उत्तराखंड के रामनगर में पुलिस ने नशामुक्ति अभियान के तहत एक बड़ी सफलता हासिल की है. पुलिस ने अवैध गांजे की तस्करी में इस्तेमाल की जा रही एंबुलेंस का पर्दाफाश करते हुए 58 किलो 16 ग्राम गांजे के साथ दो तस्करों को गिरफ्तार किया है.

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यह कार्रवाई वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक नैनीताल के निर्देशन और क्षेत्राधिकारी रामनगर के पर्यवेक्षण में की गई.

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प्रिंट मीडिया,शैल ग्लोबल टाइम्स/ हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स/संपादक उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी, अवतार सिंह बिष्ट रुद्रपुर

घटना आज सुबह करीब 7:30 बजे की है. रामनगर पुलिस और एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स (एएनटीएफ) की संयुक्त टीम सीतावनी रोड पर वाहनों की चेकिंग कर रही थी. इस दौरान पाठकोट रोड से एक सफेद रंग की मारुति ईको एंबुलेंस (नंबर UP 21 BN 0419) आती हुई दिखाई दी. पुलिस ने एंबुलेंस को रुकने का इशारा किया. जैसे ही एंबुलेंस पुलिस टीम के पास पहुंची, उसमें सवार दो लोग दरवाजा खोलकर भागने का प्रयास करने लगे. पुलिस ने तुरंत मुस्तैदी दिखाते हुए दोनों को मौके पर ही पकड़ लिया. जब एंबुलेंस की तलाशी ली गई, तो उसमें से पांच कट्टों में कुल 58 किलो 16 ग्राम गांजा बरामद हुआ.

दोनों आरोपियों के खिलाफ NDPS एक्ट का मामला दर्ज किया गया है
आरोपियों ने गांजे की तस्करी के लिए एंबुलेंस का इस्तेमाल कर पुलिस की नजरों से बचने की योजना बनाई थी. एंबुलेंस की वजह से वाहन को सामान्य तौर पर बिना रोके निकलने की उम्मीद की जा रही थी. लेकिन पुलिस की सतर्कता ने आरोपियों के इस मंसूबे को नाकाम कर दिया. पकड़े गए आरोपियों की पहचान मुरादाबाद (उत्तर प्रदेश) निवासी रणधीर सिंह (40) और अरुण कुमार (28) के रूप में हुई है. रणधीर सिंह काजीपुरा इलाके का रहने वाला है, जबकि अरुण कुमार भगतपुर थाना क्षेत्र के सत्तीखेड़ा गांव का निवासी है. पुलिस ने दोनों आरोपियों के खिलाफ एनडीपीएस एक्ट की धारा 8/20/60 के तहत मामला दर्ज कर लिया है. इसके साथ ही गांजे की खेप ले जा रही एंबुलेंस को भी जब्त कर लिया गया है. पुलिस ने कहा कि यह पता लगाने के लिए जांच की जा रही है कि गांजा कहां से लाया गया था और इसे कहां ले जाया जा रहा था.

उत्तराखंड पुलिस को नशामुक्ति अभियान के तहत बड़ी सफलता मिली है
यह मामला उत्तराखंड पुलिस के नशामुक्ति अभियान के तहत एक बड़ी सफलता के रूप में देखा जा रहा है. पुलिस ने बताया कि गांजा तस्करी के लिए एंबुलेंस जैसी वाहन का उपयोग करना नशे के व्यापार में लिप्त गिरोहों की नई रणनीति को उजागर करता है. पुलिस अब इस गिरोह से जुड़े अन्य सदस्यों और नेटवर्क की जांच कर रही है. गांजा तस्करी के लिए एंबुलेंस का इस्तेमाल यह दर्शाता है कि तस्कर अब पुलिस को चकमा देने के लिए नित नए तरीके अपनाने लगे हैं. लेकिन पुलिस की सतर्कता और उनकी लगातार चल रही जांच की वजह से ऐसी साजिशें कामयाब नहीं हो पा रही हैं.

पुलिस ने इस मामले को लेकर कहा कि तस्करी के लिए इस्तेमाल किया गया यह तरीका बेहद गंभीर है और यह दिखाता है कि नशे का अवैध कारोबार अब किन ऊंचाइयों तक पहुंच गया है. पुलिस ने कहा कि इस मामले में गिरफ्तार दोनों आरोपी लंबे समय से तस्करी में लिप्त हो सकते हैं. इस पूरे नेटवर्क का भंडाफोड़ करने के लिए जांच जारी है.

नशामुक्त समाज बनाने बेहद जरूरी
उत्तराखंड पुलिस ने आम जनता से अपील की है कि अगर उन्हें नशे से जुड़ी किसी भी तरह की जानकारी मिलती है, तो वह तुरंत पुलिस को सूचित करें. नशामुक्त समाज बनाने के लिए जनता की भागीदारी बेहद जरूरी है. रामनगर पुलिस की यह कार्रवाई न केवल नशा तस्करों के मंसूबों पर बड़ा झटका है, बल्कि यह उत्तराखंड में चल रहे नशामुक्ति अभियान का एक महत्वपूर्ण हिस्सा भी है. पुलिस की इस सफलता को लेकर वरिष्ठ अधिकारियों ने टीम की सराहना की है.

तस्करी करने के लिए एंबुलेंस का प्रयोग गैर-कानूनी
यह मामला समाज के लिए एक सख्त संदेश है कि नशे का अवैध कारोबार किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. पुलिस और प्रशासन मिलकर इसे जड़ से खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध हैं. एंबुलेंस का उपयोग कर तस्करी करना न केवल गैरकानूनी है, बल्कि यह समाज के प्रति गंभीर अपराध भी है. पुलिस की इस कार्रवाई ने न केवल तस्करों को बेनकाब किया है, बल्कि नशे के खिलाफ अभियान को नई दिशा दी है.


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