किंगफिशर एयरलाइंस (केएफए) के पूर्व प्रमुख विजय माल्या बकाया कर्ज को लेकर कानूनी लड़ाई में उलझे हुए हैं। भारत सरकार माल्या और उनकी बंद हो चुकी एयरलाइन से बकाया ₹14,131.6 करोड़ की वसूली के लिए सक्रिय रूप से प्रयास कर रही है।

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तो वहीं इन दिनों ब्रिटेन में रह रहे विजय माल्या ने दावा किया है कि ‘भारतीय बैंकों ने उनकी बंद हो चुकी किंगफिशर एयरलाइंस (केएफए) के कर्ज से कहीं अधिक राशि वसूल की है।

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प्रिंट मीडिया,शैल ग्लोबल टाइम्स/ हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स/संपादक उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी, अवतार सिंह बिष्ट रुद्रपुर

वसूल की गई राशि कुल ₹14,131.60 करोड़ है, जबकि ऋण वसूली न्यायाधिकरण द्वारा निर्धारित ₹6,203 करोड़ का कर्ज बिल्कुल अलग है। मैं अपने कर्ज से ज्यादा का भुगतान कर चुका हूं इसलिए अब राहत पाने का हकदार हूं।’

हाल ही में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इन ऋणों की वसूली के लिए सरकार की प्रतिबद्धता पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, “सरकार ने विजय माल्या की संपत्तियों से ₹14,130 करोड़ की वसूली के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं।”

माल्या की कानूनी परेशानियाँ बहुत बड़ी हैं, उनके खिलाफ भारत और विदेश में कई मामले दर्ज हैं। 2016 से, उन पर भारतीय बैंकों से लिए गए ₹9,000 करोड़ के ऋण पर चूक करने के आरोप लगे हैं। इन चुनौतियों के बावजूद, माल्या अपनी बेगुनाही का दावा करते रहते हैं और दावा करते हैं कि वे “घोर अन्याय” के शिकार हैं।

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने वसूली प्रक्रिया में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। वे माल्या से जुड़ी ₹6,203 करोड़ की संपत्ति जब्त करने में सफल रहे हैं। हालांकि, मूल ऋण पर ब्याज के रूप में ₹1,200 करोड़ का अतिरिक्त बकाया है। ईडी की कार्रवाई आर्थिक अपराधियों को जवाबदेह ठहराने की एक बड़ी रणनीति का हिस्सा है।


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