10 साल पहले ट्रांजिट कैंप में आरोपियों ने अनुसूचित जाति के व्यक्ति से की थी मारपीटरुद्रपुर। जिला न्यायालय ने जातिसूचक शब्द कहने वाले चार आरोपियों को तीन-तीन साल की कारावास और 10,000-10,000 रुपये जुर्माने की सजा सुनाई।

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ट्रांजिट कैंप क्षेत्र में 10 साल पहले आरोपियों ने अनुसूचित जाति के व्यक्ति से अभद्रता कर मारपीट और गाली-गलौज की थी।
15 नवंबर 2013 को आजाद नगर ट्रांजिट कैंप निवासी जगदीश वाल्मीकि ने पुलिस बताया कि उनका बेटा नल में पानी भरने गया था। इस दौरान पड़ोस के रहने वाले सादन, समरेस आशीष, विशाल उर्फ केतू और एक किशोर ने उसका बर्तन फेंक दिया और नल से पानी भरने से मना किया। साथ ही जातिसूचक अभद्र शब्दों का प्रयोग कर उसे गाली-गलौज की। परिजनों के विरोध करने पर सभी आरोपी उनके घर में घुस आए और उन्होंने घर के सदस्यों को मारपीट कर गाली-गलौज की। पुलिस ने सभी पांच लोगों के खिलाफ केस दर्ज कर मामले की विवेचना शुरू की। पुलिस ने सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर न्यायालय के समक्ष पेश कर जेल भेजा। आरोपी किशोर को बाल सुधार गृह भेजा गया। शेष चारों आरोपियों के खिलाफ न्यायालय विशेष सत्र न्यायाधीश प्रेम सिंह खिमाल की अदालत में मुकदमा चला। जिला शासकीय अधिवक्ता एनएस धामी ने बताया कि मामले में 12 गवाह और 14 सबूत पेश कर आरोप को सिद्ध कर दिया गया। अदालत ने चारों दोषियों को तीन-तीन साल की कारावास और 10,000-10,000 रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है।


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