नेपाल में राजशाही की मांग बढ़ती जा रही है। इस बीच सोमवार को पूर्व राजा ज्ञानेंद्र की राष्ट्रीय प्रजातांत्रिक पार्टी ने राजधानी काठमांडू में फिर से बड़ा विरोध प्रदर्शन किया है।

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इससे पहले 28 मार्च को भी प्रदर्शनकारियों ने काठमांडू में हिंसक प्रदर्शन किया है। प्रदर्शनकारियों ने तिनकुने में स्थित एक इमारत में खूब तोड़फोड़ की और उसे आग के हवाले कर दिया। इसके साथ ही प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर काफी पथराव भी किया, जिसके जवाब में सुरक्षाबलों को आंसू गैस के गोले दागने पड़े। इस घटना में कई लोग घायल हुए।

प्रिंट मीडिया, शैल ग्लोबल टाइम्स/ हिंदुस्तान ग्लोबल टाइम्स/संपादक उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी, अवतार सिंह बिष्ट रुद्रपुर, (उत्तराखंड)

सरकार को मिला अल्टीमेटम

राजशाही की मांग को लेकर चल रहे इस आंदोलन में 40 से ज्यादा नेपाली संगठनों ने हिस्सा लिया है। आंदोलन के दौरान प्रदर्शनकारियों ने राजा आओ देश बचाओ, भ्रष्ट सरकार मुर्दाबाद और हमें राजशाही वापस चाहिए जैसे नारे लगाए। प्रदर्शनकारियों ने नेपाली सरकार को एक सप्ताह का अल्टीमेटम दिया है। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि अगर उनकी मांग पूरी नहीं हुई तो और भी हिंसक प्रदर्शन होंगे।

पूर्व राजा ने मांगा था समर्थन

नेपाल के पूर्व राजा ज्ञानेंद्र ने 19 फरवरी को लोकतंत्र दिवस के मौके पर लोगों से समर्थन मांगा था। इसके बाद से ही देश में ‘राजा लाओ, देश बचाओ’ आंदोलन की तैयारियां चल रही थीं। बता दें कि पूर्व नेपाली राजा ज्ञानेंद्र शाह पर 1 जून 2001 को नारायणहिती नरसंहार में अपने परिवार के सदस्यों की हत्या का आरोप है। इस घटना में राजा बीरेंद्र और रानी ऐश्वर्या समेत राज परिवार के नौ सदस्य मारे गए थे।


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