भारत ने इस साल ऐतिहासिक हार झेली. न्यूजीलैंड ने भारतीय टीम को घुसकर पीटा. इतिहास में पहली बार न्यूजीलैंड भारत से टेस्ट सीरीज जीतकर लौटी. भारतीय फैंस इसका सबसे बड़ा जिम्मेदार बैटर्स को मानते हैं.

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ऑस्ट्रेलिया ने 2024 में 6 टेस्ट मैच खेले हैं, जिनमें से उसे 4 में जीत मिली है. वेस्टइंडीज और भारत ऑस्ट्रेलिया को इसी साल उसके घर में ही हरा चुके हैं. हार-जीत का आंकड़ा भले ही ऑस्ट्रेलिया के पक्ष में है लेकिन यह सही तस्वीर पेश नहीं करता. हकीकत यह है कि ऑस्ट्रेलिया ने ये छह टेस्ट अपने देश या न्यूजीलैंड में खेले हैं, जहां की परिस्थितियों से वे भली भांति वाकिफ हैं. इसके बावजूद ऑस्ट्रेलिया की टीम इन छह टेस्ट की 12 पारियों में एक भी बार 400 रन का स्कोर नहीं बना सकी. यही वो कमजोरी है, जिससे ऑस्ट्रेलिया कम से कम 2024 में निजात नहीं पा रही है.

टॉप-40 में एक भी कंगारू बैटर नहीं
साल 2024 में सबसे अधिक रन बनाने के मामले में ऑस्ट्रेलिया का एक भी बैटर टॉप-40 में नहीं है. कैमरन ग्रीन इस साल सबसे अधिक 302 रन बनाने वाले कंगारू बैटर हैं. साल में सबसे अधिक रन बनाने वाले बैटर्स की लिस्ट में ग्रीन का नंबर 49वां है. 50वें नंबर पर एलेक्स कैरी है. कैरी ने भी 302 रन ही बनाए हैं. इन दोनों के अलावा ऑस्ट्रेलिया का एक भी बैटर 300 रन का आंकड़ा नहीं छू सका है.

शतक में भी फ्लॉप शो
ऑस्ट्रेलिया के बैटर 2024 में शतक के लिए भी तरसते रहे हैं. सिर्फ कैमरन ग्रीन और ट्रैविस हेड ही एक-एक शतक लगा सके हैं. कैमरन ग्रीन ने न्यूजीलैंड के खिलाफ 174 रन की नाबाद पारी खेली थी, जिसकी बदौलत उनकी औसत 50 से ऊपर बनी हुई है. ट्रैविस हेड ने वेस्टइंडीज के खिलाफ 119 रन बनाए थे.

औसत के मामले में 7वें नंबर पर है ऑस्ट्रेलिया
इस साल टॉप-7 बैटर्स के कुल औसत के मामले में भी ऑस्ट्रेलिया की हालत बेहद खराब है. क्रिकइंफो के मुताबिक डब्ल्यूटीसी साइकल में शामिल 9 टीमों में ऑस्ट्रेलिया सिर्फ बांग्लादेश और वेस्टइंडीज से अच्छी स्थिति में है. ऑस्ट्रेलिया के टॉप-7 बैटर्स ने इस साल 29.52 की औसत से रन बनाए हैं. भारतीय बैटर्स 36.39 की औसत के साथ तीसरे नंबर पर हैं. श्रीलंका (39.30) पहले और इंग्लैंड (36.57) दूसरे नंबर पर है.


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