
गणेश चतुर्थी हिन्दू पंचांग के अनुसार भाद्रपद शुक्ल मास की चतुर्थी तिथि को बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाई जाती है। इस वर्ष गणेश चतुर्थी आज यही 7 सितंबर को है। हिंदू धर्म में उदया तिथि से ही व्रत और त्योहारों की शुरुआत हो जाती है।


गणेश चतुर्थी के दिन लोग अपने घर में गणेश जी की मूर्ति स्थापित करते हैं।
हर व्यक्ति अपनी क्षमता के अनुसार 3,5,7 या 10 दिनों तक गणेश जी की सेवा करता है और उसके बाद उनका विसर्जन कर दिया जाता है। मान्यता है कि गणेश चतुर्थी के दिन चंद्रमा के दर्शन नहीं होते हैं। जो भी व्यक्ति चंद्रमा को देख लेता है, उस पर झूठा आरोप लगता है। आइए जानते हैं चंद्र दर्शन क्या है?
इस मंत्र का जरुर जाप करें
अगर गलती से आपको इस दिन चंद्रमा दिख जाए तो मान्यता के अनुसार इस दिन-
प्रसेनमवधीतसिंहो जाम्बवता हतः। सुकुमारक मारोदिस्तव ह्येष स्यामंतक: ॥’
मंत्र जाप करना चाहिए। इस मंत्र का जाप करने से आप पर कोई नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ता है। मान्यता है कि अगर आपको गणेश चतुर्थी के दिन चांद दिख जाए तो आपको गणेश जी के लिए व्रत रखना चाहिए।



अगर आपको इस दिन चांद दिख जाए तो भगवान गणेश की पूजा करें और गरीबों को खाने की चीजें दान करें। इन सबके अलावा आपको जामवंत, भगवान श्री कृष्ण और स्यमंतक मणि की कथा सुननी चाहिए।

गणेश चतुर्थी पर भगवान की पूजा करने से सभी तरह के संकटों से मुक्ति मिलती है। ऐसे में अगर आपको गणेश चतुर्थी के दिन गलती से भी चांद दिख जाए तो आपको 27 बुधवार को गणेश मंदिर में जाकर उनकी पूजा करनी चाहिए।
चंद्रमा दिखने पर आपको उसी ही दिन गणेश जी की पूजा करनी चाहिए। भगवान गणेश को दूब की 21 गांठें चढ़ाएं। इस उपाय को करने से चंद्र दर्शन का दोष खत्म हो जाता है।
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लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस दिन चंद्र के दर्शन नहीं करने चाहिए (Aaj Chandra Darshan Nahi Karne Ka Time)। ऐसा कहा जाता है कि जो कोई भी भादो चौथ (Bhado Chauth 2024) पर चांद को देख लेता है उसके ऊपर कलंक लगने का खतरा रहता है। इसी कलंक से मुक्ति पाने के लिए लोग दूसरों की छतों पर पत्थर फेंकते हैं (Ganesh Chaturthi Par Dusro Ki Chhath Par Pathar Kyu Dale Jate Hai)। चलिए जानते हैं गणेश चतुर्थी पर चंद्र दर्शन कब नहीं करना है (Ganesh Chaturthi Par Chandra Darshan Kab Nahi Karna Hai), क्यों नहीं करना है और अगर चांद दिख जाए तो क्या करें। इसे पत्थर चौथ (Pathar Chauth Kab Hai 2024)) और कलंक चौथ (Kalank Chauth Kab Hai 2024) क्यों कहा जाता है। इसकी कहानी क्या है।
Ganesh Chaturthi 2024 Par Chand Kab Nahi Dekhna Hai (गणेश चतुर्थी पर चंद्र दर्शन वर्जित समय)
7 सितंबर 2024 को चांद सुबह 09 बजकर 30 मिनट से लेकर रात 08 बजकर 45 मिनट तक नहीं देखना है।
गणेश चतुर्थी पर चांद क्यों नहीं देखते हैं (Ganesh Chaturthi Par Chand Kyun Nahi Dekhte Hai)
पौराणिक कथा के अनुसार एक बार गणेश भगवान अपनी पसंदीदा मिठाई खा रहे थे कि तभी वहां से गुजर रहे चंद्रदेव उनकी सूरत देख उन पर हंस पड़े और अपनी सुंदरता का घमंड दिखाते हुए उनका उपहास उड़ाने लगे। जिससे नाराज होकर भगवान गणेश ने चंद्रदेव को श्राप दिया कि उन्हें अपने जिस रूप पर अभिमान है वो अब वैसा नहीं रहेगा। गणेश जी के श्राप देते ही चंद्र देव की सभी कलाएं नष्ट हो गईं। उनकी चमक पूरी तरह से जा चुकी थी। साथ ही गणेश जी ने ये भी कहा कि जो भी तुम्हारे इस रूप के दर्शन करेगा, उसे कलंकित होना पड़ेगा। इसके बाद चंद्र देव को अपनी गलती का एहसास हुआ। उन्होंने भगवान गणेश की विधिवत पूजा की और अपनी भूल के लिए क्षमा मांगी।
चंद्र देव की सच्ची निष्ठा से प्रसन्न होकर भगवान गणेश ने चंद्रदेव को वरदान मांगने के लिए कहा। तब चंद्रदेव ने श्राप निष्फल होने का वरदान मांगा। जिस पर भगवान गणेश ने कहा कि अब ये श्राप तो वापस नहीं लौट सकता लेकिन मैं उसे सीमित कर सकता हूं। गणेश जी ने कहा कि चंद्र दर्शन से कलंकित होने का श्राप सिर्फ इसी चतुर्थी यानी भादो चतुर्थी पर ही लगेगा। कहते हैं तभी से इस चतुर्थी पर चंद्र दर्शन वर्जित माना जाने लगा।
