अचानक मतदान प्रतिशत में गिरावट दर्ज की गई है। इस साल के चुनाव में टिहरी लोकसभा में 52.57 प्रतिशत मतदान हुआ है। यहां भाजपा से माला राज्य लक्ष्मी शाह, कांग्रेस से जोत सिंह गुनसोला के अलावा निर्दलीय प्रत्याशी बॉबी पंवार भी मैदान में थे।
टिहरी में पिछली दो लोकसभा चुनाव का मतदान प्रतिशत
विस सीट 2024 2019
चकराता 51.50 59.74
देहरादून कैंट 50.23 56.75
धनोल्टी 45.26 53.72
गंगोत्री 54.00 58.75
घनसाली 41.50 45.48
मसूरी 53.00 58.77
प्रतापनगर 41.65 44.19
पुरोला 57.50 64.41
रायपुर 54.01 58.72
राजपुर रोड 49.38 57.08
सहसपुर 62.12 70.41
टिहरी 44.16 47.21
विकासनगर 64.70 69.68
यमुनोत्री 52.72 58.87
नैनीताल : पहले 9.73 फीसदी की छलांग, अबकी साढ़े सात फीसदी घट गई
नैनीताल-ऊधम सिंह नगर लोकसभा सीट पर इस बार 7.57 प्रतिशत तक मतदान घट गया है। मतदान में आई इस गिरावट ने सभी प्रत्याशियों की पेशानी पर बल डाल दिए हैं। ऐसा इसलिए कि 2009 के बाद इसी सीट पर मतदान प्रतिशत ने 9.73 प्रतिशत की छलांग लगाई थी। 2009 में 58.69 प्रतिशत वोट पड़े थे। 2014 में प्रचंड मोदी लहर में यह बढ़कर 68.41 प्रतिशत हो गए और 2019 में यह मतदान प्रतिशत 68.92 तक रहा, लेकिन 2024 के चुनाव में यह घटकर 61.35 प्रतिशत रह गया। इसके बावजूद भाजपा इस सीट पर हैट्रिक लगाने का दावा कर रही है, जबकि कांग्रेस भी इस सीट पर अपनी जीत को लेकर आश्वस्त दिख रही है। 2019 के चुनाव में छह सीटों पर 70 फीसदी से अधिक मतदान हुआ था, लेकिन इस बार केवल सितारगंज सीट पर ही 70.15 मतदान हुआ। भाजपा के कब्जे वाली भीमताल, नैनीताल, काशीपुर सीटों पर 60 फीसदी से कम मतदान रहा। लालकुआं, जसपुर व काशीपुर सीटों पर मतदान में नौ फीसद तक गिरावट रही। इसके बावजूद भाजपा इस सीट पर लगातार हैट्रिक लगाने का दावा कर रही, जबकि कांग्रेस भी इस सीट पर अपनी जीत को लेकर आश्वस्त दिख रही है।
विधानसभा 2024 2019 अंतर
लालकुआं 60.50 69.50 9.00
भीमताल 55.50 59.48 3.98
नैनीताल 51.67 55.29 3.62
हल्द्वानी 58.50 62.19 3.69
कालाढुंगी 60.00 66.87 6.87
जसपुर 63.07 72.60 9.53
काशीपुर 56.70 65.82 9.12
बाजपुर 61.64 72.27 10.63
गदरपुर 67.92 75.74 7.82
रुद्रपुर 60.50 68.21 7.71
किच्छा 62.50 68.69 6.19
सितारगंज 70.15 78.59 8.44
नानकमत्ता 65.71 73.83 8.21
खटीमा 64.50 72.87 8.37
कुल 61.35 68.92 7.57
अल्मोड़ा :14 में से नौ सीटों पर 50 फीसदी से कम मतदान
