कांग्रेस सीनियर लीडर और उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत गुरुवार को राज्य में हुए नगर निकाय चुनावों में अपना वोट नहीं डाल पाए. देहरादून में लंबे समय से रहने वाले हरीश रावत जब मतदान केंद्र पर पहुंचे तो उन्होंने ये पाया कि उनका नाम वोटर लिस्ट से गायब है.

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पीटीआई के मुताबिक हरीश रावत ने कहा कि मैं सुबह से इंतजार कर रहा हूं, लेकिन मेरा नाम उस मतदान केंद्र पर नहीं मिला, जहां मैंने लोकसभा चुनाव में मतदान किया था. उन्होंने निराशा व्यक्त की और अनियमितताओं का आरोप लगाते हुए कहा कि मुझे अधिक सतर्क रहना चाहिए था, क्योंकि मैं जानता था कि बीजेपी वोटर लिस्ट में नाम जोड़ने और हटाने में शामिल है.

प्रिंट मीडिया, शैल ग्लोबल टाइम्स/ हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स/संपादक उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी, अवतार सिंह बिष्ट रुद्रपुर, (उत्तराखंड)

हरीश रावत 2009 से देहरादून के निरंजनपुर क्षेत्र से मतदान कर रहे हैं, जिसमें 2022 के विधानसभा चुनाव और पिछले साल की शुरुआत में हुए लोकसभा चुनाव भी शामिल हैं. राज्य चुनाव आयोग से शिकायत करने पर उन्हें बताया गया कि चुनाव आयोग का कंप्यूटर सर्वर खराब है, जिससे समस्या का कोई समाधान नहीं हो पा रहा है.

बता दें कि उत्तराखंड में 11 नगर निगमों, 43 नगर परिषदों और 46 नगर पंचायतों में नगर निगम चुनाव हो रहे हैं. इसके लिए कुल 5405 उम्मीदवार मैदान में हैं, जिनमें 72 कैंडिडेट मेयर पद के लिए, 445 कैंडिडेट नगर परिषद अध्यक्ष पद के लिए और 4,888 कैंडिडेट नगर पार्षद सीटों के लिए ताल ठोक रहे हैं.

उत्तराखंड राज्य चुनाव आयोग ने कहा कि 1,282 वार्डों में हो रहे इन चुनावों में 30 लाख से ज़्यादा मतदाता भाग लेने के पात्र हैं. 25,800 सुरक्षा कर्मियों और 16,284 मतदान कर्मचारियों की मदद से 1,515 मतदान केंद्रों और 3,394 मतदान बूथों पर मतदान हो रहा है. राज्य चुनाव आयुक्त सुशील कुमार ने कहा कि मतदान बैलेट के ज़रिए हो रहा है और मतों की गिनती 25 जनवरी को होगी.


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