भूपेंद्र की माता का पूर्व में ही निधन हो चुका है। भूपेंद्र की पत्नी तीन बच्चों को पढ़ाने के लिए देहरादून में रहती हैं। साथ में बलिदानी के पिता भी उनके साथ देहरादून में रहते हैं। विवेक ने बताया कि करीब एक साल पहले वह गर्मियों की छुट्टी में वे घर आए थे।
सोमवार को पाबौ स्थित उनके पैतृक घाट में अंतिम संस्कार होगा। घटना के बाद से गांव में गांव में मातम छाया है। स्वजन का रो-रो कर बुरा हाल है। जिलाधिकारी डा. आशीष चौहान ने घटना की जानकारी देते हुए बताया कि सैनिक का पार्थिव शरीर सोमवार तक पौड़ी के विशल्ड गांव आने की जानकारी मिली है।
मुख्यमंत्री धामी ने जताया शोक
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने लद्दाख में सेना के टैंक में सवार जवानों के नदी पार करने के दौरान जलस्तर बढ़ने से बलिदान पर शोक प्रकट किया है। मुख्यमंत्री ने ईश्वर से सभी बलिदानियों की आत्मा की शांति और उनके स्वजन को असीम दुख सहने की शक्ति देने की कामना की है। उन्हाेंने कहा कि दुख की इस घड़ी में पूरा देश शोक संतप्त स्वजन के साथ खड़ा है।