पांचों लोस सीटों में सबसे कम मतदान अल्मोड़ा लोकसभा सीट पर हुआ है। पिछले चुनाव की तुलना में इस सीट पर 4.88 प्रतिशत मतदान कम हुआ। 2009 में इस सीट पर 45.86 प्रतिशत मतदान हुआ था। 2014 में प्रचंड मोदी लहर के बावजूद यहां 52.41 फीसदी ही वोट पड़े और 2019 में 51.82 मतदान प्रतिशत रहा। इस बार यह 46.94 प्रतिशत पर आकर अटक गया। इस लोस क्षेत्र में अल्मोड़ा विस सीट पर गत चुनाव की तुलना में सबसे अधिक 10.55 प्रतिशत की गिरावट दर्ज हुई। संसदीय क्षेत्र की 14 विधानसभा सीटों में से नौ सीटों पर 50 फीसदी से कम मतदान हुआ है। सल्ट सीट पर एक बार फिर सबसे कम 32 फीसदी मतदान हुआ जो 2019 से कम है। संसदीय क्षेत्र में कम मतदान को लेकर भाजपा और कांग्रेस नफा-नुकसान के गुणा भाग में जुटे हैं।
चंपावत में सबसे अधिक, सल्ट में सबसे कम
धारचुला 48.70 53.31 4.61
डीडीहाट 49.20 51.60 2.4
पिथौरागढ़ 50.32 53.17 2.82
गंगोलीहाट 46.00 50.87 4.87
कपकोट 51.43 55.88 4.45
बागेश्वर 51.00 58.30 7.3
द्वारहाट 45.30 46.61 1.31
सल्ट 32.00 38.75 6.75
रानीखेत 41.50 46.25 4.75
सोमेश्वर 48.18 51.80 3.62
अल्मोड़ा 44.00 54.55 10.55
जागेश्वर 45.25 49.45 4.2
लोहाघाट 46.22 51.78 5.56
चंपावत 56.00 61.08 5.08
कुल 46.94 51.82 4.88
बीजेपी के गढ़ गढ़वाल में तीन फीसदी से अधिक गिरा मतदान
भाजपा का गढ़ मानी जाने वाली गढ़वाल लोकसभा सीट पर लगातार दूसरे चुनाव में मतदान प्रतिशत की गिरावट जारी है। यह सीट पिछले 10 साल से बीजेपी के पास है। वर्तमान में इस लोकसभा की 14 में से 13 सीटें भी भाजपा के पास हैं, जबकि 14वीं बदरीनाथ विधानसभा के कांग्रेस विधायक भी चुनाव से पहले भाजपा में शामिल हो गए थे। पिछले तीन चुनावों का ट्रेंड देखें तो गढ़वाल लोकसभा की तस्वीर कुछ समझ आती है। 2009 के लोकसभा चुनाव में यहां 48.87 प्रतिशत मतदान हुआ था, जिसमें कांग्रेस से सतपाल महाराज सांसद चुने गए थे। 2014 में तस्वीर पलट गई। इस सीट पर मतदान प्रतिशत बढ़कर 53.98 प्रतिशत हो गया और भाजपा के मेजर जनरल बीसी खंडूड़ी यहां से सांसद चुने गए। 2019 में मतदान प्रतिशत और बढ़कर 54.47 प्रतिशत दर्ज किया गया और भाजपा के तीरथ सिंह रावत यहां सांसद चुने गए, लेकिन इस बार मतदान प्रतिशत में करीब 3.63 प्रतिशत गिरकर 50.84 पर पहुंच गया है। इस लोकसभा की 14 में से 13 विधानसभा सीटों पर 2022 के विस चुनाव में भाजपा विजयी हुई थी। बदरीनाथ विस सीट पर कांग्रेस के राजेंद्र भंडारी विधायक थे जो लोकसभा चुनाव से ठीक पहले भाजपा में शामिल हो गए थे, जिसके बाद ये सीट खाली है। इस बार यहां भाजपा के अनिल बलूनी और कांग्रेस के गणेश गोदियाल मैदान में थे। दोनों ही अपनी जीत को लेकर आश्वस्त हैं।
गढ़वाल लोकसभा में मतदान प्रतिशत पर एक नजर
बदरीनाथ 55.63 58.48
चौबट्टाखाल 40.62 43.53
देवप्रयाग 41.78 46.94
कर्णप्रयाग 52.37 56.28
केदारनाथ 56.70 62.71
कोटद्वार 58.50 61.46
लैंसडोन 40.10 43.97
नरेंद्रनगर 48.00 54.07
पौड़ी 46.65 49.71
रामनगर 61.60 66.84
रुद्रप्रयाग 53.02 54.94
श्रीनगर 53.01 53.01
थराली 50.89 53.87
यमकेश्वर 43.20 50.41

