
साथ ही दोषपूर्ण व आवंटित से अधिक विद्युत भार वाले उपभोक्ताओं पर भी कार्रवाई की तैयारी है। साथ ही मुख्य अभियंता व अधीक्षण अभियंता के स्तर पर भी बड़े डिफाल्टरों की सूची तैयार कर एफआइआर कराई जाएगी। इसके लिए सभी डिविजनों में टीमे गठित करने के निर्देश प्रबंधन ने दिए हैं।


सतर्कता इकाई की ओर से शुरू की जा रही छापेमारी
ऊर्जा निगम के प्रबंध निदेशक अनिल कुमार ने बताया कि विद्युत चोरी रोकने के लिए प्रभावी कदम उठाए जा रहे हैं। ऊर्जा निगम की सतर्कता इकाई की ओर से छापेमारी शुरू की जा रही है। जिसमें विद्युत चोरी (धारा-135) के अंतर्गत पकड़े जाने वाले प्रकरणों में अस्थायी रूप से विद्युत कनेक्शन काटने के साथ-साथ एफआइआर भी दर्ज की जा रही है।
इसके अलावा कनेक्शन के त्रुटिपूर्ण पाए जाने अधिक भार, विधा परिवर्तन एवं अन्य खामियों कर स्थिति में मौके पर ही नियमानुसार कार्रवाई कर जुर्माना वसूला जा रहा है। इसी क्रम में वित्तीय वर्ष 2024-25 में अक्टूबर तक सतर्कता सेल की ओर से कुल 2934 विद्युत संयोजन जांचे गए, जिसमें 1870 विद्युत चोरी प्रकरणों में कार्रवाई की गई। जो कि गत वित्तीय वर्ष की गई कार्रवाई की तुलना में 28 प्रतिशत अधिक है।
प्रबंध निदेशक ने बताया कि आगामी दिनों में उपभोक्ताओं के घरों पर स्मार्ट मीटर लगने से क्षेत्र में बिजली आपूर्ति बेहतर होने के साथ-साथ विद्युत चोरी पर भी नकेल कसी जा सकेगी।
इस वर्ष माहवार पकड़े गए विद्युत चोरी के मामले
- माह, जांचे गए कनेक्शन, पकड़ गए कनेक्शन, विद्युत भार (किवा)
- अप्रैल, 320, 201, 263
- मई, 474, 327, 483
- जून, 449, 299, 569
- जुलाई, 432, 235, 338
- अगस्त, 429, 284, 491
- सितंबर, 413, 229, 307
- अक्टूबर, 417, 295, 451
- योग, 2934, 1870, 2902
डिफाल्टरों के विरुद्ध भी कानूनी कार्रवाई
सतर्कता सेल के अलावा क्षेत्रीय कार्यालयों में तैनात मुख्य अभियंताओं व अधीक्षण अभियंताओं की ओर से भी विद्युत चोरी को रोकने के लिए प्रभावी कदम उठाए जा रहे हैं।
हिंदुस्तान Global Times/print media,शैल ग्लोबल टाइम्स,अवतार सिंह बिष्ट
साथ ही डिफाल्टरों की सूची बनाकर उनके विरुद्ध एफआरआइ भी दर्ज की जा रही है। विद्युत चोरी की सूचना देने के लिए उपभोक्ता विभिन्न माध्यमों कंस्यूमर हेल्पलाइन नंबर 1912 पर काल कर जानकारी दे सकते हैं, जिसमें उपभोक्ता की पहचान को गोपनीय रखा जाता है।
